KGMU Hospital News: केजीएमयू में फायर सेफ्टी प्रोग्राम के तहत दी गयी ट्रेनिंग, बड़ी संख्या में अस्पतालकर्मी शामिल
KGMU Hospital News: प्रवीण कुमावत जो कि नर्सिंग ऑफिसर हैं, उन्होंने इस प्रशिक्षण के बारे में कुछ बहुत ही महत्वपूर्ण बातें बताईं। उन्होंने बताया कि केजीएमयू में अग्नि निवारण कार्यक्रम के तहत समय-समय पर अग्नि सुरक्षा कार्यक्रम चलाए जाते हैं।
KGMU Hospital News: किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी के कार्डियोलॉजी विभाग के सामने आज अग्नि सुरक्षा के तहत किसी भी दुर्घटना की स्थिति में 'कैसे खुद को बचाएं' विषय पर प्रशिक्षण दिया गया। कार्यक्रम के तहत नर्सिंग स्टाफ और अन्य मेडिकल छात्रों को अस्पताल में आग लगने की स्थिति में तत्काल कार्रवाई करने का प्रशिक्षण दिया गया। इस कार्यक्रम में बड़ी संख्या में अस्पताल के कर्मचारियों और अन्य मेडिकल छात्रों ने हिस्सा लिया।
इस संबंध में न्यूजट्रैक ने कुछ अस्पताल कर्मचारियों से बात की। प्रवीण कुमावत जो कि नर्सिंग ऑफिसर हैं, उन्होंने इस प्रशिक्षण के बारे में कुछ बहुत ही महत्वपूर्ण बातें बताईं। उन्होंने बताया कि केजीएमयू में अग्नि निवारण कार्यक्रम के तहत समय-समय पर अग्नि सुरक्षा कार्यक्रम चलाए जाते हैं। प्रवीण ने बताया कि केजीएमयू का कोई भी स्टाफ हो या फिर प्रथम श्रेणी से लेकर चतुर्थ श्रेणी तक का कोई भी कर्मचारी या फिर अधिकारी या डॉक्टर, सभी के लिए प्रशिक्षण आयोजित किया जाता है।
नर्सिंग ऑफिसर का कहना है कि केजीएमयू में आईसीयू और कार्डियोलॉजी समेत अन्य विभागों में अग्नि सुरक्षा सिस्टम पहले से ही लगा हुआ है, फिर भी सिलेंडर आदि को ध्यान में रखते हुए इनसे बचाव के लिए समय-समय पर आवश्यक प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।
झांसी मेडिकल कॉलेज में हाल ही में हुए हादसे को याद करते हुए वे कहते हैं, "ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो और उन्हें रोकने के लिए नर्सिंग स्टाफ, डॉक्टर या कोई अन्य अस्पताल कर्मी हो, सभी को समय-समय पर अग्नि सुरक्षा कार्यक्रम के तहत प्रशिक्षण दिया जाना चाहिए। ताकि ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति होने पर त्वरित कार्रवाई की जा सके।" प्रवीण ने बताया कि अग्नि सुरक्षा कार्यक्रम और उनसे बचाव के लिए जरूरी प्रशिक्षण कार्यक्रम केवल कार्डियोलॉजी विभाग में ही नहीं, बल्कि केजीएमयू के अन्य विभागों में भी समय-समय पर आयोजित किए जाते हैं। नर्सिंग अधिकारी ने आगे बताया कि यह कार्यक्रम पूरे साल नियमित रूप से चलता है। ऐसा नहीं है कि झांसी की घटना के बाद केजीएमयू में यह जागरूकता आई है। ऐसा बिल्कुल भी नहीं है। आपको बता दें कि झांसी मेडिकल कॉलेज में हुई आग की घटना ने प्रदेश के सभी अस्पतालों के लिए खतरे की घंटी बजा दी है। सभी अस्पताल अपने अग्निशमन तंत्र को बेहतर बनाने के लिए उठाए जाने वाले कदमों को लेकर सतर्क हो गए हैं। उन्हें इस बात का भी डर है कि कब कौन सा अधिकारी निरीक्षण के लिए आ जाए और कोई गड़बड़ी पाए जाने पर कार्रवाई हो जाए।