Lucknow News: रोबोटिक सर्जरी शुरू करने वाला दूसरा संस्थान बनेगा KGMU, शासन ने स्वीकृत किए 12.27 करोड़ रुपए
Lucknow News: केजीएमयू में रोबोटिक सर्जरी की शुरुआत करने के लिए शासन की ओर से 12.27 करोड़ की रकम को स्वीकृत प्रदान की गई है। जल्द ही यह व्यवस्था शुरू होने की संभावना है। शासन द्वारा रकम स्वीकृत होने के बाद अब रोबोट खरीदने के लिए टेंडर प्रक्रिया शुरू होने जा रही है।
Robotic Surgery in KGMU: राजधानी के किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी में रोबोट से सर्जरी करने की तैयारी है। संस्थान में रोबोटिक्स सर्जरी शुरू करने की योजना बना ली गई है। जल्द ही केजीएमयू में यह व्यवस्था शुरू होगी। बता दें कि शहर में अभी सिर्फ एसजीपीजीआई के पास ही रोबोटिक सर्जरी की व्यवस्था है। केजीएमयू लखनऊ का दूसरा संस्थान होगा जहां रोबोट से सर्जरी होगी।
दूसरा सरकारी संस्थान होगा केजीएमयू
केजीएमयू में रोबोटिक सर्जरी की शुरुआत करने के लिए शासन की ओर से 12.27 करोड़ की रकम को स्वीकृत प्रदान की गई है। जल्द ही यह व्यवस्था शुरू होने की संभावना है। शासन द्वारा रकम स्वीकृत होने के बाद अब रोबोट खरीदने के लिए टेंडर प्रक्रिया शुरू होने जा रही है। जानकारी के मुताबिक इस समय सरकारी संस्थानों में सिर्फ एसजीपीजीआई के पास ही रोबोटिक सर्जरी की व्यवस्था है। यह सुविधा देने वाला केजीएमयू दूसरा सरकारी संस्थान होगा।
पीजीआई से कम क्षमता का होगा रोबोट
केजीएमयू की शताब्दी एक बिल्डिंग में रोबोट लगाने का फैसला लिया गया है। संस्थान के सभी विभाग यहां बारी बारी से मरीजों की सर्जरी करा सकेंगे। शताब्दी एक भवन में हड्डी, ट्रॉमा तथा शताब्दी दो जैसे विभागों से मरीजों की शिफ्टिंग भी आसान होगी। यूरोलजी, नेफ्रॉलजी, गैस्ट्रो समेत जनरल सर्जरी विभाग भी अपने मरीजों की सर्जरी जरूरत के मुताबिक रोबोट से कर सकेंगे। बता दें कि केजीएमयू का रोबोट एसजीपीजीआई के मुकाबले थोड़ी कम क्षमता का होगा। पीजीआई में 55 करोड़ की लागत से रोबोट खरीदा गया था।
डॉक्टर के कमांड पर ऑपरेट कर करता है रोबोट
रोबोटिक सर्जरी में डॉक्टर के कमांड पर रोबोट काम करता है। मरीज का ऑपरेशन ऑपरेशन डॉक्टर द्वारा ही किया जाता है। लेकिन डॉक्टर को मरीज के पास नहीं खड़ा होना पड़ता है। डॉक्टर रोबोट के उपकरणों को कमांड देता है और रोबोट मरीज के पास रहता है। इसका आकलन बेहद सटीक होता है। सर्जरी के लिए लगाया जाने वाला चीरा आदि भी बेहद नपा-तुला होता है। इसकी सबसे बड़ी विशेषता है कि यह शरीर के उन अंगों तक आसानी से पहुंच जाता है, जहां सामान्य सर्जरी में काम करना बेहद मुश्किल होता है। ऑपरेशन के दौरान इस सर्जरी में खून कम निकलता है तथा मरीज को अस्पताल से कम समय में छुट्टी भी मिल जाती है।