LDA News: 20 साल में तैयार होने वाले जंगल को अकबर नगर में मियावाकी तकनीक से 2 साल में तैयार करेगा LDA

LDA News: लखनऊ विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष प्रथमेश कुमार ने बताया कि अयोध्या रोड के किनारे कुकरैल नदी के तट पर कब्जामुक्त करायी गयी 24.7 एकड़ भूमि में से 15.2 एकड़ क्षेत्रफल में सौमित्र वन एवं शक्ति वन विकसित किया जा रहा है।

Report :  Santosh Tiwari
Update:2024-07-20 20:19 IST

कुकरैल में रखे पौधे। Photo- Newstrack

LDA News: लखनऊ विकास प्राधिकरण द्वारा अयोध्या रोड के किनारे कुकरैल नदी के तट पर विकसित किया जा रहा सौमित्र वन और शक्ति वन शहरवासियों को ताजी सांस तो देगा ही। साथ ही पर्यावरण संरक्षण को लेकर प्रदेश भर में चलाये जा रहे महाअभियान में एक अलग कीर्तिमान बनाएगा। वजह यह है कि एलडीए इस वन क्षेत्र को महज 2 वर्ष के अंदर पूरी तरह विकसित करने का काम करेगा, जबकि सामान्यतः एक जंगल को पूरी तरह विकसित होने में 20 वर्ष तक का लंबा समय लगता है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को सौमित्र वन में हरिशंकरी वाटिका (पीपल, पिलखन व बरगद के पौधे) लगाकर इस परियोजना का शुभारम्भ किया। इस दौरान विभिन्न विभागों के अधिकारियों एवं कर्मचारियों, स्कूल के छात्र-छात्राओं, सिविल डिफेंस व सामाजिक संस्थाओं के सदस्यों ने क्षेत्र में 10,000 से अधिक पौधे लगाये।

लखनऊ विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष प्रथमेश कुमार ने बताया कि अयोध्या रोड के किनारे कुकरैल नदी के तट पर कब्जामुक्त करायी गयी 24.7 एकड़ भूमि में से 15.2 एकड़ क्षेत्रफल में सौमित्र वन एवं शक्ति वन विकसित किया जा रहा है। वहीं, 4.942 एकड़ भूमि एसटीपी के लिए आरक्षित की गयी है। उन्होंने बताया कि इस वन क्षेत्र में 11 वृक्ष प्रजाति, 21 सह वृक्ष प्रजाति, 10 हर्ब प्रजाति व 14 झाड़ी प्रजाति के लगभग 125000 पेड़-पौधे लगाए जाएंगे। पूरे वन क्षेत्र का विकास मियावाकी पद्धति से किया जाएगा। इससे एक तरफ तो वायु शुद्धि, छाया एवं शीतलता, मिट्टी सुधार, कटाव नियंत्रण व जैव विविधता को समर्थन मिलेगा। वहीं, दूसरी तरफ सामान्यतः 20 वर्ष में तैयार होने वाला जंगल मात्र 2 वर्ष में ही स्वरूप ले लेगा। इसके अलावा कुकरैल नदी के किनारे का बफर मैंग्रोव वनीकरण जल गुणवत्ता में सुधार, बाढ़ शमन, पर्यावास और जैव विविधता एवं जलवायु शुद्धिकरण में उपयोगी होंगे।

सिंचाई के लिए बिछायी गयी अंडरग्राउंड पाइप लाइन

एलडीए वीसी प्रथमेश कुमार ने बताया कि वन क्षेत्र में पार्क भी विकसित किया जाएगा। जिसमें बच्चों के लिए किड्स जोन, लाॅन, ग्रीन एरिया, ओपन जिम व टहलने के लिए पाथ-वे आदि बनाया जाएगा। इसके अलावा वन क्षेत्र की सुंदरता को निखारने के लिए हाईमास्ट व फसाड लाइटें भी लगवायी जाएंगी। उन्होंने बताया कि वन क्षेत्र में रोपित किये जा रहे पौधों की सिंचाई के लिए स्थायी व्यवस्था की जा रही है। इसके तहत पूरे वन क्षेत्र में अंडरग्राउंड पाइप लाइन बिछाने का काम किया जा रहा है और प्रथम चरण में लगभग 1.5 किलोमीटर लंबी पाइप लाइन बिछा दी गयी है। इसमें निर्धारित दूरी पर पाॅप-अप स्प्रिंकलर लगाये गये हैं, जिससे पौधों को नियमित रूप से पानी दिया जा सकेगा।

फल और फूलों के पौधे भी लगेंगे

सहायक उद्यान अधिकारी कर्ण सिंह ने बताया कि इस विकास कार्य में फलों के पेड़ों का समूह जैसे आम, अमरूद, लीची, जामुन, सहजन। फूलों के छायादार पौधे जैसे अमलताश, पलाश, नीलमोहर, गुलमोहर, चंपा एवं राॅयल पाॅल्म, टर्मीनेलिया मेंटली, बिस्मार्किया पाॅल्म, रेजनाॅल्ड, स्टार लाइट आदि पेड़ भी लगाए जाएंगे। इसके अलावा फूलों की झाड़ियां जैसे बोगनबेलिया, टिकोमा, गुड़हल, चांदनी के पौधे भी रोपे जाएंगे। सुगंधित फूलों के पौधे जैसे बेला, चमेली, रात रानी, जूही, मधुमालती इत्यादि लगाये जाएंगे। वहीं, जलभराव वाले क्षेत्र में बांस, अर्जुन, जामुन, केन इत्यादि प्रजाति के पौधे भी यहां लगेंगे। 

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