Lucknow University: 67वें दीक्षांत में मेधावियों पर पदकों की बारिश, डॉ. पांडुरंग बोले- 'ग्रेट इमेजिनेशन और क्रिएटिविटी से उभरेगा भारत'

Lucknow University: मुख्य अतिथि डॉ. विजय पांडुरंग ने कहा कि जो आगे की दुनिया होगी वह छात्राओं की होगी। भारत पूरी दुनिया में सबसे आगे आएगा तब हमारी महिलाएं ही होंगी। ग्रेट इमेजिनेशन और ग्रेट इमेजिनेशन से ही भारत देश उभरेगा।

Report :  Abhishek Mishra
Update:2024-09-16 14:15 IST

67वें दीक्षांत में मेधावियों पर पदकों की बारिश (Photo Source: Ashutosh Tripathi)

Lucknow University: लखनऊ विश्वविद्यालय का 67वां दीक्षांत समारोह सोमवार को कला संकाय प्रांगण में आयोजित हुआ। यहां कंप्यूटर वैज्ञानिक व सुपर कंप्यूटर के जनक पद्मभूषण डॉ. विजय पांडुरंग मुख्य अतिथि रहे।प्रदेश सरकार के उच्च शिक्षा मंत्री योगेंद्र उपाध्याय अति विशिष्ट अतिथि व उच्च शिक्षा राज्य मंत्री रजनी तिवारी विशिष्ट अतिथि के रूप में मौजूद रहीं। 

डिजीलॉकर पर अपलोड हुई 1,06,306 डिग्रियां

दीक्षांत समारोह कार्यक्रम वंदे मातरम गाकर शुरू किया गया। पर्यावरण गीत गाया गया। इस पर छात्रों ने अपनी प्रस्तुति दी। इसके बाद विश्वविद्यालय का कुलगीत प्रस्तुत हुआ। कुलसचिव विद्यानंद त्रिपाठी की अगुवाई में शोभा यात्रा निकाली गई। जिसमें सभी शिक्षक शामिल होकर पंडाल तक पहुंचे। दीक्षांत समारोह में राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने विभिन्न विभागों के विद्यार्थियों की डिग्रियां डिजीलॉकर पर अपलोड की। इसके साथ राज्यपाल ने मार्कशीट भी डिजिलॉकर में अपलोड की। शैक्षिक सत्र 2023-24 में उत्तीर्ण हुए कुल एक लाख छह हजार तीन सौ छह विद्यार्थियों की डिग्रियां और मार्कशीट डिजीलॉकर पर अपलोड कर दी गई हैं। राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने नवीन पुस्तकों का विमोचन किया।


 भारत ग्रेट इमेजिनेशन से उभरेगा

मुख्य अतिथि डॉ. विजय पांडुरंग ने कहा कि जो आगे की दुनिया होगी वह छात्राओं की होगी। भारत पूरी दुनिया में सबसे आगे आएगा तब हमारी महिलाएं ही होंगी। ग्रेट इमेजिनेशन और ग्रेट इमेजिनेशन से ही भारत देश उभरेगा। सबको शिक्षा, शोध पर ध्यान देना होगा। बाहर के बच्चे भारत के उत्तर प्रदेश में आकर शिक्षा लें। एक इको सिस्टम व माहौन बनाएं। उद्योग रिसर्च और इनोवेशन से आगे आएगा। उप्र. के भविष्य में आगे यही विद्यार्थी शामिल होंगे। उन्होंने कहा कि पहला नाम अपना, मां और फिर पिता का नाम हो। बिना भारतीय छात्र व शोध के दूसरे देश ईस्टर्न कंपनी आगे नहीं बढ़ रही हैं। भविष्य सॉफ्टवेयर इंडिया, हार्ड वेयर चाइना, क्वाटंम टेक्नोलॉजी, साइंस, क्वांटम लेवल है। क्वांटम कई टेक्नोलॉजी के साथ रहेगा। कई कंपनियां भारत से समन्वय करेंगी। 

शिक्षकों के बच्चे सबसे आगे

राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने कहा कि 107 छात्र छात्राओं को अवार्ड दिया गया। सभी को बधाई। देवियां ज्यादा है। लड़कियां ही आगे हैं। इसी वजह से विश्वास पैदा होता है कि भारत विश्व गुरु बनेगा। अभिभावक ज्यादातर शिक्षक हैं, उनको ही ज्यादा अवार्ड प्राप्त हुआ है। शिक्षक के बच्चे आगे आ रहे हैं। इसकी वजह यह है कि फाउंडेशन जो होता है, वह मजबूत होना चाहिए। स्कूल और घर में शिक्षक होने से ज्यादा फायदा हुआ है। उन्होंने कहा कि छात्रों ने जो निबंध लिखे हैं, वह बहुत ही सुंदर हैंडराइटिंग सुंदर लेखन है। प्राइमरी शिक्षकों ने कमाल कर दिया। ऐसी प्रतिस्पर्धाएं नहीं होती है तो हम कहां खड़े हैं। देश कहां खड़ा है यह पता नहीं चलता है। 


 रिसर्च के लिए आगे बढ़ें

राज्यपाल ने कहा कि पांच साल पहले विवि की स्थिति क्या थी। पांच साल बाद कितना बदलाव आया है सभी क्षेत्रों में। एनआईआरएफ में भी 100 के अंदर स्थान प्राप्त किया है। पूरे भारत के लिए प्रशंसा के पात्र हैं। प्रधानमंत्री की योजना पीएम ऊषा में 100 करोड़ रुपए प्राप्त हुआ है। अध्यापक के रिसर्च में इसका उपयोग होने वाला है। रिसर्च के लिए आगे बढ़े। नई दिशा में बढ़े। पहली बार तीन से ज्यादा अवार्ड प्राप्त करने वाले सामने मंच पर रहेंगे। डिजि लॉकर में डिग्रियां अपलोड की गई हैं। पोर्टल पर आप आगे बढ़ रहे हो। राज्य सरकार 200 करोड़ से ज्यादा खर्च करती थी मार्कशीट आदि के लिए। विद्यार्थी शिक्षित हो गए हैं, लेकिन उन्हें मार्गदर्शन की जरूरत अभी भी रहेगी। 

विद्यार्थियों की सफलता के पीछे अभिवावक

अति विशिष्ट अतिथि उच्च शिक्षा मंत्री योगेंद्र ने कहा कि सफलता के पीछे उनके माता पिता व गुरुजन हैं। अब आपके जीवन में नया परिवर्तन आएगा। नए मोड़ आएंगे। आप अपने नए जीवन की ओर अग्रसर होंगे। यह शिक्षा आपको दिशा देगी और दशा सुधारेगी। शिक्षा का उद्देश्य मात्र डिग्री प्राप्त करना है या कुछ और ग्रहण करना है। गणेश जी का उत्सव मना रहा है। कई साल पहले तिलक जी ने दिशा दी। हर जगह गणेश उत्सव होता है। राष्ट्रीयता और राष्ट्रवाद की शिक्षा मिलती है। उन्होंने कहा कि यह भी देखा जाता है कि कुछ लोग उस पर पत्थर फेंकते हैं। ऐसे लोग कौन हैं। यह कोई शिक्षक नहीं हैं। हम उस प्रदेश के वासी हैं, जिसमें हमारे बढ़े आराध्य प्रकट हुए। भगवान श्रीराम, श्रीकृष्ण जी और शिव जी प्रकट हुए यहीं पर। राम मनोहर लोहिया ने लिखा है कि इन तीनों ने पूरे देश को एक कर दिया। 

संस्थान की पताका को ऊपर ले जाएं विद्यार्थी

विशिष्ट अतिथि उच्च शिक्षा राज्य मंत्री रजनी तिवारी ने कहा कि यह समारोह शिक्षा और ज्ञान की खोज की प्रतिबद्धता का प्रमाण और विद्यार्थियों की क्षमता का प्रतिबिंब है। डिग्री सिर्फ प्रमाण नहीं परिवर्तन का साधन है। भारत ग्यारहवीं से पांचवी अर्थव्यवस्था बन गया है। विद्यार्थियों को रास्ते में आने वाले आनी चुनौतियों का सामना कर सफलता की ओर बढ़ना चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकार आपके भविष्य के लिए पारदर्शी योजनाएं बना रही है। विद्यार्थी भाग्यशाली कि उन्होंने इस संस्थान से शिक्षा ग्रहण की है। छात्रों का नैतिक दायित्व संस्थान की पताका को ऊपर ले जाएं।

दीक्षांत समारोह की मुख्य बातें 

1. 67वें दीक्षांत समारोह में पहली बार डिग्री के साथ मार्कशीट को भी डिजी लॉकर पर अपलोड किया गया।

2. ⁠कुल एक लाख छह हजार 306 डिग्रियां और मार्कशीट डिजी लॉकर पर अपलोड की गई हैं।

3. ⁠पहली बार मेधावी विद्यार्थियों के साथ उनके माता-पिता भी मंच पर गए।

4. ⁠कुल 198 पदकों का वितरण किया गया. इसमें 177 स्वर्ण, दो रजत, 11 कांस्य और आठ बुक प्राइज प्रदान किए गए।

5. ⁠107 विद्यार्थियों को पदक बांटे गए. इसमें 77 छात्राएं और 30 छात्र हैं।

6. ⁠तीन लाख 40 हजार 351 एबीसी आईडी बनाई गई है।

7. ⁠राज्यपाल ने विश्वविद्यालय और संबद्ध कॉलेजों के 11 शिक्षकों की पुस्तकों का विमोचन किया।

8. ⁠पहली बार संबद्ध कॉलेजों में समारोह का सजीव प्रसारण किया गया। 




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