Lucknow News: अहिमामऊ चौराहे पर एक महीने में ₹50 लाख से अधिक का है अवैध डग्गेमारी का नेक्सस, ट्रैफिक पुलिस और आरटीओ मौन

Lucknow News: डग्गेमार वाहन चालक बताते हैं कि त्यौहारों के दौरान गाड़ियों का मुनाफा और अधिक बढ़ जाता है। क्यों कि इस दौरान यात्रियों की आवाजाही अधिक हो जाती है।

Report :  Santosh Tiwari
Update: 2024-07-25 14:13 GMT

लगातार दूसरे दिन न्यूज़ट्रैक के कैमरे में कैद हुई डग्गेमार गाड़ी। Photo- Newstrack 

Lucknow News: राजधानी लखनऊ के अहिमामऊ चौराहे से डग्गेमार गाड़ियों के एक दिन में करीब 200 अवैध चक्कर लगते हैं। प्रत्येक गाड़ी पूर्वांचल के विभिन्न जिलों में सवारियां लेकर रवाना होती है। अवैध रूप से सवारियों को ढोने का काला धंधा सुबह से लेकर देर रात तक धड़ल्ले से चलता है लेकिन इस पर न तो परिवहन विभाग की नजर पड़ती है और न ही ट्रैफिक पुलिस इसे रोक पा रही है। आलम यह है कि अकेले अहिमामऊ चौराहे पर ही अवैध गाड़ियों का नेक्सस एक महीने में 50 लाख रुपये से अधिक का है। 

न्यूज़ट्रैक रिपोर्टर को डग्गेमारी का सिस्टम बताता चालक कैमरे में हुआ कैद। Photo- Newstrack

गुरुवार को न्यूज़ट्रैक रिपोर्टर ने गाड़ी मालिक बनकर यहाँ मौजूद चालकों से बात की। इस पर राजकुमार यादव नाम के चालक ने कहा कि आप गाड़ी यहां ले आइए फिर चाहे मुझे ठेके पर दे दीजिए या फिर खुद चलवा के देख लीजिए आपको जो समझ आए वो करिए। कोई दिक्कत नहीं है। मैं खुद तीन गाड़ियां चलवा रहा हूँ जिसमें एक मऊ जिले के एक ग्राम प्रधान हैं उनकी अर्टिगा है, एक किसी अन्य की है और एक मेरी खुद की स्विफ्ट डिज़ायर कार है जो बिना नंबर के चलती है। अगर आप गाड़ी मुझे दे देंगे तो मैं महीने के आपको 30 हजार रुपये दूंगा फिर आप चाहे प्रतिदिन हजार रुपये के हिसाब से ले लीजिए या 15-15 दिन के अंतराल पर या फिर एक मुश्त ले लीजिए। इसमें न तो आपको ड्राइवर को देखना पड़ेगा और न ही चालान आदि की समस्या आपकी होगी। जो भी समस्या आएगी वो हम देख लेंगे। आपको महीने का 30 हजार मिल जाया करेगा। इसके साथ ही चालक ने रिपोर्टर को अपना नंबर भी दिया और कहा कि आप जाइए जब आपको गाड़ी चलवानी हो तो फोन करिएगा। वहीं, सुल्तानपुर निवासी एक अन्य चालक ने बातचीत में बताया कि दिन में एक चक्कर आराम से लग जाता है। सीएनजी, टोल हटाकर प्रतिदिन 1500 से लेकर 2 हजार तक आराम से बच जाता है। अगर ज्यादा मेहनत कर लें तो दो चक्कर भी हो जाते हैं। एक महीने में सारा सिस्टम भी सेट हो जाता है। इसलिए ज्यादा परेशानी की बात नहीं है।

त्यौहारों के दौरान बढ़ जाता है मुनाफा

डग्गेमार वाहन चालक बताते हैं कि त्यौहारों के दौरान गाड़ियों का मुनाफा और अधिक बढ़ जाता है। क्यों कि इस दौरान यात्रियों की आवाजाही अधिक हो जाती है और सरकारी बसों में भी सीटें फुल रहती हैं। ऐसे में यात्रियों की मजबूरी होती है की वो निजी वाहनों से ही सवारी करें। दूसरी ओर निजी वाहन चालकों की वजह से परिवहन विभाग को रोजाना लाखों रुपये की चपत लग रही है।

यहां भी चलती है डग्गेमारी

अहिमामऊ चौराहे के साथ ही शहीद पथ, चिनहट, कमता, अवध चौराहा, रेजिडेंसी कैसरबाग, मड़ियांव, तेलीबाग, पीजीआई आदि इलाकों में भी अवैध डग्गेमारों की भरमार है। इसमें बसें, कार, टाटा मैजिक, वैन समेत तमाम गाड़ियां शामिल हैं। परिवहन विभाग और ट्रैफिक पुलिस की लापरवाही के चलते शहर में अवैध डग्गेमारी चरम पर है। 

परिवहन आयुक्त ने दिया था गैर जिम्मेदाराना बयान

इस मामले को लेकर न्यूज़ट्रैक रिपोर्टर ने बुधवार को परिवहन आयुक्त चंद्र भूषण सिंह से बात की थी जिस पर सबसे पहले उन्होंने कहा कि आप कैसे सब वाहनों को अवैध कह सकते हैं। अगर उनके पास परमिट है, फिटनेस है, परमिट मिला है चलने के लिए तो वो इलीगल कैसे हो गई, हर गाड़ी को आप इलीगल कैसे कह दोगे। रिपोर्टर ने जब उनसे कहा कि यह गाड़ियां कमर्शियल नंबर प्लेट नहीं निजी नंबर प्लेट वाली हैं तो वह रिपोर्टर से ही पूछने लगे की ''क्या आपने इसे लेकर शिकायत की। वहाँ के ARTO, RTO को बताइए। आप हर चीज में वर्जन क्यों मांगेंगे''। उन्होंने कहा था कि यह एनफोर्समेंट की कार्रवाई है आप उनको बताइए की ऐसा चल रहा है या फिर आप मुझे बताइए फिर मैं उसे चेक कराऊँ पहले वेरिफाइड कराऊँ बिना वेरीफाई कराए मैं क्या आपको बता दूँ। इसके बाद उन्होंने कहा कि आप पूरी सूचना मुझे व्हाट्सएप कर दीजिए मैं इसको वेरीफाई कराऊंगा, हालाँकि पूरे मामले की जानकारी लेने के बावजूद उनकी नींद नहीं टूटी। 


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