Lucknow News: पुनर्वास विवि के शोधार्थी ने दीक्षांत में थीसिस जलाने की दी धमकी, प्रशासन पर लगाए गंभीर आरोप

Lucknow News: पुनर्वास विवि के शोधार्थी ने आरोप लगाया है कि प्री सबमिशन की प्रक्रिया पूरी करने के बावजूद उसे फाइनल सबमिशन नहीं करने दिया जा रहा है। मंगेश कुमार ने विश्वविद्यालय प्रशासन पर मानसिक उत्पीड़न का आरोप लगाया।

Report :  Abhishek Mishra
Update:2024-09-12 17:45 IST

Lucknow News: डॉ. शकुंतला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय के एक दृष्टिबाधित दिव्यांग शोधार्थी ने दीक्षांत समारोह में थीसिस जलाने का धमकी दी है। शोधार्थी ने इस संबंध में राज्यपाल और कुलपति को शिकायती पत्र लिखा है। बता दें कि कल यानी शुक्रवार को पुनर्वास विवि का 11वां दीक्षांत समारोह आयोजित होगा।

शोधार्थी ने प्रशासन पर लगाए गंभीर आरोप

पुनर्वास विवि प्रशासन पर शैक्षिक सत्र 2015-16 में विशेष शिक्षा संकाय के दृष्टिबाधिता विभाग के पीएचडी शोधार्थी मंगेश कुमार ने गंभीर आरोप लगाए हैं। जानकारी के अनुसार शोधार्थी ने आरोप लगाया है कि प्री सबमिशन की प्रक्रिया पूरी करने के बावजूद उसे फाइनल सबमिशन नहीं करने दिया जा रहा है। मंगेश कुमार ने विश्वविद्यालय प्रशासन पर मानसिक उत्पीड़न का आरोप लगाया। शोध प्रकोष्ठ के अध्यक्ष को पद से हटाने की मांग उठाई। इसके साथ शोधार्थी ने शिकयती पत्र में 13 को दीक्षांत समारोह के दौरान अपनी थीसिस जलाने की धमकी भी दी है।

समय पर नहीं जमा किया शोध पत्र

मामले पर पुनर्वास विवि के प्रवक्ता डॉ. यशवंत वीरोदय का कहना है कि विश्वविद्यालय में पीएचडी पूरा करने की अवधि सामान्य विद्यार्थियों के लिए छह वर्ष और दिव्यांगों के लिए आठ वर्ष तय है। लेकिन 43 शोधार्थियों ने तय समय सीमा के भीतर अपना शोध पत्र नहीं जमा किया था। इसी में मंगेश कुमार भी शामिल हैं। इन शोधार्थियों के संबंध में कुलपति ने पीएचडी समिति का गठन किया था। जिसे इन 43 शोधार्थियों की पीएचडी पर फैसला लेना था। उन्होंने बताया कि पीएचडी समिति ने छह और आठ वर्ष पूर्ण होने के बावजूद शोधार्थियों की पीएचडी को स्वीकार करने संबंधित रिपोर्ट सौंपी। जिसे एकेडमिक काउंसिल की बैठक में मंजूरी दे दी गई है। आगामी कार्य परिषद में यह प्रस्ताव रखा जाएगा। जिसकी संस्तुति के बाद इनके शोध पत्र जमा कर इन्हें उपाधि दी जा सकेगी।

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