Lucknow News: साहित्य सूरि: आचार्य सूर्यप्रसाद दीक्षित, पुस्तक शौकीनों के लिए है खास, हृदय नारायण दीक्षित ने कुछ यूं रखी अपनी बात

Lucknow News: हृदय नारायण दीक्षित ने विमोचन के अवसर पर कहा कि साहित्य सूरि पुस्तक के लेखक आचार्य सूर्यप्रसाद दीक्षित साहित्य मनीषी है। साहित्य सूरि पुस्तक के पन्नों को पलटने पर बेहद आनन्द की अनुभूति हो रही है

Newstrack :  Network
Update:2024-11-24 15:34 IST

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Lucknow News: पारस-बेला न्यास एवं भारत बुक सेन्टर के संयुक्त तत्त्वावधान में साहित्य मनीषी प्रो० सूर्यप्रसाद दीक्षित के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर सद्यः प्रकाशित पुस्तक 'साहित्य सूरि: आचार्य सूर्यप्रसाद दीक्षित का विमोचन हिन्दी संस्थान के निराला सभागार में किया गया।

इस अवसर पर विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित और हिन्दी संस्थान के उपाध्यक्ष डा. शंभुनाथ ने आचार्य दीक्षित की 5 पुस्तकों 1. 'साहित्य सूरि आचार्य सूर्य प्रसाद दीक्षित, संपादक डा. अनिल पाठक, .2. आचार्य दीक्षित का समीक्षा साहित्य, 3. शोधसरिता: प्रो.सूर्यप्रसाद दीक्षित विशेषांक, 4. भारतीय भक्ति आंदोलन, सूर्य प्रसाद दीक्षित, 5. स्वातंत्र्य सेनानी साहित्यकार, सूर्य प्रसाद दीक्षित का लोकार्पण किया गया।कार्यक्रम के मुख्य अतिथि पूर्व विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित, पूर्व मुख्य सचिव डा. शंभुनाथ थे। समारोह में दूर-दूर के जनपदों तथा नगर के अनेक साहित्यकारों, जैसे प्रो. योगेन्द्र प्रताप सिंह, पवन अग्रवाल, के.डी.सिंह, शैलेन्द्र, रायबहादुर मिसिर आदि ने इन कृतियों पर वक्तव्य दिए।

हृदय नारायण दीक्षित ने विमोचन के अवसर पर कहा कि साहित्य सूरि पुस्तक के लेखक आचार्य सूर्यप्रसाद दीक्षित साहित्य मनीषी है। साहित्य सूरि पुस्तक के पन्नों को पलटने पर बेहद आनन्द की अनुभूति हो रही है। श्री दीक्षित ने कहा कि पुस्तकों को पढ़ने का शौक रखने वाले लोगों के लिए साहित्य सूरि एक अच्छी पुस्तक है। इसमें बहुत सारी जानकारी और साहित्य ज्ञान पढ़ने को मिलेगा। पुस्तक के लेखक सूर्यप्रसाद दीक्षित की किसी पहचान को बताने की आवश्यकता नहीं है। साहित्य जगत में सूर्यप्रसाद का नाम ही काफी है। इनकी लेखनी में सरस्वती का वास है।पारस बेला न्यास और भारत पुस्तक सेन्टर की ओर से आयोजित पुस्तक विमोचन के अवसर पर भारत पुस्तक सेन्टर के वीरेन्द्र बाहरी, सुशील कुमार, अनिल कुमार पाठक सहित साहित्य जगत के प्रमुख चेहरे एवं श्रोतागण मौजूद रहे।

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