Lucknow News: गर्भवती महिलाओं में डेंगू का खतरा अधिक, जानें क्या है कारण

Lucknow News: वरिष्ठ महिला रोग विशेषज्ञ डा. सुजाता देव ने बताया कि गर्भावस्था के दौरान डेंगू होने का खतरा इसलिए ज्यादा होता है क्योंकि इस दौरान शरीर की प्रतिरोधक क्षमता कमजोर हो जाती है। गर्भवती को डेंगू होना जच्चा और बच्चा दोनों के लिए खतरनाक होता है।

Report :  Abhishek Mishra
Update:2024-10-23 17:45 IST

Lucknow News: राजधानी में डेंगू का डंक थमने का नाम नहीं ले रहा है। हर रोज मरीज मिल रहे हैं। केजीएमयू की डॉक्टर का कहना है कि गर्भवती महिलाओं में डेंगू का खतरा अधिक है। इसका मुख्य कारण गर्भावस्था में शरीर की प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होना है। डेंगू से कोई भी प्रभावित हो सकता है लेकिन गर्भवती के लिए यह खतरनाक साबित हो सकता है।


गर्भवती महिलाओं में डेंगू का खतरा अधिक

किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय की वरिष्ठ महिला रोग विशेषज्ञ डा. सुजाता देव ने बताया कि गर्भावस्था के दौरान डेंगू होने का खतरा इसलिए ज्यादा होता है क्योंकि इस दौरान शरीर की प्रतिरोधक क्षमता कमजोर हो जाती है। गर्भवती को डेंगू होना जच्चा और बच्चा दोनों के लिए खतरनाक होता है। यदि गर्भवती डेंगू से ग्रसित है तो डेंगू की एंटीबॉडीज गर्भस्थ में जा सकती हैं जिससे गर्भस्थ भी डेंगू से प्रभावित हो सकता है। जिसके कारण कई बार गर्भपात, समय से पहले बच्चे का जन्म तथा बच्चा कम वजन का हो सकता है। उन्होंने बताया कि बच्चे में जन्मजात शारीरिक और मानसिक विकलांगता आ सकती है। अधिक गंभीर स्थिति माँ और गर्भस्थ दोनों के साथ कोई भी अनहोनी घटित हो सकती है। शरीर में प्लेटलेट्स की संख्या कम होने के करण रक्तस्राव की समस्या हो सकती है। गर्भवती को डेंगू के लक्षण मिलते ही अस्पताल जाना चाहिए।

महिलाओं को बरतनी चाहिए सावधानी

डॉ. सुजाता बताती हैं कि डेंगू से बचने के लिए कुछ सावधानी बरतें जैसे पूरी बांह के कपड़े पहने, मच्छरदानी में सोएं, मच्छररोधी क्रीम का उपयोग करें। घर के दवाजे और खिड़कियों पर जाली लगवाएं। घर व घर के आस-पास कहीं भी पानी इकट्ठा न होने दें।

गर्भावस्था में डेंगू के लक्षण

यदि सात दिनों तक 100.4 डिग्री फ़ारेनहाइट या उससे अधिक बुखार हो और साथ में सिर में दर्द, जोड़ों में दर्द, शरीर पर चकत्ते, रक्तस्राव, उल्टी, आँखों के पीछे दर्द, जी मिचलाना मांसपेशियों में दर्द और योनी से रक्तस्राव जैसे कोई लक्षण दिखाई दें तो शीघ्र चिकित्सक से संपर्क करें। जाँच कराने में देरी न करें।

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