Lucknow News: पुनर्वास विवि में होगी टेलीकम्युनिकेशन सेंटर की स्थापना, चार नए कोर्स होंगे शुरु

Lucknow News: सहायक आचार्य मानसी दोषी ने बताया कि पुनर्वास विवि में जल्द ही टेलीकम्युनिकेशन सेंटर की शुरूआत होने जा रही है। जिसके जरिए दूर के गांवों में रहने वाले मूक-बधिर बच्चों तक निशुल्क इलाज की सुविधा पहुंचाएंगे।

Report :  Abhishek Mishra
Update:2024-05-16 16:45 IST

Lucknow News: डॉ. शकुंतला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय में टेलीकम्युनिकेशन सेंटर की स्थापना की जाएगी। जिससे दूर के गांवों में रहने वाले मूक-बधिर बच्चों का निशुल्क उपचार किया जा सकेगा। ऑडियोलॉजी एवं स्पीच लैंग्वेज पैथोलॉजी विभाग ने संकायाध्यक्ष प्रोफेसर वीके सिंह के नेतृत्व में अगले एक, तीन और पांच साल के लिए यह योजना तैयार की है। कुलपति प्रो. संजय सिंह को इसका प्लान सौंपा गया है। इसके अलावा इस सत्र से परास्नातक और डिप्लोमा स्तर के दो-दो पाठ्यक्रमों की शुरूआत होगी।

चार नए कोर्स शुरु होंगे

ऑडियोलॉजी एवं स्पीच लैंग्वेज पैथोलॉजी के सहायक आचार्य सुशांत गुप्ता के अनुसार शैक्षिक सत्र 2024-25 से पीजी स्तर पर एमएससी इन ऑडियोलॉजी और एमएससी इन स्पीच लैंग्वेज पैथोलॉजी कोर्स शुरु किए जाएंगे। एक साल के डिप्लोमा और पीजी डिप्लोमा कोर्स भी आरंभ होंगे। उन्होंने बताया कि पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा इन ऑडिटरी वर्बल थेरेपी और डिप्लोमा इन हियरिंग एंड ईयर मोल्ड को भी प्रारंभ किया जा रहा है। इसके लिए भारतीय पुनर्वास परिषद, नई दिल्ली से मान्यता प्राप्त होने के बाद आवेदन लिए जाने शुरू कर दिए जाएंगे। सुशांत गुप्ता का कहना है कि एक वर्ष में स्पीच लैंग्वेज पैथोलॉजी लैब को एडवांस उपकरणों के साथ लैस भी किया जाएगा।

मुफ्त स्पीच थेरेपी और जांच की सुविधा होगी

सहायक आचार्य मानसी दोषी ने बताया कि पुनर्वास विवि में जल्द ही टेलीकम्युनिकेशन सेंटर की शुरूआत होने जा रही है। जिसके जरिए दूर के गांवों में रहने वाले मूक-बधिर बच्चों तक निशुल्क इलाज की सुविधा पहुंचाएंगे। वाक् भाषा दोष एवं श्रवण बाधित बच्चों को ठीक करने के लिए मुफ्त स्पीच थेरेपी और जांच करेंगे। उनका कहना है कि विवि ने लगभग पांच गांवों को गोद लिया है। इन्हीं गांवों से शुरूआत की जाएगी। इसके अलावा विदेशी विश्वविद्यालयों के साथ एमओयू कर टीचर एक्सचेंज प्रोग्राम की शुरूआत भी की जाएगी।

रिसर्च के लिए मिलेगी ग्रांट

सहायक आचार्य सुशांत गुप्ता कहते हैं कि विभाग ने अगले पांच वर्ष में रिसर्च एंड डेवलेपमेंट सेंटर की स्थापना करने की योजना बना रखी है। इसके जरिए दिव्यांगता के क्षेत्र में शोध करने वाले शोधार्थियों को ग्रांट प्रदान करेंगे।

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