इस बजट में 90% फीसदी जनता के लिए क्या? विधानसभा में बोले अखिलेश- श्रीराम के नाम पर राजनीति करें बंद
UP budget 2024: सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव शनिवार को यूपी विधानसभा में योगी सरकार के खिलाफ जमकर हमलावार रहे और सरकार के बजट पर कई सवाल खड़ किए।
UP budget 2024: सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव शनिवार को यूपी विधानसभा में योगी सरकार के खिलाफ जमकर हमलावार रहे और सरकार के बजट पर कई सवाल खड़ किए। अखिलेश यादव ने तंज कसते हुए कहा कि यूपी में योगी हर साल राज्य का सबसे बड़ा बजट पेश करने का दाव करते हैं। बजट सात लाख करोड़ का हो या फिर आठ लाख करोड़ का पर सबसे बड़ा सवाल यही है कि सूबे की 90 फीसदी जनता के लिए इसमें क्या है? बजट के बड़े आकार पर अखिलेश ने कहा, बड़ा हुआ तो क्या हुआ, जैसे पेड़ खजूर, पंछी को छाया नहीं फल लागे अति दूर। साथ ही, राम मंदिर के कार्यक्रम पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मिजे लिए।
अखिलेश बोले- बजट बड़ा पेश करती, उसे खर्च नहीं कर पाती
यूपी विधानसभा में योगी सरकार ने पांच फरवरी को वित्त वर्ष 2024-25 का बजट पेश किया, जिस पर सदन नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव ने सदन में अपना पक्ष रखा। बजट पर चर्चा करते हुए इस दौरान अखिलेश यादव 1 घंटा, 9 मिनट तक बोले। अखिलेश ने कहा कि सरकार हर बार सबसे बड़ा बजट पेश करती है पर उसे खर्च नहीं कर पाती है। सरकार को इस बात की भी जानकारी नहीं कि उसने जो आवंटन किया, उस पर कितना खर्च किया। उन्होंने सरकार के अलग अलग विभाग के जारी हुए बजट राशि के बारे में भी जिक्र किया और यह बताया कि सरकार ने विभाग के लिए बजट में आवंटित राशि में कितना खर्च किया।
कहा, सरकार विभाग के बजट राशि को खर्च नहीं कर पा रही है और रास्ता अपना रही शेरों-शायरी का, क्या इससे जनता का उद्धार होगा। सरकार आंकड़ों में लोगों को उलझा रही है। सीधे सीधे वह बताए कि क्या इस भारी भरकम बजट से, जहां पर सरकार ने रोजगार- महंगाई का बड़ा जिक्र किया है, इससे महंगाई पर राहत मिलेगी। हालांकि बजट की हकीकत कुछ है। अभी तक जितने बिजली कारखाने लगाएं हैं, वह पूरी क्षमता से चल नहीं पार रहे हैं। अगर प्लांट लग गए होते तो राज्य के पास सरप्लस बिजली होती, लोगों को गर्मियों में कटौती से परेशानियों का सामना नहीं करना पड़ता और जनता को सस्ती बिजली मिलती। सरकार आए बताए कि बिजली के लिए उसके पास कितना बड़ा बजट है?
सरकार 90 फीसदी लोगों के लिए 10 फीसदी बजट रखती है
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि नई सड़कों के बारे में तो पूछते ही नहीं, बस ये बता दे कि सड़कों के पुराने गढ्ढे को भरने के लिए उसके पास कितना बड़ा बजट है। भारत विश्व की पांचवी अर्थव्यवस्था वाला देश बन गया है, लेकिन देश के 80 करोड़ लोग सरकारी राशन पर निर्भर हैं। वरिष्ठ नागरिकों को रेल किराये में छूट नहीं। युवाओं के लिए सेना में सिर्फ चार साल की अग्निवीर की भर्ती है। पुरानी पेंशन के लिए 5 पैसा नहीं है। अखिलेश ने दोहराया कि सरकार 90 फीसदी लोगों के लिए 10 फीसदी बजट रखती है, जबकि 10 फीसदी लोगों को 90 फीसदी बजट का लाभ देती है। सरकार से पूछा कि इस बजट से महंगाई पर कितनी राहत मिलेगी? कितने युवाओं को रोजगार मिलेगा? भ्रष्टाचार को रोकने में कितनी सफलता मिलेगी? जीएसटी की मार झेल रहे व्यापारियों को कितना लाभ मिलेगा? क्या इस बजट से किसानों के बोरी से चोरी रुकेगी कि नहीं। किसानों की आय बढ़ेगी कि नहीं।
राम मंदिर के कार्यक्रम पर अखिलेश ने योगी पर कसा तंज
राम मंदिर कार्यक्रम पर सीएम योगी आदित्यनाथ पर अखिलेश ने तंज कसा। उन्होंने किहा कि पता नहीं वे अयोध्या कितनी बार गए। सड़क कैसा बनेगा? कैसी लाइट लगेगी? सबको देखा। लेकिन, कार्यक्रम के दिन वे नहीं दिखे। कार्यक्रम का सारा फोकस प्रधानमंत्री पर रहा। हुजूर ए आला आज तक खामोश बैठे है इसी गम में...महफिल लूट गया कोई जबकि सजाई हमने...। अखिलेश यादव ने कहा कि जो लोग कहते हैं कि वो राम को लेकर आए हैं वो भगवान श्रीराम का अपमान करते हैं। ऐसा कहकर आप धर्म और प्रभु श्रीराम का अपमान कर रहे हैं। भगवान श्रीराम का अपमान बंद कर देना चाहिए। राम तो इस देश के कण-कण में विद्यमान हैं। जब राम मंदिर नहीं था, तब भी राम थे। हमारे राम मंदिर पर न बोलने पर सवाल किया गया।ष जब राम दिल में हों तो बोलने की क्या जरूरत है?
सरकार को पढ़ने चाहिए अपने घोषणा पत्र
सपा राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी अक्सर कार्यक्रम में कहते हैं कि 2017 के पहले प्रदेश के सामने पहचान का संकट था। बल्कि यूपी ने देश को आठ प्रधानमंत्री दिए। कई शहरों में मेट्रो चलीं। टीसीएल जैसी कंपनियों ने निवेश किया। हमारी सरकार ने पूरी सुविधाएं दी। अगर पहचान का संकट था तो कंपनियों ने निवेश क्यों किया? पहचान का संकट यूपी सरकार के लोगों को है, इसलिए वो निवेश नहीं ला पा रहे हैं। सपा राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि सरकार को 2017, 2019 और 2022 अपने घोषणा पत्र पढ़ने चाहिए। क्या वह घोषणा पत्र के वादों को पूरा कर पाई, जबकि हमारी सरकार ने छात्रों को लैपटॉप दिए। सरकार को नौकरियों को लेकर अपनी स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए। प्रदेश का 90 फीसदी युवा आज बेरोजगार बैठा है। सरकार प्रदेश में 40 लाख करोड़ रुपये के निवेश का दावा करती है और एक करोड़ रोजगार पैदा करने की बात कहती है पर कितनी नौकरियां दी है, ये स्पष्ट नहीं करती है।
अयोध्या जमीनों की खरीद फरोख्त में हुआ फर्जीवाड़ा
अखिलेश यादव ने कहा कि अयोध्या में विकास के लिए ली गई जमीनों का सही मुआवजा नहीं दिया गया है। वहां के स्थानीय लोगों ने सरयू में खड़े होकर अपने जनेऊ की कसम खाई थी कि भाजपा को वोट नहीं देंगे। अयोध्या में जमीनों की खरीद फरोख्त में फर्जीवाड़ा हुआ। खरीदी गई जमी की सभी अयोध्या में जमीनों की खरीद फरोख्त में फर्जीवाड़ा किया गया है। सरकार को खरीदी गई सभी रजिस्ट्री को सार्वजनिक करना चाहिए। हम मांग करते हैं कि सरकार जिन लोगों की जमीन ले रही है, उसका सही मुआवजा उन्हें दे।