Etawah: चंबल के बाद यमुना नदी में बढ़ा जलस्तर, मंदिर परिसर तक पहुंचा पानी, लोगों ने बाढ़ में लगाई आस्था की डुबकी

इटावा में चम्बल के बाद यमुना नदी में बाढ़ आ गयी है। शहर से लगे हुए प्रसिद्ध ऐतिहासिक सिद्ध पीठ मंदिर काली वाहन मंदिर में यमुना के बाढ़ का पानी घुस गया है। वहीं मंदिर में यमुना मैय्या का पानी आने से भक्त काफी खुश नजर आ रहे हैं।

Report :  Uvaish Choudhari
Published By :  Ashiki
Update: 2021-08-08 16:27 GMT

बाढ़ के पानी मे आस्था की डुबकी

इटावा: उत्तर प्रदेश के तमाम जिलों में इन दिनों बाढ़ का कहर देखने को मिल रहा है। पिछले दिनों हुई लगातार बारिश से गंगा-यानुना सहित कई नदियों का जलस्तर बढ़ जाने से लोगों को काफी समस्याओं का भी सामना करना पड़ रहा है। वहीं नदियों के किनारे बसे लोग इन दिनों पलायन करके सुरक्षित स्थान पर पहुंच रहे हैं तो कोई रिश्तेदारों से पनाह मांग रहा है।

यमुना नदी का जलस्तर बढ़ने से इटावा के रियाशी इलाकों में पहुंचा पानी

इटावा में चम्बल के बाद यमुना नदी में बाढ़ आ गयी है। शहर से लगे हुए प्रसिद्ध ऐतिहासिक सिद्ध पीठ मंदिर काली वाहन मंदिर में यमुना के बाढ़ का पानी घुस गया है। वहीं मंदिर में यमुना मैय्या का पानी आने से भक्त काफी खुश नजर आ रहे हैं। मंदिर में आने वाले श्रदालु और बच्चे मंदिर में पहली बार आये पानी का जमकर लुत्फ उठा रहे हैं।


इटावा के दक्षिणी किनारे पर स्थित है। यमुना नदी के किनारे प्रसिद्ध ऐतिहासिक काली वाहन सिद्ध पीठ मंदिर जोकि लगभग 200 वर्ष पुराना बताया जाता है। मंदिर में यमुना नदी का पानी आने से श्रद्धालुओं में खुशी का माहौल है। बताते चलें पिछले 6 दिनों में जहां चंबल नदी का रौद्र रूप देखने को मिल रहा था वहीं चंबल का जलस्तर कम होने के बाद अब यमुना नदी का जलस्तर बढ़ने लगा है, जोकि खतरे के निशान को पार करता हुआ बाढ़ के रूप में शहर किनारे बने अति प्राचीन सिद्ध पीठ मंदिर में यमुना नदी का पानी आने से मंदिर आने वाले भक्तगण हो खास तौर पर बच्चों में खुशी का माहौल है।


बच्चे तो बच्चे बड़े एवं महिलाएं भी मन्दिर में आए पानी में नहा कर आस्था की डुबकी लगाकर और मौज मस्ती करते नजर आयीं। वहीं मंदिर आए लोगों श्रद्धालुओं ने कहा पहली बार यमुना मैया देवी के दर्शन स्वयं करने आई है यह नजारा बहुत शुभ है।

यमुना नदी का जलस्तर 120.92 मीटर जोकि अब खतरे के निशान से 1 मीटर कम है। आज यमुना का जलस्तर घटा है और इससे पूर्व में 123 मीटर तक यमुना का रौद्र रूप देखने को मिला। 

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