Kanpur Dehat News: कानपुर देहात में पराली दानी किसान सम्मानित, जलाने के बजाय गौशालाओं को दान की, फसल अवशेष दान

Kanpur Dehat News: कानपुर देहात में बहुत से किसान खेतों में पराली जलाने के बजाय गौशालाओं को दान दान किया है। लेकिन कुछ किसान जागरूकता अभियान के बाद भी खेतों में पराली जला रहे हैं जिसके कारण वायु प्रदूषण हो रहा है।

Report :  Manoj Singh
Published By :  Shashi kant gautam
Update: 2021-11-15 11:00 GMT

कानपुर देहात: पराली दानी किसानों को डीएम ने किया सम्मानित

Kanpur Dehat News: कानपुर देहात (Kanpur Dehat) में जिलाधिकारी जितेन्द्र प्रताप सिंह (DM Jitendra Pratap Singh) ने कलेक्ट्रेट परिसर में पराली (Parali) दान करने वाले कृषकों (Farmers) को शाल भेंट कर सम्मानित किया। जनपद में 15 नवंबर तक कुल 15 मीट्रिक टन पराली गौशालाओं को दान रूप में प्राप्त हुई है।

कलेक्ट्रेट परिसर में ट्रैक्टर ट्राली पर पराली, गौशालाओं (Gaushalas) में दान करने हेतु पहुंचे कृषक राजन उर्फ शिवओम निवासी ताहरपुर महदू, विकासखण्ड अकबरपुर, ब्रजेश कुमार पुत्र छोटेलाल ज्योतिसपाल नगर, अकबरपुर, हिमांशु पुत्र वीजेन्द्र सोनकर निवासी सरवनखेडा विकासखण्ड सरवनखेडा, अकबरपुर एवं संध्या अग्निहोत्री पत्नी प्रेमप्रकाश निवासिनी दुर्गापुर, अकबरपुर, कानपुर देहात को जिलाधिकारी द्वारा सम्मानित करते हुए, अन्य कृषकों से भी इनका अनुसरण करने की अपेक्षा की गयी।

कुछ किसान जागरूकता अभियान के बाद भी खेतों में जला रहे हैं पराली

जनपद में जिला प्रशासन एवं कृषि विभाग (Agriculture Department) द्वारा विस्तृत जागरूकता अभियान (Awareness Campaign) चलाये जाने के उपरान्त भी कुछ कृषकों द्वारा खेती से बचे फसल अवशेषों को जलाया जा रहा है। 15 नवंबर तक जनपद में फसल अवशेष जलाने की कुल 23 घटनाएं हो चुकी हैं तथा इस प्रवृत्ति में उत्तरोत्तर वृद्धि हो रही है। फलस्वरूप न केवल पर्यावरण प्रदूषित हो रहा है बल्कि चारे की कमी के साथ-साथ मृदा उर्वरता भी दुष्प्रभावित हो रही है एवं मृदा में मौजूद कार्बनिक तत्वों एवं मित्र कीट भी नष्ट हो रहे है।


फसल अवशेष जलाये जाने का दुष्प्रभाव

फसल अवशेष जलाये जाने का दुष्प्रभाव वायु प्रदूषण (air pollution) में धूम्र-कोहरा (स्मॉग) के रूप में जनस्वास्थ्य खास कर वृद्धों एवं बच्चों के स्वास्थ को प्रतिकूल रूप से प्रभावित कर रहा है तथा ऐसे फसल अवशेषों को जलाये जाने के कारण कतिपय स्थानों पर अग्निकाण्ड जैसी घटनायें भी घटित होती है, ऐसे में यदि कृषक बन्धु पराली को गौशालाओं को दान करते है तो जहां एक ओर पराली प्रबन्धन हो सकेगा, वहीं दूसरी ओर गौशालाओं की चारे की समस्या भी खत्म हो जायेगी।

15 मीट्रिक टन पराली गौशालाओं को दान रूप में मिली

जिलाधिकारी के निर्देश पर प्राप्त पराली को कान्हा गौशाला बाढापुर, करसा गौशाला एवं नरिहा गौशाला को उपलब्ध कराया गया। जनपद में 15 नवंबर तक कुल 15 मीट्रिक टन पराली गौशालाओं को दान रूप में प्राप्त हुई है। कार्यक्रम में उप कृषि निदेशक विनाद कुमार यादव, जिला कृषि अधिकारी उमेश गुप्ता एवं मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डा. देवकी नन्दन लावनिया व कृषक उपस्थित रहे।

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