Atiq Ahmed: माफिया अतीक के गुर्गों को अभी भी है अपने आका के लौटने की उम्मीद, पोस्टर के जरिए संदेश देने की कोशिश
Atiq Ahmed: लखनऊ से लेकर दिल्ली तक अब उसकी पैरवी करने वाला कोई नहीं बचा है। यही वजह है कि उसकी पत्नी से लेकर बेटे तक पुलिस से बचने के लिए मारे-मारे फिर रहे हैं।
Atiq Ahmed: कुख्यात माफिया और बाहुबली अतीक अहमद अपने दशकों के आपराधिक इतिहास में पहली बार ऐसी सख्त पुलिसिया कार्रवाई का सामना कर रहा है। लखनऊ से लेकर दिल्ली तक अब उसकी पैरवी करने वाला कोई नहीं बचा है। यही वजह है कि उसकी पत्नी से लेकर बेटे तक पुलिस से बचने के लिए मारे-मारे फिर रहे हैं। इन सबके बावजूद माफिया के गुर्गों का गुरूर कम नहीं हुआ है। उन्हें अब भी यकीन है कि एक दिन उनका आका सलाखों से बाहर निकलेगा और जरायम की दुनिया में एकबार फिर अपना इकबाल बुलंद करेगा।
इस बात की तस्दीक माफिया अतीक अहमद के प्रयागराज के चकिया स्थित पुश्तैनी घर से पुलिस को मिले पोस्टरों से होती है। जिसमें अतीक के वापस लौटने की बात कही गई है। पुलिस ने ये पोस्टर माफिया के उन गुर्गों के निशानदेही पर बरामद की है, जिन्हें 21 मार्च को धूमनगंज इलाके से गिरफ्तार किया गया था। इनमें अतीक अहमद का मुंशी राकेश लाला भी शामिल हैं। पुलिस ने इन पांचों को भी उमेश पाल हत्याकांड में आरोपी बनाया है।
अतीक के पुश्तैनी आवास से मिला पोस्टर
जानकारी के मुताबिक, मंगलवार को प्रयागराज पुलिस ने इन आरोपियों को छह घंटे की कस्टडी रिमांड पर लेकर माफिया के पुराने घर और दफ्तर पर छापेमारी की थी। इस दौरान डायरी और पोस्टर हाथ लगा। पोस्टर पर अतीक अहमद की तस्वीर बनी हुई है और लिखा है - ‘रात कितनी भी काली हो,सवेरा जरूर होगा’। इस पोस्टर से साफ है कि सालों से जेल में बंद अतीक अहमद के गुर्गे उसकी वापसी को लेकर कितने आशान्वित हैं। उन्हें उम्मीद है कि उसके आका के अपराध का साम्राज्य एक दिन फिर से स्थापित होगा, जिसे या तो वे खुद या उनके बेटे चलाएंगे।
पोस्टर मिलने के बाद पुलिस हुई चौकन्ना
माफिया के पुश्तैनी आवास से पोस्टर मिलने के बाद पुलिस चौकन्ना हो गई है। पोस्टर की तहकीकात शुरू की दी गई है। पुलिस ने करेली के कई प्रिंटिंग प्रेस पर छापेमारी की है। लेकिन अभी तक ये पता नहीं चल पाया है कि इसे किस प्रिंटिंग प्रेस से छपवाया गया है। हालांकि, पुलिस का ये मानना है कि संभवतः ये पोस्टर्स साल 2012 के विधानसभा चुनाव के दौरान के हो सकते हैं। जब जेल से अतीक अहमद ने चुनाव लड़ा था लेकिन जीत नहीं सका था।
पत्नी पर पुलिस ने बढ़ाए इनाम
उमेश पाल हत्याकांड की आरोपी माफिया अतीक अहमद की पत्नी शाइस्ता परवीन काफी समय से फरार चल रही हैं। पुलिस ने अब उन पर इनामी राशि बढ़ा दी है। अभी तक शाइस्ता का पता देने वालों के लिए 25 हजार रूपये का इनाम घोषित था, जिसे बढ़ाकर अब 50 हजार रूपये कर दिया गया है। अतीक की पत्नी को छह अप्रैल को तब बड़ा झटका लगा था जब अदालत ने उसकी अग्रिम जमानत याचिका खारिज की दी थी।
अतीक के बेटे और अन्य शूटरों की तलाश जारी
उमेश पाल हत्याकांड के 1 महीने से अधिक हो चुके हैं। लेकिन यूपी पुलिस अभी तक फरार शूटरों को दबोच नहीं पाई है। हत्याकांड को अंजाम देने वाले सात शूटरों में से दो एनकाउंटर में ढ़ेर किए जा चुके हैं, जबकि पांच पुलिस की गिरफ्त से बाहर हैं। जिनमें माफिया अतीक अहमद के तीसरे नंबर का बेटा असद अहमद, गुड्डु मुस्लिम, शाबिर, अरमान और गुलाम शामिल हैं। सभी पर पांच-पांच लाख रूपये का इनाम घोषित है। एसटीएफ की टीमें तीन देशों के अलावा दर्जनभर राज्यों में छापेमारी कर चुकी है, मगर इनका अब तक कोई अता-पता नहीं है।
बता दें कि 24 फरवरी 2023 को प्रयागराज के धूमनगंज स्थित जयंती कॉलोनी में उमेश पाल की दिनदहाड़े गोलियों और बमों से हत्या कर दी गई थी। इस हमले को अतीक के बेटे असद ने लीड किया था। उमेश पाल के साथ-साथ उसके दो सरकारी गनर पर मारे गए थे। पाल 2005 के चर्चित बसपा विधायक राजूपाल हत्याकांड के अहम गवाह थे।