Maharajganj News: गेहूं में गुजिया रोग तो सरसों में आरा-सुंडी का खतरा
Maharajganj News: बदलते मौसम में गेहूं की फसल में दीमक व गुजिया रोग का खतरा बढ़ता है। इसके नियंत्रण के लिए कलोरपायरीफास 20 प्रतिशत दवा ढाई लीटर प्रति हेक्टेयर की दर से छह सौ लीटर पानी में घोल तैयार कर छिड़काव करना लाभकारी होगा।;
Maharajganj News: खबर यूपी के जनपद महराजगंज से है जहां मौसम में आए बदलाव संग बढ़ी ठंड व गलन के साथ कभी बादल तो कभी कोहरा के साथ पर्याप्त धूप न होने से रबी फसलों की सुरक्षा को लेकर किसान चिंतित हो गए हैं। विशेषकर पिछले दिनों हुई हल्की वर्षा के बाद कोहरे व बढ़ी गलन से फसल में कीट-रोगों का खतरा बढ़ गया है। ऐसे में किसानों को फसल की देखभाल में विशेष सावधानी बरतने की जरूरत है। जरा सी लापरवाही फसल को नुकसान पहुंचा सकती है। फसल बर्बाद होने से पैदावार मारी जाएगी।
जिला कृषि रक्षा अधिकारी हिमांचल सोनकर ने फसल में लगने वाले सामयिक कीट व रोगों से बचाव को लेकर एडवाइजरी जारी की है, साथ ही कृषि विभाग के अधिकारियों द्वारा किसानों को लगातार जागरुक किया जा रहा है।
गेहूं में दीमक व गुजिया रोग का खतरा
बदलते मौसम में गेहूं की फसल में दीमक व गुजिया रोग का खतरा बढ़ता है। इसके नियंत्रण के लिए कलोरपायरीफास 20 प्रतिशत दवा ढाई लीटर प्रति हेक्टेयर की दर से छह सौ लीटर पानी में घोल तैयार कर छिड़काव करना लाभकारी होगा। इसी तरह सरसों में माहो कीट के जैविक नियंत्रण में एजाडिरेक्टिन 0.15 ईसी दवा ढाई लीटर प्रति हेक्टेयर तो रासायनिक नियंत्रण में डाईमेथोएट 30 प्रतिशत अथवा आक्सीडेमेटान-मिथाइल 25 प्रतिशत दवा एक लीटर या फिर थायोमेथाक्साम 25 प्रतिशत दवा 250 मिली दवा का घोल तैयार कर प्रति हेक्टेयर में छिड़काव करना लाभकारी होगा।
सरसों-राई में क्षति पहुंचाएगी सुंडी
तिलहन फसल सरसों-राई के लिए कोहरे का मौसम घातक होता है। आरा मक्खी, बालदार सूडी मक्खी लगकर फसल को नुकसान पहुंचाते हैं। बचाव के लिए मैलाथियान 50 प्रतिशत दवा 1.5 लीटर अथवा क्यूनालफास 25 प्रतिशत 1.25 लीटर को 600 लीटर पानी में घोल तैयार कर छिडकाव करना लाभकारी होगा। पत्ती सुरंगक कीट के लिए एजाडिरेष्टिन (नीम आयल) 0.15 प्रतिशत दवा 2.5 लीटर तो कीटों के नियंत्रण में आक्सीडिमेटान मिथाइल 25 प्रतिशत का छिडकाव करें।