Maharajganj News: ठंड में बिना स्वेटर स्कूल जा रहे बच्चे, 165221 अभिभावकों के खाते में ही पहुंची धनराशि
Maharajganj News: परिषदीय विद्यालयों में यूनिफार्म के पैसे सीधे खातों में भेजे जा रहे हैं। सितंबर तक भेजे जाने थे, लेकिन जिले में दिसंबर शुरू के बाद भी 100 फीसद सत्यापन पूरा नहीं हो पाया है।;
Maharajganj News: खबर यूपी के जनपद महराजगंज से है, जहां जनपद में शीतलहर, शुरू हो चुकी है। जहां बिना गर्म कपड़ों के घर से बाहर निकलना मुश्किल हो रहा है। वहीं, परिषदीय विद्यालयों के बच्चे बिना स्वेटर और जूते-मोजों के स्कूल आने को मजबूर हैं। जिले में अभी तक करीब 1.65 लाख बच्चों के अभिभावकों के खातों में ही यूनिफार्म और बैग का पैसा पहुंच पाया है। शेष करीब 42 हजार बच्चों को दिसंबर शुरू होने के बाद भी राशि का इंतजार है। ठंड के मौसम में सबसे ज्यादा परेशानी स्वेटर और जूते-मोजों के नहीं होने से हो रही है।
परिषदीय विद्यालयों में यूनिफार्म (पैंट, शर्ट, स्वेटर, जूते-मोजे और बैग) के पैसे सीधे खातों में भेजे जा रहे हैं। सितंबर तक भेजे जाने थे, लेकिन जिले में दिसंबर शुरू के बाद भी 100 फीसद सत्यापन पूरा नहीं हो पाया है। ऐसे में सर्दियों से पहले सभी बच्चों के तन पर स्वेटर और पैरों में जूते-मोजे पहुंचना मुश्किल लग रहा 'है। नौनिहाल कंपकंपाती ठंड में ठिठुरते हुए ही स्कूल जाने को मजबूर हैं।
1695 परिषदीय स्कूलों में दो लाख, चार हजार 434 छात्र पंजीकृत
जिले के कुल 1695 परिषदीय स्कूलों में दो लाख, चार हजार 434 छात्र पंजीकृत हैं। उनके पढ़ाई और यूनिफार्म आदि के लिए सरकार सीधे उनके खाते प्रति वर्ष 1200 रुपये भेजने का कार्य करती है। जिसमें दो यूनिफार्म के लिए 600 रुपये, स्वेटर के लिए 200 रुपये, कापी पेंसिल के लिए सौ रुपये, स्कूल बैग के लिए 125 रुपये, जूता मोजा के लिए 175 रुपये दिए जा रहे है।
जिले में पंजीकृत समस्त छात्रों के लिए चालू शैक्षिक सत्र में अबतक 1.65 लाख छात्रों को ही योजना का लाभ मिला है। वहीं अभी भी 42434 छात्रों के अभिभावक इस योजना से वंचित हैं। इसमें अधिकांश कारण बच्चों का डाटा फीड न होना तो अधिकांश बच्चों के आधार कार्ड का न होना पाया गया था।
योजना की धनराशि नहीं मिली
बेसिक शिक्षा अधिकारी श्रवण कुमार गुप्ता ने बताया कि जिले में जिन बच्चों को अभी तक योजना की धनराशि नहीं मिली है, उनका डाटा पोर्टल पर फीड किया जा चुका है। हां, कुछ बच्चों के खाते में केवाइसी न होने पर समस्या आ रही है। साथ ही जिन बच्चों के आधार कार्ड नहीं बने हैं, उनका अभियान चलाकर आधार कार्ड बनवाए जाने के निर्देश दिए गए हैं। शासन की ओर से बजट मिलते ही उनके खाते में रुपए भेज दिए जाएंगे।