Mainpuri By-Election: मैनपुरी उपचुनाव में जातिगत समीकरण, इन जातियों का है दबदबा

Mainpuri By-Election: सपा का गढ़ कही जाने वाली मैनपुरी मे यादवों की संख्या लगभग 4.25 लाख है। यादव वोटर्स के बाद यहां पर शाक्य वोटरों की संख्या सबसे अधिक है।

Written By :  Anant kumar shukla
Update: 2022-11-15 12:15 GMT

Caste equalization in Mainpuri by election castes dominate (Social Media)

Mainpuri By-Election: मैनपुरी उपचुनाव जातिगत समीकरण अहम है। मुलायम सिंह यादव के निधन के बाद खाली हुई मैनपुरी लोकसभा सीट (Mainpuri By-Election) पर उपचुनाव हो रहा है। इस चुनाव में समाजवादी पार्टी द्वारा(Samajwadi Party) अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) की पत्नी डिंपल यादव (Dimple Yadav) को उम्मीदवार बनाया है। बीजेपी (BJP) ने सपा के गढ़ में रघुराज साक्य को अपने उम्मीदवार के रूप में उतारा है। लेकिन इस सीट पर जीत के लिए जातिगत समीकरण अहम रोल है।

मैनपुरी में सबसे आधिक यादव मतदाता हैं। सपा का गढ़ कही जाने वाली मैनपुरी मे यादवों की संख्या लगभग 4.25 लाख है। यादव वोटर्स के बाद यहां पर शाक्य वोटरों की संख्या सबसे अधिक है। इस सीट पर शाक्य मतदातोओं की संख्या लगभग 3.25 लाख है। यही वजह है हो सकती है कि भाजपा ने यहां से यादव को को टक्कर देने के लिए शाक्य समाज से उम्मीदवार पर दांव लगाया है।

इतने हैं ब्राह्मण और दलित मतदाता

यादव और शाक्य जतियों के बाद मैनपुरी में तीसरा स्थान ब्राह्मणों का है। मैनपुरी लोकसभा सीट पर ब्राह्मण मतदाताओं की संख्या लगभग 1.10 लाख है। जबकि दलित मतदाताओं की संख्या लगभग 1.20 लाख और लोधी मतदाताओं की संख्या लगभग एक लाख है। इसके बाद मैनपुरी सीट पर मुस्लिम मतदाताओं का नंबर आता है। मैनपुरी में मुस्लिम वोटर्स की संख्या करीब 55 हजार है।

इस समीकरण से स्पष्ट हो जाता है कि भाजपा को जीत दर्ज करने के लिए यावदवों के वोटो के काट के रूप में साक्य वोटरों को लुभाने की आवश्यकता है। भाजपा ने इसी समीकरम को ध्यान में रखते हुए रघुराज साक्य को मैदान में उतारा है।

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