तय समय बाद होनी चाहिए बंदियों की वापसी
अंतरिम जमानत और पैरोल पर छोड़े गए बंदियों की विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव सत्येंद्र कुमार सिंह ने समीक्षा की।
Mainpuri News: कोरोना संक्रमण काल में जेल से अंतरिम जमानत और पैरोल पर छोड़े गए बंदियों की विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव सत्येंद्र कुमार सिंह ने समीक्षा की। उन्होने जेल अधीक्षक से कहा कि जेल से छोड़े गए बंदियों की तय समय के बाद हर हाल में जेल में वापसी होनी चाहिए। ज्ञात हो कि उच्च न्यायालय की गाइड लाइन के तहत कोरेाना काल में जेल से बंदियों की रिहाई की गई है। सात साल से कम सजा वाले 115 बंदी तय शर्तों के आधार पर जेल से छोड़े जा चुके हैं। 28 बंदियों को पैरोल पर रिहा किया गया है। सोमवार को जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव सत्येंद्र कुमार सिंह ने जेल से छोड़े गए बंदियों की समीक्षा की। उनका पूरा ब्यौरा प्राप्त किया।
उन्होंने जेल अधीक्षक हरीओम शर्मा से कहा, जेल से छोड़े गए बंदियों को तय शर्तों का पालन करना है। जेल से छोड़ते समय उन्हें शर्तों का पालन करने की हिदायत दी जाए। बंदियों को निश्चित समय के लिए अंतरिम जमानत और पैरोल पर रिहा किया गया है। इस मौके पर जेल अधीक्षक हरीओम शर्मा, जेलर जेपी दुबे, डिप्टी जेलर मोनिका वर्मा मौजूद रहे।
एक और बंदी को मिली अंतरिम जमानत
सात साल से कम सजा वाले मामलों में एक और बंदी को सोमवार को जेल से रिहा कर दिया गया। अब तक 114 बंदी रिहा किए जा चुके हैं। हाईपावर कमेटी के चेयरमैन जिला जज तेजप्रताप तिवारी के निर्देश पर जेल अधीक्षक हरीओम शर्मा ने एक बंदी का अंतरिम जमानत के लिए प्रार्थनापत्र मजिस्ट्रेट कोर्ट में दिया। सुनवाई के बाद उनको अंतरिम जमानत दे दी गई। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव सत्येंद्र कुमार चैधरी ने बताया अंतरिम जमानत पाने वाले बंदियों को तय शर्तों का पालन नहीं करने पर अंतरिम जमानत निरस्त किए जाने की हिदायत दी गई है।