Etawah: चंबल के बीहड़ में दंगल का आयोजन, राष्ट्रीय स्तर के पहलवान ले रहे भाग, देखने पहुंचे सांसद रामशंकर कठेरिया

इटावा के चकरनगर के चंबल किनारे बीहड़ में बने बाबा सिध्दनाथ के मंदिर पर होने वाले 100 वर्ष पुराने ऐतिहासिक दंगल में इन दिनों देशभर के कई नामी पहलवान दंगल करने चंबल के बीहड़ में पहुंच रहे हैं।

Newstrack :  Network
Published By :  Vidushi Mishra
Update: 2022-03-03 12:51 GMT

इटावा में पहलवानों के बीच दंगल

Etawah: इटावा डकैतों के नाम से विख्यात चम्बल के बीहड़ में चल दंगल आयोजन किया जा रहा है। राष्ट्रीय स्तर के पहलवान इस दंगल में भाग ले रहे हैं। दंगल देखने सांसद रामशंकर कठेरिया भी पहुंचे है।

पूर्व दस्यु सरगना होते थे शामिल

कभी इन बीहडों में कुख्यात डाकुओं का बसेरा हुआ करता था। 100 वर्षो से यहां इस दंगल का आयोजन किया जा रहा है। जोकि लगातार आयोजित किया जा रहा है। दंगल आयोजन पूर्व में कुख्यात डकैत भी एक जमाने में शामिल हुए करते थे।

वही इन दिनों प्रदेश में चल रहे राजनीतिक दंगल (विधान सभा चुनाव) को लेकर कहा आने वाले 10 मार्च को प्रदेश में भाजपा की सरकार बनने जा रही है। वही इस मौके पर दंगल के आयोजक ने बताया 100 साल पुराने इस दंगल को दस्यु सम्राट भी देखने आते थे तो वही हर तरह सहयोग भी करते थे।

बाबा सिद्ध नाथ मन्दिर मेले पर आयोजित होता है दंगल

इटावा के चकरनगर के चंबल किनारे बीहड़ में बने बाबा सिध्दनाथ के मंदिर पर होने वाले 100 वर्ष पुराने ऐतिहासिक दंगल में इन दिनों देशभर के कई नामी पहलवान दंगल करने चंबल के बीहड़ में पहुंच रहे हैं। जिसमें कई राष्ट्रीय स्तर के भी पहलवान हिस्सा ले रहे हैं। वह चंबल जो कभी दस्यु सम्राट निर्भय गुर्जर रज्जन गुर्जर अरविंद गुर्जर फूलन देवी एवं इनकी बंदूकों से निकली गोलियों की खून से जाना जाता था। आज वक्त बदलने के साथ देश के परंपरागत खेल कुश्ती की वजह से जाना जा रहा है।

दंगल देखने पहुंचे इटावा सांसद रामशंकर कठेरिया ने कुश्ती का आनंद लिया एवं कुश्ती करने आए पहलवानों का मनोबल भी बढ़ाया सांसद रामशंकर कठेरिया ने कहा कि अब चंबल की पहचान बदल चुकी है या निरंतर विकास के कार्य किए जा रहे हैं लोगों के मन से डकैतों का खौफ निकल चुका है।

सांसद ने दावा किया कि इन दिनों प्रदेश में जो राजनीतिक दंगल यानी कि विधानसभा चुनाव चल रहे हैं उसमें निश्चय ही 10 तारीख को एक बार फिर से भारतीय जनता पार्टी प्रदेश में अपनी सरकार बनाने जा रही है।

इस मौके पर दंगल के आयोजक आलोक दुबे ने सांसद एवं सरकार से मांग करते हुए कहां की चंबल के बीहड़ में जहां कुश्ती एक लोकप्रिय खेल बन चुका है वहां पर इस खेल को और बढ़ावा देने के लिए कोई कुश्ती की अकैडमी खोली जाए जिससे बिहार के क्षेत्र में इस खेल को और बढ़ावा मिल सके।

बीते दिनों की याद करते हुए आयोजक आलोक दुबे ने कहा कि 100 वर्ष पुराने इस दंगल में जब डकैतों का बोलबाला था तब भी यह दंगल रोता था एवं कोई भी नामी डकैत ने इस खेल को रोकने के लिए या दंगल में कोई बाधा उत्पन्न करने की कोशिश नहीं की बल्कि बाबा सिद्धनाथ के मंदिर परिसर में होने वाले इस अखाड़े में कई डकैत हर तरह से बढ़ चढ़कर दंगल कराने के लिए अपना सहयोग करते थे।

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