UP News: विभागों के पास करोड़ों का बजट, फिर भी अधर में लटकी योजनाएं, निगरानी शुरू

यूपी में कई ऐसे विभाग हैं जो सरकार द्वारा कोरोना महामारी के वक्त दिए गए पैसे को खर्च ही नहीं कर पाए।

Written By :  Rahul Singh Rajpoot
Newstrack :  Network
Update:2021-07-14 23:26 IST

मुख्य सचिव आरके तिवारी, फाइस, सोशल मीडिया

लखनऊ: कोरोना काल में केंद्र से लेकर राज्य सरकार आम लोगों से सीधे जुड़े विभागों में बजट को लेकर कोई समस्या न आए इसके लिए काफी संजीदा दिखी थी, लेकिन इन प्राथमिकता वाले विभागों के अफसरों को सरकार की मंशा से लगता है कोई लेना देना नहीं है। एक ओर जहां सरकार लगातार ये बात कहती थी कि लोगों की मदद के लिए बजट की कोई कमी नहीं होने देंगे तो वहीं कई ऐसे विभाग हैं जो सरकार द्वारा इस महामारी के वक्त दिए गए पैसे को खर्च ही नहीं कर पाए। सरकार द्वारा भेजे गए बजट की बड़ी रकम इन विभागों के पास बिना खर्च किए ही पड़ी रह गई है।

अब कोरोना की कम हुई रफ्तार के बाद उत्तर प्रदेश सरकार अब चुनावी मूड में आ गई है। सभी विभागों को सरकार की योजनाएं सीधे जनता तक पहुंचाने के कड़े निर्देश दिए जा रहे हैं। सरकार अपने बचे कार्यकाल में ज्यादा से ज्यादा बजट खर्च कर लोगों को उसका लाभ देने की सोच रही है। ये विभाग इस मुहिम में बाधक न बन जाएं, इसके लिए इनके बजट प्रावधान से लेकर वित्तीय स्वीकृतियों और खर्च की विशेष रूप से निगरानी शुरू की गई है।

ये विभाग नहीं खर्च कर पाए बजट

ग्राम्य विकास, पंचायतीराज, अल्पसंख्यक कल्याण, बाल विकास एवं पुष्टाहार, महिला कल्याण, पर्यटन, व्यावसायिक शिक्षा, दिव्यांगजन सशक्तिकरण, चिकित्सा शिक्षा, नमामि गंगे एवं ग्रामीण जलापूर्ति, उच्च शिक्षा, सिंचाई एवं जल संसाधन, नगर विकास, आवास एवं शहरी नियोजन, वन, पशुपालन, कृषि व राजस्व विभाग ने मिली रकम में से सैकड़ों करोड़ रुपये खर्च नहीं किए।

मुख्य सचिव आरके तिवारी ने विधानसभा चुनाव के मद्देनजर इन विभागों की पिछले वर्ष के खर्चों की स्थिति के साथ वित्त वर्ष 2021-22 के लिए इनके बजट प्रावधान, स्वीकृत बजट और खर्च बजट की टाइमलाइन के साथ समीक्षा शुरू कर दी है। उन्होंने बजट खर्च के मद्देनजर कई प्राथमिकताएं भी तय करवाई हैं।

तेजी से बजट खर्च के लिए महत्वपूर्ण दिशा-निर्देश

पूंजीगत मद में स्वीकृतियां प्राथमिकता पर जारी कर खर्च हो।

विभागाध्यक्ष शत प्रतिशत आवंटन करें, खर्च समय से हो।

प्रत्येक माह का लक्ष्य तय हो, प्राथमिकता वाली योजनाओं की स्वीकृतियां तत्काल जारी हों।

केंद्रीय सहायता वाली योजनाओं में केंद्र से सहायता के प्रस्ताव जल्द भेजें।

छात्रवृत्ति योजनाओं से जुड़ी धनराशि केंद्र से प्राप्त कर विद्यार्थियों में वितरित कराएं।

जिन विभागों के प्रस्ताव वित्त विभाग में लंबित हैं, वे उसकी स्वीकृति जारी कराएं।

कोरोना संक्रमण से जान गंवाने वाले कार्मिकों के परिजनों को मिलने वाली धनराशि तत्काल दिलाएं।

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