Mathura News: श्रीकृष्ण जन्मस्थान पर चंद्रयान 3 की सफलता से जुड़ा होगा जन्माष्टमी पर्व

Mathura News: इसरो चीफ के नाम पर बने सोमनाथ' पुष्प-बंगले में कान्हा विराजेंगे। 'प्रज्ञान - प्रभास' पोशाक धारण कर भक्तो को दर्शन ठाकुरजी देंगे।

Update:2023-09-02 23:38 IST
श्रीकृष्ण जन्मस्थान पर चंद्रयान 3 की सफलता से जुड़ा होगा जन्माष्टमी पर्व : Photo-Newstrack

Mathura News: जन्माष्टमी का पर्व नजदीक है और इस बार कान्हा का जन्मोत्सव भी चन्द्रयान-3 की सफलता से सभी को अभिभूत एवं आनन्दित करने वाला रहेगा ।

इस संबंध में श्रीकृष्ण जन्मभूमि सचिव कपिल शर्मा ने बताया कि सनातन धर्म में चन्द्रमा को विशष्टि स्थान प्राप्त है। सनातन धर्म में जितनी सुन्दर प्रामाणिक व्याख्या चन्द्र आदि नवग्रह के बारे में की गयी है, ऐसा सटीक ज्ञान अन्यत्र दिखाई नहीं देता। सनातन धर्म की शाश्वत एवं अविरल धारा की संवाहक भारत वर्ष की पवित्र भूमि जहाँ ऋषि-मुनियों ने अपने तप-बल से चन्द्र आदि नवग्रह एवं उपग्रह का सटीक वर्णन किया है, सनातन की उसी परंपरा को भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान परिषद (इसरो) के यशस्वी वैज्ञानिकों ने पुनर्स्थापित किया है। भारत के चन्द्रयान-3 ने चन्द्रमा के अप्रियतम सौन्दर्य एवं दुलर्भ पदार्थों से युक्त दक्षिणी ध्रुव में भारत के यशस्वी प्रधानमंत्री श्रीमान नरेन्द्र मोदी जी के निरन्तर उत्साहवर्धन एवं इसरो के प्रमुख श्री एस० सोमनाथ (श्रीधर परिकर सोमनाथ) के नृतत्व में विलक्षण कार्य को संभव किया है। ऐसी महान उपलब्धि पर प्रत्येक राष्ट्रवादी अभिभूत है एवं हमारे तपस्वी मनीषी वैज्ञानिकों के अथक त्याग, तप और परिश्रम को नमन कर रहा है। चन्द्रवंशी भगवान श्रीकृष्ण के 5250वें जन्म महोत्सव के विशिष्ट एवं भव्य आयोजन में जिस पुष्प-बंगले में विराजमान हो ठाकुरजी दर्शन देंगे उसका नाम इसरो के चीफ श्री एस० सोमनाथ के नामानुरूप 'सोमनाथ' पुष्प-बंगला किया गया है।

चन्द्रमा के अप्रियतम सौन्दर्य में अठखेलियाँ कर भारतवर्ष के समृद्ध ज्ञान की परंपराओं के संवर्धन में लगे वैज्ञानिक यंत्र 'प्रज्ञान' के नामानुरूप ठाकुरजी की पोशाक का नाम 'प्रज्ञान - प्रभास' दिया गया है। श्रीकृष्ण-जन्मस्थान सेवा संस्थान का यह प्रयास भारत की सनातन परंपराओं के संवर्धन एवं नवीन अनुसंधान में लगे उन सभी वैज्ञानिक, मनीषियों का अभिनन्दन एवं अनन्तलीला पुरुषोत्तम भगवान श्रीकृष्ण के समर्थ श्रीचरणों में उनके उत्तरोत्तर सफलता की मंगलकामनायें है।

कृष्णं वन्दे जगद्गुरुम् के 5250 वे जन्मोत्सव पर श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर यह रहेगी व्यवस्था

1-‘सोमनाथ' पुष्प-बंगले में विराजेंगे ठाकुरजी ।

2-‘प्रज्ञान-प्रभास' पोशाक करेंगे धारण ।

3-‘मोर्छलासन' में विराजमान हो अभिषेक स्थल पर पधारेंगे श्रीचलविग्रह।

4-रजत-कमल पुष्प में होगा श्रीकृष्ण प्राकट्य ।

5–स्वर्ण मण्डित रजत कामधेनु स्वरूपा दिव्य गौ प्रतिमा करेंगी ठाकुरजी का प्रथम अभिषेक ।

6 - गर्भ-गृह एवं श्रीकृष्ण चबूतरा को दिया जायेगा कारागार का मूल स्वरूप ।

7-देश के चतुर्दिक विकास एवं हिन्दू राष्ट्र की कामना के लिए होगा श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का संकल्प ।

8- प्रातः ५:१५ से रात्रि १:३० बजे तक जन्मस्थान में होगा निरन्तर प्रवेश ।

9 -जन्माभिषेक में उपस्थित रहेंगे परमपूज्य महन्त श्रीनृत्यगोपालदास जी महाराज।

श्रीकृष्ण की जन्मभूमि पर भगवान श्रीकृष्ण का परम पुनीत जन्ममहोत्सव शास्त्रीय मर्यादाओं एवं परंपरा के अनुसार भाद्रपद कृष्ण अष्टमी तद्नुसार दिनांक 07 सितम्बर 2023 गुरूवार को मनाया जायेगा।

इस संबंध में जानकारी देते हुये श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संस्थान के सचिव श्री कपिल शर्मा एवं सद श्री गोपेश्वरनाथ चतुर्वेदी ने बताया कि इस वर्ष भगवान श्रीकृष्ण के 5250वें जन्ममहोत्सव के अवसर पर जन्मस्थान साज-सज्जा, ठाकुरजी की पोशाक, श्रंगार नयनाभिराम होंगी। जन्मभूमि के अन्दर एवं परिसर के बाहर से श्रद्धालुगण जि दिशा से भगवान श्रीकृष्ण की जन्मभूमि के दर्शन करेंगे, वहीं से उनको जन्मभूमि की अदभुद छटा की अनुभूति हो, ऐ प्रयास चल रहा है। भगवान श्रीकृष्ण की प्राकट्य भूमि एवं कारागार के रूप में प्रसिद्ध गर्भ गृह एवं सम्पूर्ण श्रीकृष्ण चबू की साज-सज्जा अदभुद होगी। इस वर्ष प्रयास रहेगा कि श्रीगर्भ गृह के भीतरी भाग को तो कारागार का स्वरूप प्रदान किया जाएगा ।

साथ ही श्रीगर्भ गृह के बाहरी भाग 'श्रीकृष्ण- चबूतरा' को भी गर्भ गृह के प्राचीन वास्तु अथव मूलरूप में बिना कोई परिवर्तन किये हुए कारागार का स्वरूप प्रदान किया जायेगा। देश-विदेश से पधार वाले लाखों श्रद्धालु जो कंस के कारागार में जन्मे ठाकुरजी के उसी स्वरूप के दर्शन के भाव से आ रहे हैं, उनक भावनाऐं अवश्य ही ऐसी अदभुद छटा से पुष्ट होंगी, साथ ही पर्व के अनुकूल प्रकाश का संयोजन भी गर्भगृह की भव्य एवं दिव्यता में वृद्धि करेगा। गर्भगृह के बाहरी हिस्से में उत्कीर्ण भगवान के जन्म से पूर्व की लीलाएं भक्तों के आकर्षण केन्द्र रहती हैं। इन स्थानों पर प्रकाश की विशेष व्यवस्था रहेगी।

दिनांक 07 सितम्बर 2023 गुरूवार को प्रातः दिव्य शहनाई एवं नगाड़ों के सुमधुर वादन के साथ भगवान की मंग आरती के दर्शन प्रातः 5:30बजे से होंगे। तदोपरान्त प्रातः 8:00 बजे भगवान का दिव्य पंचामृत अभिषेक किया जायेगा भगवान के पवित्र स्त्रोतों का पाठ एवं पुष्पार्चन होगा।

प्रातः 10:00 बजे भव्य पुष्पांजलि कार्यक्रम श्रीराधाकृष्ण युगल सरकार के श्रीचरणों में भागवत- भवन दिव्य प्रांगण में आयोजित किया जायेगा। भगवान के तुलसीदल से पुष्पार्चन, मंगलार्चन एवं वेदमंत्रों के मध्य कि जायेगा। ब्रज के उत्कृष्ट गायक इस अवसर पर ठाकुरजी के सम्मुख दिव्य भजन-गायन की प्रस्तुति देंगे।

जन्म महाभिषेक का मुख्य कार्यक्रम रात्रि 11:00 बजे श्रीगणेश - नवग्रह आदि पूजन से आरंभ होगा। तदोपरा 1008 कमल-पुष्पों से ठाकुरजी का सहस्त्रार्चन करते हुऐ आव्हान किया जायेगा। रात्रि 12:00 बजे भगवान के प्राकत के साथ संपूर्ण मंदिर परिसर में बज उठेंगे ढोल-नगाड़े, झोंझ-मंजीरे, मृदंग साथ ही हरिबोल के साथ नाच उठेंगे असं भक्तजन-संत एवं भगवान के जन्म की महाआरती शुरू होगी जो रात्रि 12:05 बजे तक चलेगी। ढोल एवं मृदंग अभिषे स्थल पर तो बजेंगे ही साथ ही सम्पूर्ण मंदिर परिसर में स्थान-स्थान पर भी इनका वादन होगा। इससे आनन्दविभ श्रद्धालु हरिनाम संकीर्तन एवं नृत्य आदि कर भगवान के समक्ष अपने भावसुमन अर्पित कर पायेंगे।

- तदुपरान्त केसर आदि सुगन्धित द्रव्यों से लिपटे हुये भगवान श्रीकृष्ण के चल विग्रह मोर्छलासन में विराजमान होकर अभिषेक स्थल पर पधारेंगे।

-तत्पश्चात कामधेनु स्वरूपा स्वर्ण मण्डित रजत गऊ अपने पयोधर से भगवान के श्रीविग्रह का प्रथम अभिषेक करेंगी।

- ऐसे दिव्य गऊ विग्रह पर अनेकानेक देवी-देवताओं की आकृतियाँ उत्कीर्ण हैं एवं ऐसी स्वर्ण मण्डित रजत गऊ द्वारा किया जाने वाला जन्माभिषेक स्वयं तेतीस कोटि देवताओं के द्वारा श्रीठाकुरजी का अभिषेक दर्शन हैं।

-तदुपरान्त श्रीठाकुरजी के श्रीविग्रह अभिषेक स्थल पर रजत कमल में विजरामान होंगे।

-ठाकुरजी का जन्ममहाभिषेक श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संस्थान के अध्यक्ष परम पूज्य महन्त श्रीनृत्यगोपालदास जी महाराज के दिव्य सान्निध्य में सम्पन्न होगा।

- देव, देवाधिदेव महादेव भी जिस श्रीकृष्ण जन्म महोत्सव एवं श्रीकृष्ण जन्म महाभिषेक दर्शन के लिए उत्कंठित रहते हैं ऐसे दिव्य जन्ममहाभिषेक में दूध, दही, घी, बूरा, शहद, दिव्य औषधियों, वनस्पतियों एवं सुगन्धित द्रव्यों का प्रयोग होगा।

भगवान श्रीकृष्ण के रजत कमलपुष्प में विराजित श्रीचलविग्रह का अभिषेक दूध, दही, घी, बूरा, शहद, दिव्य औष एवं वनस्पतियों से किया जायेगा। भगवान का प्रथम जन्माभिषेक स्वर्ण मण्डित रजत से निर्मित कामधेनु स्वरूपा गौमा करेंगी। शास्त्रीय मान्यता है कि गौमाता में स्वयं 33 कोटि देवतागण वास करते हैं।

- श्रीठाकुर जी के जन्माभिषेक कामधेनु स्वरूपा गऊ द्वारा रात्रि 12:05 बजे से रात्रि 12:20 बजे तक किया जायेगा। - तदोपरान्त रजत कमल पुष्प में विराजित श्रीठाकुरजी का जन्म महाभिषेक रात्रि 12:20 बजे से 12:40 बजे तक होगा। ठाकुरजी की श्रंगार आरती रात्रि 12:40 बजे से 12:50 बजे तक होगी एवं श्रीकृष्ण जन्मस्थान में श्रद्धालु का प्रवेश रात्रि 1:30 बजे तक होगा।

सदैव की भाँति इस वर्ष भी श्रद्धालुओं को वृहद मात्रा में प्रसाद वितरण किया जायेगा। प्रातः 8:00 बजे श्रीठाकुर के नित्य महाभिषेक की दिव्य प्रसादी पंचामृत का वितरण प्रातः 830 बजे से दर्शनार्थी श्रद्धालुओं को किया जायेगा। प्रा से ही श्रद्धालुओं को मैवे नारियल के लड्डू मेवे का पाग (कतली) का वितरण भी किया जायेगा। जन्म महाभिषेक पंचामृत प्रसाद एवं लड्डू प्रसाद का वितरण निकास द्वार के दोनों ओर रात्रि 12:40 बजे से किया जायेगा। संस्थान क प्रयास है कि श्रीकृष्ण जन्मभूमि के दर्शन के लिए पधारने वाले अधिक से अधिक श्रद्धालुओं को ठाकुरजी व जन्म- महाभिषेक का प्रसाद अवश्य प्राप्त हो।

इस अलौकिक आयोजन का समापन भाद्रपद कृष्ण नवमी तद्नुसार शुक्रवार दिनांक 08 सितम्बर 2023 को म नन्दोत्सव बधाई गायन के साथ होगा। इस अवसर पर ब्रज की परंपराओं के अनुरूप उत्सव में सम्मिलित होने वाल श्रद्धालुओं एवं भक्तों को वृहद मात्रा में प्रसाद, बधाई पोटली, खिलौने, मिष्ठान, फल, वस्त्र आदि सामग्री बड़ी मात्रा वितरित की जायेगी।

श्रीकृष्ण जन्माष्टमी महोत्सव के अवसर पर सप्तदिवसीय प्रसादी भण्डारा सेवा श्रीकृष्ण-संकीर्तन मण्डल के विशेष सहयोग से की जा रही है। श्रीकृष्ण जन्मभूमि के अन्नक्षेत्र में श्रद्धालु हजारों की संख्या में प्रसादी -भण्डारा में प्रसाद प्राप्त कर अभिभूत हो रहे हैं। नन्दोत्सव के दिन कढ़ी-चावल / पूआ का विशेष प्रसाद सभी श्रद्धालुजन में वितरित किया जायेगा।

इस नयनाभिराम दृश्य को विभिन्न टी०वी० चैनलों पर प्रसारित होने वाले कार्यक्रम में सजीवता के साथ दिखाया जा सके इसके लिए अभिषेक स्थल पर बनाये जा रहे मंच को भी विशेष स्वरूप प्रदान किया जायेगा।

भगवान के दर्शनार्थ बाहर से आने वाले श्रद्धालु जहाँ स्थान की भव्यता एवं दिव्यता को देखकर आनन्दित हो उलेंगे, वहीं टी०वी० चैनलों के माध्यम से इस अलौकिक महोत्सव के प्रसारण को देखने वाले श्रद्धालुओं को भी वही आभास होगा जैसे वे स्वयं कृष्ण की पवित्र प्राकट्य भूमि पर मनाये जा रहे इस जन्म महोत्सव अभिषेक में सम्मिलित "हो. ऐसा संस्थान का प्रयास है। संस्थान का यह भी प्रयास है कि जो भावना एवं कल्पना इस पवित्र स्थान पर इस अलौकिक जन्म महोत्सव के लिए भक्तों के हृदय में सदैव बनी रहती है, वह इस उत्सव के दर्शन से और अधिक पुष्ट हो।

भगवान को इस पवित्र दिवस पर वृहद मात्रा में लड्डू एवं मेवा - पाग का भोग लगाया जायेगा। भगवान के भोग के लिए भिन्न-भिन्न प्रकार के स्वादिष्ट लड्डुओं को कुशल कारीगर एवं भक्तगण रात-दिन भाव और श्रद्धा के साथ बना रहे हैं। भगवान को मुख्यतः मेवे, कूटू गोंद एवं मिंगी के लड्डुओं का भोग लगाया जायेगा।

देश-विदेश से वाले वाले लाखों की सुविधा के लिए जन्मभूमि के सभी संपर्क मार्गो पर जूतार एवं सामान घर की व्यवस्था की गयी है, सभी आवश्यक स्थानों पर पेयजल उपलब्ध कराने का प्रयास किया जा रहा है। श्रद्धालुओं के सुगम प्रवेश को दृष्टिगत रखते हुये लाउडस्पीकर के माध्यम से निर्देश दिये जायेंगे, साथ ही बैरीकेडिंग इस प्रकार से की जा रही है कि जिससे कि श्रद्धालु कम से कम समय में दर्शन प्राप्त कर सकें। जन्माष्टमी के दिन श्रद्धालुओं का प्रवेश गोविन्द नगर द्वार (गेट नं0-3) से होगा एवं निकास मुख्य द्वार (गेट नं0- 1) से होगा।

श्रद्धालु जन्मभूमि के लिए प्रस्थान करते समय अपने आवश्यक सामान जैसे •मोबाइल फोन, कैमरा, रिमोट की रिंग, नाचिस बीड़ी जिनरेट तम्बाकू च आदि अन्य कोई भी इलैक्ट्रॉनिक समान अपने साथ न ले जायें। इन्हें या तो अपने वाहन में अपने ठहरने के स्थान पर छोड़ कर आयें अथवा मार्ग में बने सामान घर में जमा कर रसीद / कूपन अवश्य प्राप्त कर लें।

श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संस्थान विगत वर्षों की भाँति तीन स्थानों पर सामान घर-घर का संचालन करेगा। यह सामान घर गोविन्द नगर थाने के सामने (पार्किंग में) 2- श्री गोविन्दम् 3-धापर्क गर्त‍ मंदिर के सामने) बनाये जायेंगे। प्रत्येक सामान घर वा घर के साथ आपात कालीन स्थिति में श्रद्धालुओं को प्राथमि चिकित्सा सेवा प्रदान करने के लिए मुख्य चिकित्साधिकारी, मथुरा के सहयोग से व्यवस्थायें सुनिश्चित की जायेंगी।

श्रद्धालुओं की सुविधा, सामान घर-जूता घर के सुबारू संचालन एवं श्रद्धालुओं के परिसर में सुगम एवं नि प्रवेश को दृष्टिगत रखते हुये संस्थान के अधिकारी श्रद्धालुओं की आवश्यकता अनुसार सेवा के लिए उपलब्ध रहेंगे।

संस्थान द्वारा परिजनों से बिछुड़े हुऐ लोगों को परिजनों से मिलाने के लिए जन्मस्थान के गेट नं0-1 के सम आयुर्वेद भवन प्रांगण में खोया पाया केन्द्र बनाया जा रहा है। खोया-पाया केन्द्र से मंदिर के चारों ओर लाउडस्पीकर व व्यवस्था की गई है जिससे खोया-पाया केन्द्र की व्यवस्था सुचारू चल सके।

"जय श्रीकृष्ण"

श्रीकृष्ण जन्माष्टमी महोत्सव (7 सितम्बर 2023) बृहस्पतिवार की रात्रि में

श्रीकृष्ण जन्म महाभिषेक कार्यक्रम (श्रीभागवत भवन मन्दिर)

1- श्री गणपति एवं नवग्रह स्थापना-पूजन आदि

रात्रि 11:00 बजे से

2- सहस्त्रार्चन (कमल पुष्प एवं तुलसीदल से)

रात्रि 11:55बजे तक

रात्रि 11:59 बजे

3- प्राकट्य दर्शन हेतु पट बन्द

4- प्राकट्य दर्शन / आरती

रात्रि 12:00 बजे से 12:05 बजे तक

15- पयोधर महाअभिषेक (कामधेनु)

रात्रि 12:05 बजे से 12:20बजे तक

6- रजत कमल पुष्प में विराजमान ठाकुरजी का जन्म- महाभिषेक

रात्रि 12:20बजे से 12:40 बजे तक

रात्रि 12:40 बजे से 1250बजेतक

7- श्रंगार आरती

8- शयन आरती

रात्रि 1:25 बजे से 1:30 बजेतक

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