Meerut News: जेल से रिहा होकर हाजी याकूब का बेटा फिरोज कुरैशी घर के बजाय पहुंचा रिश्तेदारी में
फिरोज को शुक्रवार जेल से रिहाई तो मिल गई है। लेकिन,अभी वह मेरठ नहीं आया है। उसे मेरठ के आसपास कहीं रिश्तेदारी में रखा गया है।
Meerut News: बसपा के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व मंत्री हाजी याकूब कुरैशी के परिवार को एक और राहत मिली है। पूर्व मंत्री के बेटे फिरोज कुरैशी को सिद्घार्थनगर जेल से रिहा कर दिया है। हाजी याकूब कुरैशी के परिवार के नजदीकी सूत्रों ने इसकी जानकारी देते हुए बताया कि फिरोज शुक्रवार को जेल से रिहाई तो मिल गई है। लेकिन,अभी वह मेरठ नहीं आया है। उसे मेरठ के आसपास कहीं रिश्तेदारी में रखा गया है। बता दें कि उनकी कुछ दिन पहले कोर्ट से जमानत हो गई थी। जिसके बाद जेल में रिहाई का परवाना पहुंचा जिसके बाद फिरोज के शुक्रवार सुबह रिहा कर दिया गया।
बता दें कि बीते साल 31 मार्च को खरखौदा के अलीपुर स्थित अलफहीम मीटेक्स प्राइवेट लि. में मीट पैकेजिंग और प्रोसेसिंग की जा रही थी। पुलिस ने करीब पांच करोड़ रुपये कीमत का मीट बरामद किया था। 53 नमूने पास होने पर उक्त मीट रिलीज कर दिया गया। तब खरखौदा थाने में पूर्व मंत्री याकूब कुरैशी उनके बेटे इमरान, फिरोज और पत्नी शमजिदा समेत 17 लोगों पर मुकदमा दर्ज किया गया था। इस मामले में बाद में पुलिस ने याकूब के परिवार पर गैंगस्टर का भी मुकदमा दर्ज किया था। फिरोज, इमरान और हाजी याकूब को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था।
फिरोज की रिहाई के बारे में पूछने पर एसएसपी रोहित सिंह सजवाण ने इतना ही कहा कि अगर जेल से बाहर आकर फिरोज ने फिर से कोई गलत काम किया तो पुलिस उसे एक बार फिर गिरफ्तार करने से पीछे नहीं हटेगी।
कभी ये काम करते थे पूर्व मंत्री हाजी याकूब
गौरतलब है कि एक समय राजनीति में हाजी याकूब कुरैशी का अलग ही जलवा था। हापुड़ रोड की मीट फैक्ट्री में पांच करोड़ का अवैध मीट पकड़े जाने के मामले में गिरफ्तार हुए पूर्व मंत्री हाजी याकूब का एक समय गुड़ का व्यापार करते थे। याकूब के पिता फईमुद्दीन कुरैशी कभी कबाड़ी बाजार के चौपले पर गुड़ का व्यापार करते थे। हालांकि, खुद याकूब कुरैशी ठेले पर नींबू भी बेचा करते थे। बाद में प्रॉपर्टी डीलिंग का काम शुरू कर दिया और फिर मीट के कारोबार में आए तो सियासत में उतर गए। इसके बाद उन्होंने फिर पीछे मुड़ कर नहीं देखा।
हाजी याकूब कुरैशी वर्ष 1995-96 में सभासद चुने गए और फिर डिप्टी मेयर बन गए। 2002 की बसपा सरकार में याकूब का यह सफर खरखौदा से जीतने के बाद राज्यमंत्री बनने तक रहा। वर्ष 2016 में याकूब ने सिटी अस्पताल भी खरीद लिया। वर्ष 2007 में याकूब ने यूडीएफ नाम से अपनी पार्टी बनाई और मेरठ शहर सीट विधायक भी चुने गए। जीत के बाद उन्होंने यूडीएफ का बसपा में विलय कर दिया। प्रदेश में भाजपा सरकार आते के साथ ही हाजी याकूब कुरैशी के पतन का सिलसिला जो शुरु हुआ है वह भी तक थमा नहीं है।