Meerut News: चौधरी चरण सिंह विवि के "भौतिकी विभाग के छात्रों का गेट परीक्षा में उत्कृष्ट प्रदर्शन"

Meerut News: विवि प्रवक्ता के अनुसार इस परीक्षा में उत्तीर्ण होने वाले छात्र-छात्राओं के नाम तानिया, वैशाली, अदिति मुदगल, प्रज्ञा ,सिमरन चौहान, अतुल तेवतिया, सामिया जैदी, वृंदा शर्मा, नेहा दक्ष, अमन भास्कर, अभिषेक सोम, मोहम्मद फैजल हैं।

Report :  Sushil Kumar
Update: 2024-03-22 16:07 GMT

Meerut News (Pic:Social Media)

Meerut News: ग्रेजुएट एप्टीट्यूड टेस्ट इन इंजीनियरिंग (गेट) की एंट्रेंस परीक्षा का परिणाम घोषित हुआ। जिसमें चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय के भौतिकी विभाग में अध्यनरत बारह छात्र-छात्राओं के द्वारा उत्कृष्ट प्रदर्शन करते हुए गेट की परीक्षा को उत्तीर्ण किया। विवि प्रवक्ता के अनुसार इस परीक्षा में उत्तीर्ण होने वाले छात्र-छात्राओं के नाम तानिया, वैशाली, अदिति मुदगल, प्रज्ञा ,सिमरन चौहान, अतुल तेवतिया, सामिया जैदी, वृंदा शर्मा, नेहा दक्ष, अमन भास्कर, अभिषेक सोम, मोहम्मद फैजल हैं। भौतिकी विभाग में छात्र छात्राओं द्वारा इस परीक्षा को उत्तीर्ण करने से पूरे विभाग में खुशी का माहौल है। विभाग के सभी प्राध्यापकों ने छात्रों से भेंट कर उन्हें शुभकामनाए दी।

गेट की परीक्षा का परिणाम घोषित होने पर छात्र-छात्राओं ने विभाग में आकर सभी प्राध्यापकों से आशीर्वाद लिया। विवि प्रवक्ता ने बताया कि ग्रेजुएट एप्टीट्यूड इन इंजीनियरिंग परीक्षा पूरे भारतवर्ष में आयोजित की जाने वाली एक ऐसी परीक्षा है, जिसके माध्यम से छात्र-छात्राओं को कई बड़े राष्ट्रीय संस्थान जैसे आईआईटी, एनआईटी आदि और कई अंतरराष्ट्रीय संस्थान में उच्च शिक्षा के लिए अध्ययन का अवसर प्राप्त होता है। इतना ही नहीं इस परीक्षा के माध्यम से भारत के कई बड़े संस्थान जैसे बीएआरसी, डीआरडीओ , ओएनजीसी व अन्य इंडस्ट्रीज में सीधा साक्षात्कार का अवसर भी प्राप्त होता है।


इस अवसर पर विभाग अध्यक्ष प्रोफेसर अनिल कुमार मलिक, रिसर्च डायरेक्टर एवं चीफ प्रॉक्टर प्रोफेसर बीर पाल सिंह, प्रोफेसर अनुज कुमार, प्रोफेसर संजीव कुमार शर्मा, डॉक्टर योगेंद्र कुमार गौतम, डॉक्टर कविता शर्मा, डॉक्टर अनिल कुमार यादव और डॉक्टर विवेक कुमार नौटियाल मौजूद रहे।


डॉक्टर देवेंद्र कुमार को मिला पेटेंट

चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय के माइक्रोबायोलॉजी विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉक्टर देवेंद्र कुमार सूक्ष्म शैवाल पर अनुसंधान कर रहे है। उन्होंने बताया कि प्राकृतिक रूप से उपयोग में आने वाले सूक्ष्म शैवाल अपने आप में एक लघु ऊर्जा का बिजलीघर है। क्योंकि इसमें कई वर्णक पाए जाते है, जिनकी एंटीऑक्सीडेंड एक्टिविटी बहुत ज्यादा है। जैव प्रौद्योगिकी के गतिशील क्षेत्र में एक जटिल समस्या है, की इन सब वर्णको को अनुसंधान में प्रयोग करने के लिए आसानी से निस्कर्षण नही किया जा सकता। डॉक्टर देवेंद्र ने इन वर्णको को आसानी से निस्कर्षण करने के लिए एक पोर्टेबल डिवाइस को डिजाइन किया है। जिससे इस क्षेत्र के अनुसंधान में क्रांति आ सकती है।

इस डिवाइस में उन्नत सौर पैनल और एक रिचार्जेबल बैटरी शामिल है, जो वर्णक निस्कर्षण की लागत को काफी हद तक कम करती है और जटिल प्रक्रिया को सरल बनाती है। अपने हल्के डिजाइन के साथ इस डिवाइस को प्रयोग करना भी आसान है। डिवाइस को साफ सफ़ाई और रख रखाव में आसानी को ध्यान में रखकर डिजाइन किया गया है। जल्द ही यह डिवाइस मार्केट में उपलब्ध होगी और सूक्ष्म शैवाल और सायनो बैक्टीरिया के शोधार्थियों के लिए वरदान साबित होगी।

डॉक्टर देवेंद्र ने इस पोर्टेबल डिवाइस को पेटेंट कराया है। सूक्ष्म जीव विज्ञान विभाग के विभागाध्यक्ष प्रोफ़ेसर जितेंद्र सिंह और विश्वविद्यालय की कुलपति महोदया प्रोफेसर संगीता शुक्ला ने डॉक्टर देवेंद्र को इस उपलब्धि पर बधाई दी और उनके उज्जवल भविष्य की कामना की।

सोशल साइंसेज" विषय पर तीन दिवसीय वर्कशॉप का समापन

चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय मेरठ परिसर में मनोविज्ञान विभाग द्वारा बुधवार से "कंप्यूटराइज्ड टूल्स फोर डाटा एनालिसिस इन सोशल साइंसेज" विषय पर तीन दिवसीय वर्कशॉप का समापन हुआ। कार्यशाला के अंतिम के दिन विद्यार्थियों ने उत्साह के साथ कंप्यूटर बेसिक साफ्टवेयर जैसे, एक्सेल, वर्ड, पावर प्वाइंट प्रेजेंटेशन में ऑटोमेशन के लिए कमांड सीखी। वर्कशाप के मुख्य वक्ता सौरभ गुप्ता ने कहा कि आज के समय में अगर कॉरपोरेट क्षेत्र में हमे सफलता के साथ काम करना है तो हम सबसे पहले हमें कंप्यूटर के बेसिक सॉफ्टवेयर का बेहतर उपयोग आना जरूरी है। उन्होंने छात्रों को नए एआई कमांड और फंक्शन्स का उपयोग करने के विभिन्न तरीके के प्रैक्टिस के साथ सिखाए।

कार्यशाला के समापन समारोह में डॉ० जमाल अहमद सिद्धकी ने सभी प्रतिभागियों को सर्टिफिकेट प्रदान किए और कहा की आज हर विद्यार्थी या नौकरी खोजने वाले व्यक्ति को नए जमाने के कदम से कदम मिला कर चलने के लिए इस प्रकार के ए आई टूल की जानकारी आवश्यक है। मनोविज्ञान के इस कार्यशाला की सराहना करते हुए उन्होंने कहा की इस तरह के प्रोग्राम समय समय पर होते रहने चाहिए इससे छात्रों में पढ़ाई के प्रति रुचि बढ़ती है साथ ही स्किल भी विकसित होता है। जिससे उन्हें नौकरी मिलने में आसानी होती है। विभागाध्यक्ष संजय कुमार ने सभी मेहमानों एवं प्रतिभागियों को धन्यवाद दिया और विभाग के सभी सहयोग करने वाले कर्मचारी एवं विद्यार्थियों के प्रयासों की कार्यक्रम को सफल बनाने के प्रयासों सराहना की।

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