इन्होंने दिया बिजली चोर उपभोक्ताओं पर एफआईआर न दर्ज करने का प्रस्ताव
यूपी के गरीब उपभोक्तओं को बिजली चोरी में एफआईआर व पुलिसिया कार्यवाही से बचाने के लिए उप्र. राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद् ने प्रदेश के ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा से मुलाकात कर उनसे विद्युत अधिनियम- 2003 में बिजली चोरी की धाराओ में आवश्यक संशोधन करने की मांग की है।
लखनऊ: यूपी के गरीब उपभोक्तओं को बिजली चोरी में एफआईआर व पुलिसिया कार्यवाही से बचाने के लिए उप्र. राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद् ने प्रदेश के ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा से मुलाकात कर उनसे विद्युत अधिनियम- 2003 में बिजली चोरी की धाराओ में आवश्यक संशोधन करने की मांग की है। उपभोक्ता परिषद ने ऊर्जा मंत्री को प्रदेश में 2 किलोवाट तक के घरेलु व वाणिजियक तथा 5 हॉर्स पावर तक के किसानो पर बिजली चोरी के मामलो में एफआईआर की बाध्यता खत्म करके केवल बिजली चोरी के असिस्मेंट करने तथा एक बार ही वसूलने का प्रस्ताव दिया है। ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने उपभोक्ता परिषद् के प्रस्ताव को जल्द ही केंद्रीय ऊर्जामंत्री को भेजकर उस पर कार्यवाही व बिचार कराने का आश्वासन दिया है।
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ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा से सोमवार को मुलाकात के बाद उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश वर्मा ने कहा कि पूरे देश में लम्बे समय से यह देखने को मिल रहा है कि बिजली चोरी के मामलो में 95 प्रतिशत एफआईआर केवल गरीब घरेलु वाणिज्यिक व किसानो पर ही हो रही है। उन्होंने बताया कि परिषद के बीते 6 माह के अध्ययन में सामने आया है कि पूरे देश में विभागीय विजलेंस या अभियन्ताओ द्वारा की गयी एफआईआर में 95 प्रतिशत बिजली चोरी के मामले ऐसे गरीबो से सम्बंधित थे, जिन्होने शमन शुल्क नहीं जमा किया था।
उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश वर्मा ने कहा
उन्होंने कहा कि उपभोक्ता परिषद् ने गरीब उपभोक्तओ पुलिस कार्यवाही व एफआईआर से बचाने के लिए देश-प्रदेश के विधि विशेषज्ञों से सलाह लेकर विद्युत अभिनियम-2003 की धारा 135, 138 व 135 में संशोधन कराने के लिए ऊर्जा मंत्री से मुलाकात कर यह मुदा उठाते हुए कहा कि इस जनहित प्रस्ताव को केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय को भेजकर विद्युत अधनियम-2003 में प्रस्तावित संशोधन में इसे भी शामिल कराकर आवश्यक संशोधन कराने की मांग की जाए जिससे उपभोक्तओ को रहत मिल सके ।
वर्मा ने बताया कि ऊर्जा मंत्री श्रीकान्त शर्मा ने कहा कि सरकार हमेशा उपभोक्ताओ के हित में खड़ी रही है आगे भी खड़ी रहेगी। ऊर्जा मंत्री ने आश्वासन दिया है कि उपभोक्ता परिषद् का प्रस्ताव जनहित में उचित है उसे जल्द ही केंद्रीय ऊर्जा मंत्री जो को भेजा जायेगा और उस पर प्रभावी कार्यवाही व संशोधन करने के लिए अनुरोध किया जाएगा।
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उन्होंने बताया कि उपभोक्ता परिषद ने अपने प्रस्ताव में मांग की है कि 2 किलोवाट तक के सभी ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों के घरेलू व वाणिजक परिसरों, 5 हॉर्स पावर तक के किसानो पर बिजली चोरी के मामले में एफआईआर की बाध्यता समाप्त की जाय। उन पर केवल 126 के तहत असिसमेंट की कार्यवाही की जाए। ऐसे उपभोक्ता अगर तुरंत कनेक्शन ले तो उसकी असिस्मेंट राशि को उसके आगामी 24 महीने के बिजली बिल में मंथली बिल के साथ वसूल करने की वयवस्था की जाए।
साथ ही ऐसे सभी ग्रामीण व शहरी घरेलु व वाणिजक उपभोक्ता या किसानो के 5 हॉर्स पावर तक के ट्यूबवेल जो बिजली चोरी के असिस्मेंट के चलते बंद है, कनेक्शन नहीं ले पाये है उनकी असिस्मेंट की राशि को 36 महीनो की किस्त की सुबिधा दी जाय और इस दौरान उस पर लगे सरचार्ज को माफ रखा जाए। इसके अलावा प्रस्ताव में यह भी कहा गया है कि बिजली चोरी के मामले में एफआईआर से बचने वाले उपभोक्ताओं से शपथ पत्र भी लिया जाए कि अगर वह दूसरी बार बिजली चोरी करते पाये गये तो उन्हे पहली बार चोरी के प्रकरण में जो भी रियायत वह समाप्त समझी जाएगी ।
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