यूपी: यहां मिड डे मील के लिए भेजे गये 500 से ज्यादा सिलिंडर हुए चोरी
कांग्रेस का गढ़ रायबरेली प्रदेश मे शाहजहांपुर के बाद दूसरा ऐसा जिला है जहां मिड डे मील बनाने के लिए मिले गैस सिलेंडर चोरी के चलते चूल्हों पर भोजन तैयार हो रहा है। सरकारी आकड़ों के मुताबिक अब तक जिले मे 505 सिलेंडर और 42 गैस चूल्हे चोरी हो चुके हैं।
रायबरेली: कांग्रेस का गढ़ रायबरेली प्रदेश मे शाहजहांपुर के बाद दूसरा ऐसा जिला है जहां मिड डे मील बनाने के लिए मिले गैस सिलेंडर चोरी के चलते चूल्हों पर भोजन तैयार हो रहा है। सरकारी आकड़ों के मुताबिक अब तक जिले मे 505 सिलेंडर और 42 गैस चूल्हे चोरी हो चुके हैं।
बेसिक शिक्षा विभाग की माने तो जिले के राही ब्लॉक के भदोखर क्षेत्र में चोरों ने भदोखर स्कूल में एक माह के अंदर चार बार चोरी करके पुलिस को खुली चुनौती दी है।
वही नगर क्षेत्र के स्कूलों में जहां पुलिस की चाक चौबंद व्यवस्था के बावजूद चोरों ने मिड डे मील के बर्तन सिलेंडर और गैस चूल्हे पार कर दिए। ऐसे मे एक बार चोरी हो जाने पर दोबारा सिलेंडर और चूल्हा खरीदने की कोई व्यवस्था नही होने के कारण कुछ शिक्षक छुट्टियों में सिलिंडर को आने घर मे रखकर सुरक्षा कर रहे हैं।
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वो इसलिए कि स्कूल में सुरक्षा के कोई इंतेज़ाम नही है। वही चोरी के बाद मिड डे मील योजना मजबूरी में लकड़ी के चूल्हे के सहारे चल रही है। सरकारी स्कूल में मिड डे मील योजना के अंतर्गत स्कूली छात्र छात्राओं को पका पकाया भोजन खिलाने की योजना के अंतर्गत एलपीजी गैस सिलेंडर और चूल्हे का इंतजाम है जिसके माध्यम से कम समय मे भोजन को पकाकर बच्चों को परोसा जाता है।
अधिकतर स्कूल ग्रामीण क्षेत्र में स्थित है विद्यालय में छुट्टी होने के बाद किसी भी प्रकार का कोई चौकीदार नियुक्त नहीं है। इस कारण स्कूल बंद होने पर और छुट्टियों के बीच चोर मिड डे मील का राशन, बर्तन और सिलेंडर-चूल्हा चोरी कर ले जाते हैं।
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एक बार चोरी होने पर मिड डे मील की सारी व्यवस्था ध्वस्त हो जाती है क्योंकि बर्तन सिलेंडर और चूल्हा दोबारा खरीदने के लिए कोई व्यवस्था नहीं है।
ऐसी परिस्थिति में मजबूर शिक्षक अधिकारियों के दबाव में और स्कूली छात्र छात्राओं के हित के लिए अपने संसाधनों से व अन्य माध्यमों के सहारे से मिड डे मील शुरू करवाते हैं, लकड़ी के चूल्हे पर खाना बनाकर किसी तरह से एमडीएम चलाते हैं। वही शिक्षकों को चोरी गये मिड डे मील के सामान, बर्तन, सिलेंडर-चूल्हे की एफआईआर भी दर्ज करवाने में परेशानी का सामना करना पड़ता है।
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