बीबीएयू व नाइपर के बीच प्रोग्राम और संसाधनों के साझा इस्तेमाल पर करार
यह एमओयू दोनो संस्थानों के बीच जॉइंट रिसर्च प्रोजेक्ट्स, मेडिसिनल केमेस्ट्री, ड्रग डिजाइन, फार्मास्यूटिकल्स बायोमैटेरियल्स एंड बायोलॉजिकल साइंसेज के क्षेत्र में एक दूसरे के सहयोग, स्टूडेंट्स एंड फैकल्टी एक्सचेंज प्रोग्राम और संसाधनों के साझा उपयोग पर हुआ है।
लखनऊ। बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर केंद्रीय विश्वविद्यालय के कुलपति आचार्य संजय सिंह ने कहा कि नाइपर के डायरेक्टर प्रो. एस. जे. एस. फ़्लोरा एक विशेषज्ञ हैं और उनके मार्गदर्शन में नाइपर रायबरेली प्रगति करेगा। दोनों संस्थाओं के आपसी सहयोग से सभी लाभांवित होंगे, हम एक दूसरे के पूरक की तरह कार्य करेंगे। उन्होंने कहा कि हम पीएचडी के ज्वाइंट रजिस्ट्रेशन पर विचार कर सकते हैं। बीबीएयू व नाइपर के बीच प्रोग्राम और संसाधनों के साझा इस्तेमाल पर आज एक एमओयू पर हस्ताक्षर हुए।
आपसी सहयोग पर बल देते हुए उन्होंने कहा कि साथ में मिलकर दोनों संस्थाएं विकास करेंगी, किसी संस्था को स्थापित करने और उसे आगे ले जाने में बहुत सारा धन और कठिन परिश्रम की आवश्यकता होती है, इस समझौते के बाद दोनों संस्थाएं एक दूसरे का सहयोग करेंगी और संसाधनों को साझा प्रयोग कर शोध के क्षेत्र में नए आयाम स्थापित करेंगी। आज का समय आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और रोबोटिक्स का है, इसको ध्यान में रखकर हमें कार्य करना होगा।
विज्ञान के विकास के साथ सामाजिक दायित्व पर बात करते हुए उन्होंने कहा कि भारत सरकार की योजना आयुष्मान भारत में हम किस प्रकार अपनी भूमिका निभा सकते हैं इस पर भी हमें ध्यान देना चाहिए । सप्लाई चेन मैनेजमेंट एक बड़ा क्षेत्र है, किस प्रकार हम उसका प्रयोग कर ड्रग डिलीवरी कर सकते हैं इस पर विचार करने की आवश्यकता है। यह एमओयू सिर्फ एक दस्तावेज न बनकर के जमीनी स्तर पर लागू हो। हाथ मिलाकर आगे बढ़ने का प्रयास होना चाहिए।
इन बिन्दुओं पर हुआ एमओयू
बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर केंद्रीय विश्वविद्यालय, लखनऊ और नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ फार्मास्यूटिकल एजुकेशन एंड रिसर्च (एनआईपीईआर)- रायबरेली के बीच एक एमओयू हस्ताक्षरित हुआ है। इस अवसर पर नाइपर के डायरेक्टर प्रो. एस. जे. एस. फ़्लोरा, डीन प्रो. आर. के. त्रिपाठी और विश्वविद्यालय के कुलपति आचार्य संजय सिंह, कुलसचिव प्रोफेसर एस. विक्टर बाबू व डीन एकेडमिक प्रोफेसर आर. पी. सिंह उपस्थित रहे।
यह एमओयू दोनो संस्थानों के बीच जॉइंट रिसर्च प्रोजेक्ट्स, मेडिसिनल केमेस्ट्री, ड्रग डिजाइन, फार्मास्यूटिकल्स बायोमैटेरियल्स एंड बायोलॉजिकल साइंसेज के क्षेत्र में एक दूसरे के सहयोग, स्टूडेंट्स एंड फैकल्टी एक्सचेंज प्रोग्राम और संसाधनों के साझा उपयोग पर हुआ है।
फ्लोरा का उद्बोधन
इस अवसर पर प्रो. फ़्लोरा ने कहा कि दोनों संस्थाओं के बीच इस समझौता ज्ञापन के बाद नाइपर (एनआईपीईआर) रायबरेली के विद्यार्थियों को यहां के शिक्षकों से सीखने का अच्छा अवसर प्राप्त होगा। दोनों संस्थाएं साथ में मिलकर प्रोजेक्ट्स पर काम कर सकती हैं। बीबीएयू के विद्यार्थियों के लिए नाइपर एक विस्तार है जहां के संसाधनों का प्रयोग वे आगे कर सकेंगे। हमारा संस्थान बीबीएयू को हर प्रकार का सहयोग प्रदान करने के लिए तत्पर है।
इस अवसर पर डिपार्टमेंट ऑफ फार्मास्यूटिकल साइंसेस की विभागाध्यक्ष प्रोफेसर शुभिनी ए. सर्राफ,प्रोफेसर आर. ए. खान, प्रो. सुनीता मिश्रा, प्रो. मलिक, प्रो. गजानन पांडेय समेत अन्य शिक्षक, कर्मचारी एवं विद्यार्थी सभागार में उपस्थित रहे। कार्यक्रम के अंत में विश्वविद्यालय कुलसचिव प्रोफेसर एस. विक्टर बाबू ने सभी को धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कहा कि हमें यह पूर्ण विश्वास है कि यह समझौता ज्ञापन एक दस्तावेज तक सीमित न रहकर पूर्ण रूप से कार्यान्वित होगा।
स्वच्छता शपथ
बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय, लखनऊ में एमएचआरडी के निर्देशानुसार पुस्तकालय एवं सूचना विज्ञान विभाग द्वारा दोपहर 11:45 बजे "स्वच्छता शपथ" दिलाई गई, जिसमें विभागाध्यक्ष प्रो. शिल्पी वर्मा ने विभाग के सभी शिक्षक, कर्मचारी एवं छात्र-छात्राओं को स्वच्छता शपथ दिलाई।
सभी ने यह प्रण लिया कि वे स्वच्छता के लिए 100 घंटे देने का प्रयास करेंगे और देश को स्वच्छ बनाने में अपना सहयोग देंगे।
आदित्य त्रिपाठी का व्याख्यान
बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर केंद्रीय विश्वविद्यालय, लखनऊ के पुस्तकालय एवं सूचना विज्ञान विभाग में "इश्यूज़ एंड चैलेंजेस ऑफ़ इनफार्मेशन रिट्राइवल सिस्टम (Issues and challenges of information retrival system)" विषय पर विशेष। व्याख्यान का आयोजन किया गया। व्याख्यान बीएचयू के पूर्व विभागाध्यक्ष, पुस्तकालय एवं सूचना विज्ञान विभाग प्रोफेसर आदित्य त्रिपाठी द्वारा दिया गया ।
कार्यक्रम का शुभारंभ विभागाध्यक्ष प्रो. शिल्पी वर्मा द्वारा स्वागत भाषण से किया गया। प्रोफ़ेसर त्रिपाठी ने सूचना संग्रहण एवं उसके वितरण से संबंधित तकनीकों के बारे में विद्यार्थियों को बताया एवं सूचना को उपयोगकर्ता तक पहुंचाने के तरीकों पर प्रकाश डाला। उन्होंने विद्यार्थियों की जिज्ञासाओं को शांत किया एवं उन्हें अच्छा सूचना व्यवसायी बनने की सलाह दी। कार्यक्रम के अंत में डॉ. विनीत कुमार ने धन्यवाद ज्ञापित किया।