Mukhtar Ansari Son: मुख्तार के छोटे बेटे उमर अंसारी को सुप्रीम कोर्ट से मिली बड़ी राहत, गिरफ्तारी से मिली छूट

Mukhtar Ansari Son: यूपी सरकार को उमर की याचिका पर नोटिस भी जारी किया गया है। जस्टिस पीके मिश्रा और जस्टिस ऋषिकेश रॉय की डबल बेंच ने गुरूवार को यह फैसला सुनाया।

Written By :  Krishna Chaudhary
Update: 2024-01-26 05:29 GMT

Mukhtar Ansari younger son Umar Ansari (photo: social media)

Mukhtar Ansari Son: पूर्वांचल का कुख्यात माफिया डॉन और बाहुबली नेता मुख्तार अंसारी के बेटे उमर अंसारी को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। आदर्श आचार संहिता उल्लंघन के मामले में कोर्ट ने उसे नियमति जमानत दे दी है। साथ ही यूपी सरकार को उमर की याचिका पर नोटिस भी जारी किया गया है। जस्टिस पीके मिश्रा और जस्टिस ऋषिकेश रॉय की डबल बेंच ने गुरूवार को यह फैसला सुनाया।

दरअसल, बीते माह 19 दिसंबर को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उमर अंसारी को इस मामले में रेगुलर बेल देने से इनकार करते हुए याचिका खारिज कर दी थी। उच्च न्यायालय ने कहा था कि मामले के तथ्यों और परिस्थितियों को देखते हुए अपराध बनता है। हाईकोर्ट के फैसले को उमर ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी, जहां से फैसला उसके पक्ष में आया। कोर्ट में उसकी पैरवी वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने की।

क्या है पूरा मामला ?

पूरा मामला उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के दौरान का है। 2022 के विधानसभा चुनाव में जेल में बंद मुख्तार अंसारी ने अपनी पारंपरिक सीट मऊ सदर से अपने बड़े बेटे अब्बास अंसारी को पहली बार मैदान में उतारा। अब्बास सपा गठबंधन के बैनर तले ओमप्रकाश राजभर की पार्टी सुभासपा से चुनाव लड़ा और जीता भी। चुनाव प्रचार के दौरान 4 मार्च 2022 को मऊ जिले के कोतवाली पुलिस स्टेशन में अब्बास अंसारी, उमर अंसारी और 150 अन्य लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी।

एफआईआर में आरोप लगाया गया था कि 3 मार्च 2022 को पहाड़पुरा मैदान में अब्बास अंसारी, उमर अंसारी और रैली के आयोजक मंसूर अहमद अंसारी ने मऊ प्रशासन के साथ हिसाब-किताब बराबर करने की बात कही थी। यह स्पष्ट तौर पर आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन का मामला है।

अंसारी परिवार पर कसा है कानूनी शिकंजा

लंबे समय से सलाखों के पीछे रह रहे माफिया डॉन मुख्तार अंसारी पर असली कानूनी शिकंजा उत्तर प्रदेश में योगी सरकार के आने के बाद कसा है। पंजाब की जेल में आराम फरमा रहे मुख्तार को यहां लाया गया और फिर यहां की विभिन्न अदालतों में उसके एक-एक गुनाहों पर सजा सुनाई जा रही है। बांदा जेल में बंद मुख्तार को अभी तक छह मामलों में सजा सुनाई जा चुकी है। बाकी पर सुनवाई जारी है। इसी प्रकार उसके परिवार पर भी शिकंजा कसा हुआ है। पत्नी अफशां अंसारी फरार चल रही है। छोटा बेटा उमर अंसारी भी फरार चल रहा था। वहीं, बड़ा बेटा और सुभासपा विधायक अब्बास अंसारी कासगंज जेल में बंद है। उसकी पत्नी निखत भी चित्रकूट जेल में बंद थी। लोअर कोर्ट और हाईकोर्ट से जमानत अर्जी खारिज होने के बाद उसने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। शीर्ष अदालत ने बीते साल 11 अगस्त को मानवीय आधार पर निखत को रिहा करने का आदेश दिया था।

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