नगर निकाय चुनाव: फिर लहराएगा भगवा, BSP के लिए निराश करने वाला जनादेश

Update:2017-11-30 12:38 IST

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के नगर निकाय चुनाव परिणाम से मिला जनादेश बसपा को बहुत ही निराश करने वाला हो सकता है। इन चुनावों को लेकर किए गए एक सर्वे में दिख रहे जनादेश ने कांग्रेस के लिए उम्मीद की एक लौ जला दी है जबकि समाजवादी पार्टी के लिए यह संदेश है कि सीटों के गुणा गणित में वह भले ही पीछे रह जाए, लेकिन वोट प्रतिशत की लिहाज से उसकी हैसियत बरकरार रहने वाली है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के लिए यह संदेश है कि विधानसभा चुनावों में पार्टी को मिले प्रचंड बहुमत की लहार को थामे रहने में वह सफल रहे हैं। प्रदेश की नगर निगम की कुल 16 में से 15 सीटों पर वह कामयाब होते दिख रहे हैं।

इस सर्वे के जनादेश में सपा के नेता रामगोपाल यादव के बेटे अक्षय यादव के संसदीय क्षेत्र में फिरोजाबाद सीट पर भाजपा पिछड़ती दिख रही है। हालांकि मेरठ और झांसी में भी पार्टी को संघर्ष करना पड़ रहा है। बाकी की सभी 13 सीटों पर बीजेपी शुरू से ही विजय पताका लहराती दिख रही थी जो इस सर्वे में भी दिख रहा है। यहां एक बात साफ़ है कि वाराणसी, लखनऊ और गोरखपुर में मतों का अंतर ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, उपमुख्यमंत्री दिनेश शर्मा और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की इलाकाई हैसियत का पैमाना होगा। जैसा कि एबीपी न्यूज और सी-वोटर के एग्जिट पोल सर्वे में दिखाया गया है कि राज्य के 16 नगर निगमों में भी भगवा पार्टी की लहर बरकरार है।

एग्जिट पोल के नतीजों के मुताबिक लखनऊ और वाराणसी में भाजपा अपना मेयर बना सकती है। सर्वे के मुताबिक लखनऊ नगर निगम में बीजेपी को 40 फीसदी, समाजवादी पार्टी को 27 फीसदी, बहुजन समाज पार्टी को 13 फीसदी, कांग्रेस को 18 फीसदी और अन्य के खाते में एक फीसदी वोट मिलने की उम्मीद है। इसी तरह धर्म नगरी और पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी नगर निगम चुनाव में बीजेपी को 45 फीसदी, समाजवादी पार्टी को 21 फीसदी, बहुजन समाज पार्टी को 14 फीसदी, कांग्रेस को 16 फीसदी और अन्य के खाते में तीन फीसदी वोट मिलने की उम्मीद है।

यहां बेहद खास बात यह है कि इन चुनावों में मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ ही स्टार प्रचारक थे। उन्होंने अयोध्या से निकाय चुनाव प्रचार की शुरुआत की थी। उनके शहर गोरखपुर में बीजेपी को 46 फीसदी, समाजवादी पार्टी को 22 फीसदी, बहुजन समाज पार्टी को 11 फीसदी, कांग्रेस को 10 फीसदी और अन्य के खाते में भी 11 फीसदी वोट जाने की संभावना है। राज्य में तीन चरणों में 22 नवंबर, 26 नवंबर और 29 नवंबर को कुल 16 नगर निगमों में चुनाव संपन्न हुए हैं। सभी के नतीजे कल यानी गुरूवार को आएंगे। इन चनावों में पार्टियों को मिलाने वाले मतों के प्रतिशत में कमी या बढ़ोत्तरी से भी बहुत संदेश जाने वाला है। पिछली बार कुल 12 नगर निगमों में चुनाव हुए थे। किसी पार्टी ने सिम्बल पर नहीं लड़ा था। फिर भी उस बार भाजपा को 9 नगर निगमों पर कब्जा करने में सफलता मिली थी।

जनादेश को पिछले दो विधानसभा चुनाव के मतों से भी समझा जा सकता है। 2012 में बीजेपी को 15 प्रतिशत वोट और 47 सीटें मिली थी। इस बार उसे 39.7 प्रतिशत वोट और 312 सीटे मिली हैं। कांग्रेस को 2012 में 11.5 प्रतिशत वोट और 28 सीटें मिली थी जबकि इस बार पार्टी को 6.2 प्रतिशत वोट मिले और सिर्फ 7 सीटों से संतोष करना पड़ा। बीएसपी को 2012 में 25.9 प्रतिशत वोट और 80 सीटें मिली थी। इस बार उसका वोट शेयर 22.2 प्रतिशत रहा और पार्टी महज 19 सीटों पर सिमट गई। समाजवादी पार्टी ने पिछली बार 29.1 प्रतिशत वोट शेयर के साथ सत्ता में आई थी। उसे 224 सीटें मिली थी, जबकि इस बार एसपी को 21.8 प्रतिशत वोट मिले और सीटें घटकर 47 रह गईं।

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