CISF भर्ती परीक्षा के दौरान पकड़ा गया मुन्ना भाई, बायोमैट्रिक ने खोली दूसरे से परीक्षा दिलाने की पोल, गया जेल
CISF Recruitment: सीआईएसएफ शारीरिक दक्षता परीक्षा के दौरान एक और मुन्ना भाई पकड़ा गया है।
CISF Recruitment: केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) की तरफ से शक्तिनगर में आरक्षी भर्ती के लिए ली जा रही शारीरिक दक्षता परीक्षा के दौरान एक और मुन्ना भाई पकड़ा गया है। दलालों के जरिए दूसरे से लिखित परीक्षा दिलाने की बात सामने आने के बाद भर्ती बोर्ड के सदस्यों ने आरोपी को हिरासत में लेकर पूछताछ की। इसके बाद उसे पुलिस को सौंप दिया गया।
पुलिस ने मामले में धोखाधड़ी का मामला दर्ज कर गुरुवार को आरोपी का संबंधित धाराओं में चालान कर दिया। इससे पहले पांच आरोपी पकड़े जा चुके हैं। महज पांच दिनों के भीतर छठां आरोपी पकड़ में आने के बाद सीआईएसएफ की होने वाली परीक्षा को लेकर, दलालों का एक बड़ा रैकेट सक्रिय होने की भी बात सामने आने लगी है।
आरोपी के खिलाफ हुई कार्रवाई
पुलिस के मुताबिक बुधवार को शारीरिक दक्षता परीक्षा के दौरान अभ्यर्थियों के बायोमैट्रिक मिलान (फेस और फिंगर प्रिंट) के मिलान की प्रक्रिया शुरू की गई तो पता चला कि मिर्जापुर जिले के चुनार थाना अंतर्गत पंचगड़ा निवासी विजय कुमार पुत्र संतलाल का फिंगरप्रिंट और चेहरा नहीं मिल पा रहा है। शक होने पर भर्ती बोर्ड के लोगों ने आरोपी को हिरासत में लेकर पूछताछ की तो सामने आया कि दलालों के जरिए उसकी जगह किसी दूसरे ने उसकी लिखित परीक्षा दे डाली है।
इसे धोखाधड़ी का मामला मानते हुए बुधवार की देर शाम आरोपी को पुलिस को सौंप दिया गया। इसको लेकर भर्ती बोर्ड की तरफ से एक तहरीर भी पुलिस को सौंपी गई जिस पर आईपीसी की धारा 419 और 420 के तहत मामला दर्ज करते हुए आरोपी का गुरुवार को चालान कर दिया।
चार दिन पहले पांच की हुई थी गिरफ्तारी
4 दिन पूर्व हुई लंबाई और सीने की माप से छूट के लिए बनवाए गए कूटरचित प्रमाणपत्र के मामले में तीन को और दूसरे से परीक्षा दिला कर लिखित परीक्षा पास करने के मामले में दो को गिरफ्तार किया गया था। दूसरे से परीक्षा दिलाने वाले आरोपियों में एक चंदौली और एक वाराणसी का है। तीसरा आरोपी मिर्जापुर जिले का पाया गया है। इससे जहां वाराणसी रीजन में सीआईएसएफ की भर्तियों को लेकर दलालों का एक बड़ा रैकेट सक्रिय होने की बात सामने आने लगी है। वहीं, आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद रैकेट के भी खुलासे की मांग उठने लगी है।