Muzaffarnagar Teacher Case: सुप्रीम कोर्ट सख्त, यूपी सरकार को नोटिस, एसपी से की रिपोर्ट तलब

Muzaffarnagar Teacher Case: सुप्रीम कोर्ट ने एसपी से एक्शन टेकन रिपोर्ट मांगी है। इस मामले की सुनवाई जस्टिस अभय ओक की अध्यक्षता वाली बेंच कर रही है।

Update:2023-09-06 09:39 IST
Muzaffarnagar Teacher Case(photo: social media )

Muzaffarnagar Slap Incident: मुजफ्फरनगर में स्कूली बच्चे की पिटाई का मामले में सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार को नोटिस जारी किया है, सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार से 25 सितंबर तक जवाब मांगा है। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने मुजफ्फरनगर के एसपी से रिपोर्ट मांगा है। सुप्रीम कोर्ट ने एसपी से एक्शन टेकन रिपोर्ट मांगी है। इस मामले की सुनवाई जस्टिस अभय ओक की अध्यक्षता वाली बेंच कर रही है।

बच्चे की पिटाई साथी बच्चों से करवाने को लेकर विवादों में आया खुब्बापुर का नेहा पब्लिक स्कूल में पढ़ाई फिर से शुरू हो गई है। बच्चे की पिटाई का वीडियो वायरल होने के बाद मामले ने खूब तूल पकड़ा था, जिसके कारण निजी स्कूल को बंद करना पड़ा। मंगलवार से नए भवन में स्कूल शुरू हो गया है। ग्रामीणों ने अपने बच्चे भी भेजने भी शुरू कर दिए हैं, जिनमें मुस्लिम समाज के बच्चे भी शामिल हैं। हालांकि, ये मामला अब सुप्रीम कोर्ट में पहुंच चुका है।

मुस्लिम छात्र को सहपाठियों से पिटवाने का मामला देश की सर्वोच्च अदालत के चौखट पर पहुंच चुका है। महात्मा गांधी के परपोते तुषार गांधी ने मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर इस मामले की स्वतंत्र जांच की मांग की। उनकी याचिका पर जस्टिस अभय कोका और जस्टिस पंकज मिथल की बेंच ने बुधवार को यानी आज सुनवाई की।

उधर, मुजफ्फरनगर के बेसिक शिक्षा अधिकारी शुभम शुक्ला आज यानी बुधवार 6 सितंबर को लखनऊ स्थित यूपी अल्पसंख्यक आयोग के सामने पेश होंगे। वहीं, आरोपी शिक्षिका तबियत खराब होने के कारण आयोग के सामने आज पेश नहीं होंगी। दरअसल, पिछले दिनों मामला सामने आने के बाद आयोग के अध्यक्ष अशफाक सैफी ने इसका संज्ञान लेते हुए आरोपी शिक्षिका तृप्ता त्यागी और बीएसए को छह सितंबर को पक्ष रखने के लिए बुलावा भेजा था। साथ ही मुजफ्फरनगर डीएम से भी नेहा पब्लिक स्कूल को जवाब तलब किया गया था।

मंगलवार से स्कूल में शुरू हुई पढ़ाई

मुस्लिम छात्र की पिटाई का वीडियो सामने आने के बाद बेसिक शिक्षा अधिकारी शुभम शुक्ला ने स्कूल को बंद करने का आदेश जारी किया था। तब से स्कूल बंद था। मंगलवार को स्थानीय त्यागी समाज और मुस्लिम समाज के गणमान्य लोगों ने पहुंचकर स्कूल की शिक्षण व्यवस्था देखी और संतुष्ट होकर दोबारा इसके संचालन की हरी झंडी दे दी। जिसके बाद स्कूल का संचालन शुरू कर दिया गया है।

नए भवन में स्कूल का संचालन हुआ है। हालांकि, आरोपी शिक्षिका तृप्ता त्यागी को शिक्षण कार्य से दूर रखा गया है। नेहा पब्लिक स्कूल के प्रबंधक रविंद्र कुमार ने बताया कि नए भवन में स्कूल को संचालित किया गया है। अधिकतर बच्चे स्कूल पहुंचे हैं। गांव की अन्य दोनों शिक्षिकाएं स्कूल का संचालन कर रही हैं।

स्कूल पर सख्ती क्या महज दिखावा ?

नेहा पब्लिक स्कूल के प्रबंधन पर आरोप है कि वे बिना मान्यता हासिल किए ही विद्यालय का संचालन कर रहे थे। इस बात की तस्दीक खुद बेसिक शिक्षा अधिकारी शुभम शुक्ला ने की थी। उन्होंने बताया था कि 2019 में स्कूल ने नर्सरी से कक्षा पांच तक की मान्यता ली थी। यह अंतरिम रूप से तीन साल के लिए दी जाती है। इसकी अवधि 2022 में पूरी हो चुकी है। इसके बाद प्रबंधन ने मान्यता रिन्यू नहीं कराया। इसलिए स्कूल को बंद करने का आदेश दिया गया है और यहां पढ़ रहे बच्चों का एडमिशन दूसरे स्कूलों में कराया जाएगा। लेकिन मंगलवार को स्कूल के दोबारा संचालन होने से सवाल उठने लगे हैं कि क्या ये सख्ती महज दिखावा थी ?

क्या था पूरा मामला ?

पिछले महीने 24 अगस्त को मुजफ्फरनगर के एक स्कूल का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हुआ था। जिसमें एक बच्चे को महिला टीचर के कहने पर क्लास के ही अन्य बच्चे बारी – बारी से आकर थप्पड़ लगा रहे थे। उस बच्चे का कसूर बस इतना था कि उसे पहाड़ा याद नहीं था। आरोपी शिक्षिका वीडियो में बच्चे के धर्म को लेकर भी टिप्पणी करती दिखीं। मामला जिले के खुब्बापुर गांव के नेहा पब्लिक स्कूल का था। वीडियो वायरल होते ही जमकर बवाल हुआ। पीड़ित छात्र के पिता की तहरीर पर आरोपी विकलांग महिला टीचर के खिलाफ मामला भी दर्ज किया गया। टीचर के खिलाफ जांच जारी है।

Tags:    

Similar News