मौत पर मुहर की दरकारः तो इसलिए जन्म से पहले चाहिए मृत्यु प्रमाण पत्र
कोरोना काल में यहां जन्म से अधिक मृत्यु प्रमाण पत्र के आवेदन से हर कोई अचरज में है। सामान्य दिनों में नगर निगम में मृत्यु प्रमाण पत्र के लिए 30 से 40 आवेदन आते थे, और जन्म के 125 से 150 आवेदन। लेकिन इन दिनों जन्म के 30 से 40 आवेदन आ रहे हैं तो मृत्यु प्रमाण पत्र के लिए 40 से 50 आवेदन।
गोरखपुर: नगर निगम गोरखपुर में जन्म-मृत्यु पंजीकरण कार्यालय में इन दिनों अजीबोगरीब स्थिति दिख रही है। कोरोना काल में यहां जन्म से अधिक मृत्यु प्रमाण पत्र के आवेदन से हर कोई अचरज में है। सामान्य दिनों में नगर निगम में मृत्यु प्रमाण पत्र के लिए 30 से 40 आवेदन आते थे, और जन्म के 125 से 150 आवेदन। लेकिन इन दिनों जन्म के 30 से 40 आवेदन आ रहे हैं तो मृत्यु प्रमाण पत्र के लिए 40 से 50 आवेदन। इसे लेकर नगर निगम के कर्मचारी भी परेशान है। सवाल उठता है कि क्या जन्म लेने वालों से मरने वालों की संख्या अधिक हो गई है।
विकास दुबे केस: प्रदेश सरकार घेरे में, SC ने की तीखे सवालों की बौछार
आवेदन पत्र हर साल के
जुलाई का महीना नगर निगम के जन्म-मृत्यु पंजीयन कार्यालय के लिए काफी अहम होता है। स्कूलों में प्रवेश के लिए अभिभावक बड़ी संख्या में जन्म प्रमाण पत्र बनवाते हैं। इस बार स्कूलों की बंदी के चलते लोगों को जन्म प्रमाण पत्र बनवाने को लेकर तेजी नहीं है। जन्म-मृत्यु पंजीकरण कार्यालय के प्रभारी दीपक श्रीवास्तव बताते हैं कि सामान्य दिनों में जन्म प्रमाण पत्र के 125 से 150 तो मृत्यु के 30 से 40 आवेदन आते हैं। निगम के जन्म-मृत्यु पंजीयन कार्यालय में 30 जून से 19 जुलाई के बीच जन्म के जहां 822 आवेदन आए हैं, वहीं मृत्यु के 986 आवेदन हुए हैं।
2019 में 30 जून से 19 जुलाई के बीच जन्म के 2377 आवेदन आए थे तो मृत्यु के 978 आवेदन ही आए थे। नगर निगम के 70 पार्षदों के पास भी जुलाई महीने में जन्म प्रमाण पत्र बनवाने को लिए खूब सिफारिश आती है। जबकि वर्तमान समय में पार्षदों के पास मृत्यु प्रमाण पत्र के लिए ही अधिक सिफारिश पहुंच रही है। ये स्थिति तब है जब बाबा राधव दास मेडिकल कालेज और जिला अस्पताल में मरे लोगों का प्रमाणपत्र अस्पताल प्रशासन ही बनवा रहा है।
बिखरते कुनबे से कांग्रेस बेहालः क्या भाजपा है इससे अछूती, क्यों होता है ये
बाद में बनवा लेंगे जन्म प्रमाण पत्र
उपसभापति अजय राय का कहना है कि ऐसा नहीं है कि जन्म की तुलना में मौते अधिक हो रही है। लेकिन जन्म प्रमाण पत्र को लेकर लोगों की सोच है कि वह बाद में बन जाएगा लेकिन सरकार दस्तावेज से लेकर योजनाओं के लाभ के लिए मृत्यु प्रमाण पत्र की तत्काल आवश्यकता होती है। अप्रैल महीने से अब तक 2 लोग जन्म प्रमाण पत्र का आवेदन लेकर पहुंचे तो वहीं मृत्यु के 5 आवेदन मिले।
सपा पार्षद विश्वजीत त्रिपाठी का कहना है कि मृत्यु प्रमाण पत्र सरकारी योजनाओं के लिए जरूरी है, ऐसे में लोगों की तेजी मृत्यु प्रमाण को लेकर ही है। मुख्य नगर स्वास्थ्य अधिकारी डॉ.अतुल कुमार का कहना हैँ कि आम तौर पर जन्म प्रमाण के आवेदन ही अधिक आते है। कोरोना काल में विपरीत परिस्थिति बनी है। जन्म प्रमाण पत्र जन्म के 21 दिनों के अंदर ही बनवाना होता है। इसके बाद औपचारिकता बढ़ जाती है। लोगों को चाहिए कि जन्म प्रमाण पत्र समय से बनवा लें।
रिपोर्टर- पूर्णिमा श्रीवास्तव, गोरखपुर
विकास दुबे एनकाउंटरः जांच समिति में शामिल करें शीर्ष कोर्ट का रिटा. जज
देश दुनिया की और खबरों को तेजी से जानने के लिए बनें रहें न्यूजट्रैक के साथ। हमें फेसबुक पर फॉलों करने के लिए @newstrack और ट्विटर पर फॉलो करने के लिए @newstrackmedia पर क्लिक करें।