एनकाउंटर पर फंसी यूपी पुलिस, जारी हुआ नोटिस, अब देना होगा जवाब

राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने पुलिस से बीती 9 अगस्त को लखनऊ में शॉर्प शूटर राकेश उर्फ हनुमान पांडेय के सरोजिनी नगर थाना क्षेत्र में किए गए एनकाउंटर पर छह हफ्ते के भीतर आख्या तलब की है।

Update: 2020-09-03 13:49 GMT
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने पुलिस से 9 अगस्त को लखनऊ में शॉर्प शूटर राकेश उर्फ हनुमान पांडेय के एनकाउंटर पर छह हफ्ते के भीतर आख्या तलब की है।

मनीष श्रीवास्तव

लखनऊ: यूपी एसटीएफ का एक और एनकाउंटर सवालों के घेरे में आ गया है। राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने राज्य के पुलिस महानिदेशक से बीती 9 अगस्त को राजधानी लखनऊ में पूर्वांचल के बाहुबली मुख्तार अंसारी के शॉर्प शूटर राकेश उर्फ हनुमान पांडेय के सरोजिनी नगर थाना क्षेत्र में किए गए एनकाउंटर पर छह हफ्ते के भीतर आख्या तलब की है। एक्टिविस्ट डॉ. नूतन ठाकुर की शिकायत पर आयोग ने ये कदम उठाया है और मामलें की सुनवाई के लिए आगामी 23 अक्टूबर की तिथि नियत की है।

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शिकायत में कही ये बात

डॉ. नूतन ठाकुर ने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग से अपनी शिकायत में कहा है कि जिस प्रकार से राकेश का एनकाउंटर हुआ, उससे कई सवाल उठ रहे हैं। उसके पिता रिटायर्ड फौजी बालदत्त पांडेय के अनुसार राकेश को पुलिस द्वारा घर से उठा कर एनकाउंटर कर दिया गया। उन्होंने यह भी कहा कि राकेश पर ज्यादातर केस खत्म हो गए थे और उस पर ईनाम कब घोषित हुआ, इसकी उन लोगों को कोई जानकारी नहीं है।

शिकायत के अनुसार एसटीएफ ने सुबह एक लाख के ईनामिया होने का दावा किया, जबकि शाम से इसे 50 हजार ईनामी बताया गया। इतना ही नहीं, प्रयागराज के औद्योगिक क्षेत्र थाने में दर्ज जिस एफआईआर के आधार पर राकेश पर इनाम घोषित करने की बात की जा रही है, उसमें उसका नाम ही नहीं है। एसटीएफ का दावा है कि उसने इनोवा का पीछा किया। इनोवा पेड़ से टकराकर रुक गई और बदमाशों ने उतरकर एसटीएफ की टीम पर फायरिंग शुरू कर दी। जबकि, जो इनोवा पेड़ से टकराई उसमें खास डेंट तक नहीं आया। जिस इनोवा गाड़ी से बदमाश भाग रहे थे, उसकी नंबर प्लेट आगे और पीछे दोनों एक ही स्थान से टूटी मिली है।

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मुख्तार अंसारी गिरोह का शूटर

बता दें कि यूपी के मऊ जिले के कोपागंज इलाके का निवासी हनुमान पांडेय मुख्तार अंसारी गिरोह के लिए काम करता था और बागपत जेल में मुख्तार गैंग के एक अन्य सदस्य मुन्ना बजरंगी की हत्या के बाद वह मुख्तार गिरोह का मुख्य शूटर बन गया था। हनुमान पांडेय पर दर्जन भर से ज्यादा हत्या व लूट जैसे गंभीर मामलें दर्ज है। बहुचर्चित भाजपा विधायक कुष्णानंद राय की हत्या के मामलें में भी उस पर आरोप लगा था लेकिन अदालत ने उसे बरी कर दिया था।

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