राजधानी से बड़ी खबर: पुणे की तर्ज पर बनेगा नेशनल इन्स्टीट्यूट ऑफ वायरोलाॅजी
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि राजधानी लखनऊ में वायरोलॉजी सेन्टर की आवश्यकता है इसलिए यहां पर भी पुणे की तर्ज पर नेशनल इन्स्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी विकसित किया जाए।
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कोविड-19 के प्रति निरन्तर सतर्कता बरतने पर बल देते हुए कहा कि लखनऊ में वायरोलॉजी सेन्टर की आवश्यकता है इसलिए यहां पर भी नेशनल इन्स्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी पुणे की तर्ज पर विकसित किया जाए। इसके अलावा उन्होंने राज्य सरकार के अधीन कार्यरत सभी कर्मियों को दीपावली पर्व से पहले वेतन भुगतान कराए जाने को कहा हैं।
नियमित रूप से बैठक की जाए आहूत
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ आज यहां अपने सरकारी आवास पर एक उच्चस्तरीय बैठक में अनलॉक व्यवस्था की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि जिलाधिकारी एवं मुख्य चिकित्सा अधिकारी द्वारा सुबह कोविड अस्पताल में तथा शाम को इंटीग्रेटेड कमाण्ड एण्ड कन्ट्रोल सेन्टर में बैठक नियमित रूप से आहूत की जाए।
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उल्लेखनीय है कि कोरोना संकट से जूझ रहे लोगों को बचाने के लिए पुणे स्थित नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी है। जिसने जीवित कोरोना वायरस पर दवाओं का ट्रायल शुरू किया है।
रोजगार सृजन पर किया जाए ध्यान केन्द्रित
मुख्यमंत्री ने कहा कि रोजगार सृजन पर ध्यान केन्द्रित किया जाए। अधिक से अधिक संख्या में नौकरी प्रदान करने और स्वतः रोजगार की व्यवस्था की जाए। उन्होंने ‘उ0प्र0 कामगार और श्रमिक (सेवायोजन एवं रोजगार) आयोग’ के निर्देशों की जिलों में क्रियान्वयन के सम्बन्ध में जनपद स्तर पर समीक्षा बैठक आयोजित करने के निर्देश भी दिए।
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योगी आदित्यनाथ ने कहा कि विद्यार्थी सुगमतापूर्वक प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर सकें, इसके लिए अनुकूल वातावरण सृजित किया जाए। इस सम्बन्ध में छात्र-छात्राओं के लिए ऑनलाइन कोचिंग की व्यवस्था बनाई जाए।
पराली न जलाने के सम्बन्ध में किया जागरूक
उन्होंने कहा कि किसानों को पराली न जलाने के सम्बन्ध में जागरूक किया जाए। इस सम्बन्ध में पब्लिक एड्रेस सिस्टम का भी इस्तेमाल किया जाए। ग्राम प्रधान एवं अन्य लोगों से संवाद तथा सहयोग के माध्यम से पराली जलाने की रोक-थाम की जाए। उन्होंने पराली से बायोफ्यूल बनाने की सम्भावनाओं पर विचार किए जाने पर बल दिया।
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि धान क्रय केन्द्रों का सुचारु संचालन कराया जाए। यह सुनिश्चित किया जाए कि धान क्रय केन्द्रों पर किसानों को कोई असुविधा न हो और उन्हें एमएसपी का लाभ मिले। उन्होंने मण्डी शुल्क में कमी के निर्णय को शीघ्र लागू करने के निर्देश भी दिए हैं।
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