इटावा: DM ने कहा- तंबाकू नियंत्रण के लिए सबका सहयोग जरूरी

‘राष्ट्रीय तम्बाकू नियंत्रण कार्यक्रम' के अन्तर्गत आयुष्मान सभागार सीएम ऑफिस में तम्बाकू नियंत्रण को लेकर प्रशिक्षण कार्यशाला आयोजित हुई। जिसमें पुलिस विभाग के अधिकारी और कर्मचारी ,एनसीसी कैडेट, शिक्षा विभाग के कर्मचारी ग्राम, पंचायत राज के कर्मचारी ,नेहरू युवा केंद्र के प्रतिभागी, लोक परिवहन कर्मचारी,मौजूद रहे।

Update: 2021-02-22 13:02 GMT
आयुष्मान सभागार में राष्ट्रीय तम्बाकू नियंत्रण कार्यक्रम के तहत दिया गया प्रशिक्षण

इटावा: ‘राष्ट्रीय तम्बाकू नियंत्रण कार्यक्रम' के अन्तर्गत आयुष्मान सभागार सीएम ऑफिस में तम्बाकू नियंत्रण को लेकर प्रशिक्षण कार्यशाला आयोजित हुई। जिसमें पुलिस विभाग के अधिकारी और कर्मचारी ,एनसीसी कैडेट, शिक्षा विभाग के कर्मचारी ग्राम, पंचायत राज के कर्मचारी ,नेहरू युवा केंद्र के प्रतिभागी, लोक परिवहन कर्मचारी,मौजूद रहे। इस दौरान सिगरेट और अन्य टोबैको उत्पाद अधिनियम,2003 (सीओटीपीए- कोटपा) को लेकर प्रशिक्षित किया गया। तम्बाकू मुक्त जिला अभियान को पूर्ण रूप से सफल बनाने में उनसे सहयोग की अपील की गयी।

60 लाख लोग हर वर्ष तम्बाकू सेवन से जान गवाते है

तम्बाकू नियंत्रण प्रकोष्ठ के नोडल विनोद शर्मा ने तम्बाकू सेवन से होने वाले दुष्प्रभावों पर प्रकाश डालते हुए बताया कि विश्व में 60 लाख लोग हर वर्ष तम्बाकू सेवन से अपनी जान गवाते है, लगभग हर वर्ष 9 लाख भारतीय तम्बाकू सेवन के कारण मरते हैं जो क्षय रोग, एड्स एवं मलेरिया से होने वाली मौतों से अधिक है। इसलिए इस भीषण त्रासदी को रोकने हेतु हम सभी को मिलकर तम्बाकू नियंत्रण कार्यक्रम को सफल बनाने हेतु अपने अधिकारों एवं कर्तव्यों का पालन करना पडेगा।

95 प्रतिशत मुख का कैंसर तम्बाकू से होता है

कुलदीप यादव फाइनेंस लॉजिस्टिक ऑफिसर ने बताया कि प्रतिदिन 2200 से अधिक भारतीय तम्बाकू सेवन के कारण मरते है तथा भारत में कैंसर से मरने वाले 100 रोगियों में 40 तम्बाकू के प्रयोग के कारण मरते है। लगभग 95 प्रतिशत मुख का कैंसर तम्बाकू सेवन करने वालो को होता है। उ0प्र0 राज्य तम्बाकू नियंत्रण प्रकोष्ठ द्वारा चलाये जा रहे इस कार्यक्रम मे सबका सहयोग एवं जागरूकता अति आवश्यक है।

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉएनएस तोमर ने कहा कि धूम्रपान करने वाला व्यक्ति न केवल अपने जीवन के लिए बल्कि अपने परिवार व समाज के लिए भी कैंसर का खतरा पैदा करता है। इसलिए हम सभी को तम्बाकू से बने उत्पादों को छोड़ना हितकर रहेगा और साथ ही समाज को इनसे होने बाले खतरों से आगाह करना होगा।

तंबाकू के प्रयोग पर लगाम लगाना चाहिए

तम्बाकू निंयत्रण कार्यक्रम के जनपद सलाहकार सूरज दुबे ने जानकारी दी कि धूम्रपान हमारे शरीर के लिए इतना घातक है कि हम अपने जीवन से भी हाथ धो बैठते हैं । साथ ही कहा कि धूम्रपान छोड़ने के 20 मिनट बाद रक्तचाप व हृदयगति सामान्य हो जाती है, 24 घण्टे बाद शरीर से जहरीली गैस निकल जाती है, 72 घण्टे बाद साँस लेना आसान हो जाता है, और 2 से 4 सप्ताह बाद रक्त संचार में सुधार आ जाता है। उन्होंने कहा कि शिक्षण संस्थानों के निकट कम आयु के बच्चों को तंबाकू उत्पादन बेचने वालों तथा सार्वजनिक जगहों पर इसका सेवन करने वालों के विरुद्ध पुलिस अधिकारियों को कठोर कार्रवाई करनी चाहिए। तंबाकू के प्रयोग पर लगाम लगाना चाहिये । प्रशिक्षण के दौरान राष्ट्रीय तम्बाकू नियंत्रण कार्यक्रम में दिलीप चौबे साइकोलॉजिस्ट मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम भी उपस्थित रहे।

रिपोर्ट- उवैश चौधरी

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