कोरोना को लेकर लापरवाही, बिना प्रशिक्षण के जांच कर रहीं नर्सें

कोरोना वायरस को लेकर योगी सरकार में डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा के प्रभार वाले जिले में इस बड़ी जानलेवा बीमारी को लेकर बड़े पैमाने पर लापरवाही बरती जा रही है

Update: 2020-03-15 15:42 GMT

रायबरेली: कोरोना वायरस को लेकर देश-दुनिया में हाहाकार मचा हुआ है। लेकिन योगी सरकार में डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा के प्रभार वाले जिले में इस बड़ी जानलेवा बीमारी को लेकर बड़े पैमाने पर लापरवाही बरती जा रही है। यहां के अस्पतालों में सेनेटाइजर लिक्विड की बोतलें शो पीस बनीं हैं। तो नर्सों को बग़ैर ट्रेंनिग दिए संक्रामण का पता लगाने के लिए मशीन हाथों में थमा दी गई है।

वीआईपी जिले में उल्टी मशीन से चेकप कर रहीं नर्स

जी हां कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी के संसदीय क्षेत्र होने के नाते रायबरेली जिला वैसे ही प्रदेश के वीवीआइपी जिलों में गिना जाता है। ऊपर से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राजनैतिक दृष्टिकोण से इस जिले का प्रभार अपनी सरकार के सबसे शक्तिशाली नेता डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा को सौंप रखा है।

दो-दो वीवीआइपी नेताओं के पास जिले की बागडोर होने के बावजूद यहां कोरोना वायरस से निपटने का तंत्र पूरी तरह बेपटरी और लापरवाही की भेंट चढ़ा हुआ है। आलम ये है कि सरकारी नर्सों को ट्रेंनिग दी नहीं गई।

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और संक्रामण का पता लगाने के लिए उनके हाथों में मशीनें पकड़ा दी गईं। जिला अस्पताल में मरीज का परीक्षण करने वाली नर्सें उल्टी मशीन से मरीजों का चेकअप कर रहीं हैं।

सेनेटाइजर की 95 फीसद बॉटल खाली

यही नही सफाई रखने के स्वास्थ्य विभाग के दावे भी कागजों तक सीमित हैं। जिला अस्पताल के वार्डों में सेनेटाइजर के नाम पर खानापूरी की जा रही है। सेनेटाइजर की 95 फीसद खाली बॉटल विभाग की पोल खोल रही है। सूत्रों की मानें तो अधिकतर बोतलें विभाग के कर्मचारियों के घर पर पहुंच गईं हैं।

ऐसे में बड़ा सवाल ये है के देश-दुनिया में कोरोना वायरस से तबाही मची हुई है। लोगों में चारों ओर इस बीमारी को लेकर हाहाकार मचा हुआ है। दिल्ली-यूपी समेत देश के कई प्रदेशों में सरकार ने एहतियात के तौर पर स्कूल तक बंद करने के निर्देश जारी किए हैं।

लेकिन यहां स्वास्थ्य व्यवस्था इस तरह बेपटरी है तो इस अवस्था मे कोई हादसा दर पेश आ गया तो जिम्मेदार कौन होगा।

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हालांकि इस मामले पर जब डीएम शुभ्रा सक्सेना से लेकर स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों तक से बात करने की कोशिश की गई तो किसी एक ने भी कैमरे पर आकर बोलने से साफ मना कर दिया।

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