अब समय से निपटेंगे जमीनी विवाद, नहीं लगाने पड़ेंगे कोर्ट के चक्कर

-राजस्व अधिकारी (न्यायिक) की नियुक्ति -खतौनी में खातेदारों के हिस्से का उल्लेख -आवंटित भूमि में पत्नी को बराबर हिस्सा -अविवाहित पुत्री को प्रथम श्रेणी का उत्तराधिकार -शपथ पत्र के आधार पर सरसरी न्यायिक कार्यवाही

Update: 2016-02-11 06:00 GMT

लखनऊ: अखिलेश सरकार ने यूपी में किसानों और ग्रामीणों को बड़ी राहत देते हुए नई राजस्व‍ संहिता लागू कर दी है। इसके लागू होने के बाद अब 1901 का भू राजस्व अधिनियम खत्म हो गया है। ऐसे में लोगों को जमीन से जुड़े विवादों के निपटारे के लिए अब कोर्ट के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे। राजस्व संहिता को बुधवार को कैबिनेट बाई सर्कुलेशन मंजूरी दी गई।

इसमें दलितों को अपनी जमीन बेचने की प्रक्रिया सरल की गई है। अधिकारियों का कहना है कि नए कानून में ऐसी व्यवस्था की गई है कि प्रक्रियागत जटिलताएं कम होंगी और नियत समय में विवादों का निपटारा हो सकेगा।

आज मनाया जा रहा राजस्व दिवस

प्रदेश में आज राजस्व दिवस मनाया जाएगा। इस मौके पर जिन जिलों के डीएम ने बेहतर काम किया है। उन्हें सम्मानित भी किया जाएगा।

आज से लागू होने वाली इस संहिता में ये महत्वपूर्ण प्रावधान किए गए हैं

—राजस्व अधिकारी (न्यायिक) की नियुक्ति

—खतौनी में खातेदारों के हिस्से का उल्लेख

—आवंटित भूमि में पत्नी को बराबर हिस्सा

—अविवाहित पुत्री को प्रथम श्रेणी का उत्तराधिकार

—शपथ पत्र के आधार पर सरसरी न्यायिक कार्यवाही

—ग्राम स्तरीय व्यथा निवारण समिति का गठन

—आबादी क्षेत्र का सर्वे कराकर उसका अभिलेखीकरण किए जाने की व्यवस्था

—50,000 रुपए तक के बकायेदारों की गिरफ्तारी पर रोक

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