नोएडाः सरकारी अमले का एक शर्मनाक चेहरा नोएडा के सरकारी हॉस्पिटल में देखने को मिला। जहां एक मरीज को हॉस्पिटल प्रशासन ने एंबुलेंस की कमी का हवाला देते हुए निजी वाहन से ले जाने का फरमान सुना दिया। पीड़ित परिवार को फल बेचने वाले ठेले से मरीज को घर लेकर जाना पड़ा।
मामला सेक्टर-3० स्थित सरकारी हॉस्पिटल का है। मरीज ने इसकी शिकायत हॉस्पिटल के उच्च अधिकारियों से करने की कोशिश की। लेकिन सीएमएस ने परिवार से मिलने से ही इनकार कर दिया।
चलने में है लाचार
-ममूरा निवासी उदय प्रताप ने बताया कि उसकी पत्नी के पैरों में नसों की दिक्कत है।
-इस वजह से वह चल नहीं सकती। उदय ने बताया वो पिछले शनिवार को भी पत्नी को हॉस्पिटल लेकर आए थे।
-उस दौरान भी हॉस्पिटल प्रशासन ने एंबुलेंस देने से इनकार कर दिया था।
-उसके बाद पत्नी को गोद में बैठाकर घर लेकर जाना पड़ा था।
-मंगलवार को फिर से पत्नी को इलाज के लिए हॉस्पिटल लेकर आया, लेकिन फिर एंबुलेंस नहीं मिली।
सब्जी का ठेला कराया खाली
आज फिर से हॉस्पिटल प्रशासन से एंबुलेंस मांगी, लेकिन उन्होंने एंबुलेंस की कमी बताकर निजी वाहन से पत्नी को घर ले जाने के लिए बोल दिया।
मजबूरी में भाई से सब्जी का ठेला खाली करवाकर पत्नी को उसमें लिटाकर घर ले जाना पड़ा।
नहीं थे पैसे
इतने पैसे नहीं है कि निजी ऑटो या गाड़ी कर सकें। उन्होंने कहा कि वह इसकी शिकायत सीएमएस से करने गए थे, लेकिन सीएमएस ने भी मिलने से इनकार कर दिया। हॉस्पिटल के सीएमएस नरेंद्र माथुर ने बताया कि यदि ऐसा मामला है तो इसकी जांच की जाएगी। हालांकि परिजनों का आरोप है कि वह जब सीएमएस से मिलने गए थे उन्होंने मिलने से इंकार कर दिया था।