प्राधिकरण का सख्त निर्देश, अगर ऐसा किया तो देना होगा 5000 जुर्माना

शहर में संक्रमण की रफ्तार बढ़ती जा रही है। इसकी एक वजह पीपीई किट, मस्क, ग्लव्स को सीधे कूड़ा-कचरा में फेंकना भी माना जा सकता है। ऐसी गलती न हो इसके लिए नोएडा प्राधिकरण ने कूड़े कचरे में फेंकने वालों पर 5 हजार रुपए का जुर्माना लगाने का निर्देश जारी किया है

Update:2020-06-29 11:41 IST

नोएडा। शहर में संक्रमण की रफ्तार बढ़ती जा रही है। इसकी एक वजह पीपीई किट, मस्क, ग्लव्स को सीधे कूड़ा-कचरा में फेंकना भी माना जा सकता है। ऐसी गलती न हो इसके लिए नोएडा प्राधिकरण ने कूड़े कचरे में ना फेंकने वालों पर 5 हजार रुपए का जुर्माना लगाने का निर्देश जारी किया है। बता दे इन सामानों के निस्ताररण के लिए प्राधिकरण एक एडवाइजरी पहले ही जारी कर चुका है। ऐसे में नियमों का उल्लघंन करना संक्रमण के बढ़ावा देने के बराबर है।

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कोई भी सीधे मास्क और ग्लव्स कूड़े में नहीं फेंके

प्रदेश सरकार ने 8 अप्रैल को कोरोना वायरस का संक्रमण रोकने के लिए मास्क और ग्लव्स पहनना अनिवार्य कर दिया था। उसके अगले दिन नोएडा विकास प्राधिकरण ने शहर वासियों से एक अपील की थी। कहा था कि कोई भी सीधे मास्क और ग्लव्स कूड़े में नहीं फेंके। इसके लिए एक एजेंसी की नियुक्ति की गई है। लोग ऐसी संक्रामक वस्तुएं उस एजेंसी को उपलब्ध करवा दें।

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लोग नहीं मान रहे बात

इस अपील के बावजूद लोग लगातार मास्क और ग्लव्स सीधे कचरे में फेंक रहे हैं। जिसके कारण सफाई कर्मचारी संकट में पड़ रहे हैं। अब विकास प्राधिकरण ने ऐसा करने वालों पर जुर्माना लगाने का निर्णय लिया है। प्राधिकरण के जन स्वास्थ्य विभाग के प्रभारी एससी मिश्रा ने कहा कि हम केवल उन लोगों पर अर्थदंड लगाएंगे, जो जहां-तहां मास्क और ग्लव्स फेंकते पकड़े जाएंगे। निर्धारित डस्टबिन में मास्क और ग्लव्स फेंकने वालों पर अर्थदंड नहीं लगाया जाएगा। हम शहर के लोगों से एक बार फिर अपील करते हैं कि निर्धारित प्रक्रिया का पालन करें। शहर में उपलब्ध करवाई गई काले रंग की डस्टबिन में ही मास्क और ग्लव्स फेंके। जिससे इनका उचित ढंग से निस्तारण किया जा सकता है।

प्रतिदिन निकल रहा 25 किलो से कचरा

नोएडा में मास्क और ग्लव्स के रूप में प्रतिदिन करीब 25 किलो कचरा निकल रहा है। इसे एकत्र करने के लिए एक एजेंसी की नियुक्ति की गई है, जो घर-घर जाकर ऐसा कचरा इकट्ठा कर रही है। एससी मिश्रा ने बताया कि पूरे शहर से यह खतरनाक कचरा एकत्र करके सेक्टर-25 में ले जाया जाता है। वहां इसके निस्तारण की व्यवस्था की गई है। मेरठ की एक एजेंसी सेक्टर-25 में नियमों के अनुसार इस कचरे को निस्तारित कर रही है।

प्राधिकरण ने यह एडवाइजरी जारी की थी

-सामान्य लोग ग्लव्स और मास्क का उपयोग करने के बाद इन्हें सीधे डस्टबिन में नहीं डालें।

-एक अलग पॉलिथीन में 72 घंटे के लिए बंद करके रखें। इसके बाद सामान्य कचरे में डाल सकते हैं।

-जिन घरों में क्वारंटाइन या कोरोना वायरस का इलाज करवाने के बाद वापस लौटे लोग वह इस्तेमाल की गई दवाओं के रैपर, मास्क, ग्लव्स, डायपर या घर से निकलने वाला कचरा सामान्य कचरे में नहीं डालें।

-ऐसा कोई भी सामान सफाई कर्मचारियों को नहीं दें।

-सिर्फ तय की गई एजेंसी को ही यह जैविक कचरा दे। ताकि सहीं तरीके से इसका निस्तारण किया जा सके।

रिपोर्टर- दीपांकर जैन, नोएडा

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