यूपी के ये तीन रेलवे स्टेशन खास, कोरोना पीड़ितों की देखभाल में ऐसे आएंगे काम
राज्य सरकार की आईसोलेशन की उपलब्ध क्षमता की समाप्ति के बाद कोविड केसों के आईसोलेशन के लिए राज्यों द्वारा इसका प्रयोग किया जा सकता है। इसके लिए यूपी के तीन स्टेशनों प्रयागराज, कानपुर और झांसी को चिन्हित किया गया है।
मनीष श्रीवास्तव
लखनऊ। उत्तर मध्य रेलवे ने अपने 130 कोचों को कोविड केयर सेंटर के रूप में बदल दिया है। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा जारी किए गए दिशा निर्देशों के अनुसार कोच का उपयोग कोविड के सामान्य मामलों के लिए किया जा सकता है। राज्य सरकार की आईसोलेशन की उपलब्ध क्षमता की समाप्ति के बाद कोविड केसों के आईसोलेशन के लिए राज्यों द्वारा इसका प्रयोग किया जा सकता है। इसके लिए यूपी के तीन स्टेशनों प्रयागराज, कानपुर और झांसी को चिन्हित किया गया है।
कोविड केयर कोच के लिए चिन्हित प्रयागराज, कानपुर और झांसी
उत्तर मध्य रेलवे द्वारा शुक्रवार को जारी विज्ञप्ति में कहा गया है कि स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा जारी दिशानिर्देशों के अनुसार उत्तर मध्य रेलवे के 03 महत्वपूर्ण स्टेशनों यानी प्रयागराज जंक्शन, कानपुर और झांसी को चिन्हित किया गया है और ये स्टेशन कोविड संबंधित समस्या से पीड़ित लोगों की देखभाल के लिए बनाये गये रेकों के लिए जरूरी पानी भरने और चार्जिंग की सुविधा से युक्त हैं।
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पानी व रिचार्जिंग सुविधा वाले हैं इन जिलों के स्टेशन
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के दिशा-निर्देशों के अनुसार, राज्य सरकारें रेलवे को आवश्यक मांग प्रेषित करेंगी। रेलवे इन डिब्बों का आवंटन संबंधित राज्य या केंद्र शासित राज्य को करेगा जिनको ट्रेन के लिए आवश्यक आधारभूत संरचना के साथ संबंधित स्टेशन पर रखकर नामित जिला प्रशासन को सौंपा जाएगा। जहां भी ट्रेन रखी जाए, वहां पानी, बिजली, अनुरक्षण एवं खानपान की व्यवस्था के साथ ही उसकी सुरक्षा की व्यवस्था भी रेल प्रशासन द्वारा की जाएगी।
651 क्वारंटाइन बेडों का कोविड वार्ड
कोच आधारित कोविड केयर सेंटरों के अलावा, उत्तर मध्य रेलवे ने पहले से ही 651 क्वारंटाइन बेडों और केंद्रीय चिकित्सालय प्रयागराज तथा मंडल रेल चिकित्सालय झांसी में और 100 -100 बेड के अलग कोविड वार्ड बनाए हैं।
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पहली श्रमिक स्पेशल ट्रेन अलीगढ़ से पूर्णिया जंक्शन तक
इसके अलावा राज्य सरकारों से लिखित सहमति के आधार पर, उत्तर मध्य रेलवे की पहली आउटगोइंग श्रमिक स्पेशल ट्रेन 1282 छात्रों को ले जाने के लिए शुक्रवार को अलीगढ़ से पूर्णिया जंक्शन तक चलाई गई। इस बीच, शुक्रवार तक उत्तर मध्य रेलवे द्वारा कुल 125 श्रमिक स्पेशल ट्रेनों को परिचालित किया गया और 17 टर्मिनेटिंग श्रमिक विशेष ट्रेनों द्वारा विभिन्न स्टेशनों तक लगभग 20 हजार प्रवासियों और अन्य फंसे व्यक्तियों को लाया गया है।
कुल 17 ट्रेनों से 19980 श्रमिकों की वापसी
जिसमे 3 मई को साबरमती से कानपुर तथा साबरमती से आगरा कैंट, 4 मई को पालनपुर से आगरा कैंट, 5 मई को गोधरा से कानपुर, 6 मई को सूरत से प्रयागराज, वीरमगाम से प्रयागराज, लुधियाना से प्रयागराज तथा सूरत से प्रयागराज, सात मई को सूरत से प्रयागराज, भुज से प्रयागराज तथा सूरत से बांदा, 8 मई को मेहसाणा से सोनभद्र, सूरत से फतेहपुर, सूरत से कानपुर, सूरत से ग्वालियर तथा नई दिल्ली से छतरपुर तक कुल 17 ट्रेनों से 19980 श्रमिकों को पहुंचाया गया।
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