अडानी समूह का हो जाएगा ये इंटरनेशनल एयरपोर्ट, 50 सालों तक संभालेगा कमान

अमौसी एयरपोर्ट के घरेलू और इंटरनेशनल टर्मिनल पर भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (एएआइ) की जगह यात्रियों को अब अडानी लखनऊ इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (एएलआइएएल) का स्‍टॉफ सेवाएं देगा।

Update: 2020-11-01 04:24 GMT
चौधरी चरण सिंह अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट अमौसी अब अडानी समूह का हो जाएगा। अगले पचास साल तक इस एयरपोर्ट पर अडानी समूह का नियंत्रण रहेगा।

लखनऊ: चौधरी चरण सिंह अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट अमौसी अब अडानी समूह का हो जाएगा। अगले पचास साल तक इस एयरपोर्ट पर अडानी समूह का नियंत्रण रहेगा। यात्री सुविधाओं से लेकर कमाई में अव्‍वल हवाई अड्डों में शुमार इस एयरपोर्ट पर टर्मिनल थ्री बनाने का प्रस्‍ताव पहले से ही है। अडानी समूह सोमवार से एयरपोर्ट का नियंत्रण संभाल लेगा।

अमौसी एयरपोर्ट के घरेलू और इंटरनेशनल टर्मिनल पर भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (एएआइ) की जगह यात्रियों को अब अडानी लखनऊ इंटरनेशनल एयरपोर्ट लि. (एएलआइएएल) का स्‍टॉफ सेवाएं देगा। हालांकि अगले तीन साल तक एएआई और एएलआईएएल का मिला-जुला प्रबंधन कार्य करेगा, लेकिन तीन साल बाद यह पूरी तरह से अडानी ग्रुप के नियंत्रण में होगा।

अडानी ग्रुप के नियंत्रण में आने के बाद यहां कामर्शियल गतिविधियों के साथ एयरपोर्ट के विकास और यात्री सुविधाओं को बेहतर करने का जिम्मा अडानी ग्रुप का होगा। उधर, एयर ट्रैफिक कंट्रोल पूर्व की तरह एटीसी और सुरक्षा का जिम्मा केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआइएसएफ) पर होगा, लेकिन इनका प्रशासनिक व प्रबंधन नियंत्रण अडानी समूह के पास ही होगा। एएआइ के अधिकारियों का एक दल शनिवार को अमौसी एयरपोर्ट पहुंचा है जो अडानी समूह के अधिकारियों के साथ मीटिंग कर एयरपोर्ट हस्‍तांतरण की भौतिक कार्रवाई को संपन्‍न कराएगा।

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60 लाख यात्री आते हैं इस एयरपोर्ट पर

लखनऊ एयरपोर्ट से सालाना करीब 55 से 60 लाख घरेलू और इंटरनेशनल यात्री उड़ान भरते हैं। सामान्य दिनों में 50 से 55 घरेलू विमान रोजाना लखनऊ आते और इतने ही रवाना होते हैं। इंटरनेशनल विमानों की संख्या भी कोरोना काल से पहले यहां प्रतिदिन छह से सात थीं। इस एयरपोर्ट को 50 लाख तक सालाना यात्रियों वाली श्रेणी में बेहतर सुविधाओं के लिए कई अंतरराष्ट्रीय अवॉर्ड मिल चुके हैं। दिल्ली एयरपोर्ट पर बाधा होने पर लखनऊ में विमानों की आपातकालीन लैंडिंग होती है।

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दूसरी सबसे बड़ी बोली लखनऊ की

लखनऊ, गुवाहाटी, अहमदाबाद, तिरुवनंतपुरम, मेंगलुरु और जयपुर एयरपोर्ट को निजी हाथ में सौंपने के लिए पिछले साल फरवरी में एक्सप्रेशन ऑफ इंट्रेस्ट मांगा गया था। लखनऊ एयरपोर्ट के लिए छह कंपनियों ने बोली लगाई थी। प्रति यात्री शुल्क के आधार पर अडानी ग्रुप ने 171 और एएमपी कैपिटल ने 139 रुपये की बोली लगाई थी। यह अहमदाबाद के 177 रुपये प्रति यात्री के बाद किसी एयरपोर्ट के लिए अडानी ग्रुप की सबसे बड़ी बोली थी।

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नहीं बढ़ेगा कोई शुल्‍क

एयरपोर्ट का नियंत्रण अपने हाथों में लेने को तैयार अडानी समूह ने हालांकि संकेत दिए हैं कि वह फिलहाल किसी तरह का यात्री सुविधा शुल्‍क बढ़ाने नहीं जा रहा है। इसके विपरीत दिल्‍ली एयरपोर्ट की तरह यहां भी सुविधाओं का विकास किया जाएगा । इसके तहत नया एसी लाउंज और बेहतर पिक एंड ड्राप सुविधा देने की तैयारी है लेकिन यात्रियों का मानना है कि आने वाले दिनों में एयरपोर्ट पर अलग-अलग मद में शुल्‍क बढ़ जाएगा।

रिपोर्ट: अखिलेश तिवारी

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