अब आनलाइन मंजूर होंगे शिक्षकों के अवकाश: डॉ. सतीश चन्द्र द्विवेदी

उन्होंने कहा कि शिक्षकों के आकस्मिक अवकाश चिकित्सा अवकाश, मातृत्व अवकाश, बाल देखभाल अवकाश समेत सभी अवकाश की मंजूरी में होने वाले विलम्ब को दूर करने तथा पारदर्शितापूर्ण निस्तारण के लिए आनलाइन व्यवस्था सुनिश्चित की गयी है।

Update: 2023-04-25 15:54 GMT

लखनऊ: प्रदेश के बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डा. सतीश चन्द्र द्विवेदी ने शिक्षकों के अवकाश मामलों के लिए अब तक चली आ रही परम्परागत व्यवस्था को समाप्त करते हुए जिला बेसिक शिक्षा अधिकारियों को निर्देश दिया है कि शिक्षकों के अवकाश प्रकरणों का निस्तारण तत्काल केवल आनलाइन व्यवस्था के माध्यम से ही करना सुनिश्चित किया जाए।

उन्होंने कहा कि शिक्षकों के आकस्मिक अवकाश चिकित्सा अवकाश, मातृत्व अवकाश, बाल देखभाल अवकाश समेत सभी अवकाश की मंजूरी में होने वाले विलम्ब को दूर करने तथा पारदर्शितापूर्ण निस्तारण के लिए आनलाइन व्यवस्था सुनिश्चित की गयी है।

डा. द्विवेदी ने शुक्रवार को बेसिक शिक्षा अधिकारियों को निर्देश दिए कि वह सभी शिक्षकों और शिक्षक संघ के पदाधिकारियों के साथ जिला और विकास खण्ड स्तर पर बैठक कर संवाद स्थापित करेे और प्रेरणा ऐप से होने वाले लाभ और उसकी विशेषताओं के बारे में जानकारी दे और सभी शिक्षकों को ‘प्रेरणा’ ऐप डाउनलोड करने के लिए प्रेरित करें।

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बेसिक शिक्षा मंत्री ने कहा कि शिक्षकों को यह भी अवगत कराया जाये कि ‘प्रेरणा’ ऐप सिक्योर्ड सिस्टम पर है एवं शिक्षकों के जो भी फोटोग्राफ ऐप पर अपलोड होते है वह विकास खण्ड, जनपद या राज्य स्तर पर किसी के द्वारा भी नहीं देखे जा सकेंगे। ‘प्रेरणा’ प्रणाली अत्यंत सुरक्षित सिस्टम में विकसित है जिसका लगातार सुरक्षा आडिट भी किया जाता रहेगा। उन्होंने कहा कि जिला और विकास खण्ड स्तरीय टास्क फोर्स के अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि सभी निरीक्षण, ऐप के माध्यम से ही अपलोड किये जायें।

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उन्होंने कहा कि आपरेशन कायाकल्प के अंतर्गत विद्यालय की अवस्थापना संबंधी सूचनाओं को अगले माह 15 अक्टूबर तक तथा शिक्षकों के सर्विस बुक अपडेशन का कार्य इसी माह 30 सितम्बर तक पूरा करा लिया जाये अन्यथा संबंधित खण्ड शिक्षा अधिकारी और जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी का उत्तरदायित्व निर्धारित किया जायेगा। उन्होेंने कहा कि मध्यान्ह भोजन योजना की मानीटरिंग ‘प्रेरणा’ ऐप के माध्यम से करते हुए शिक्षकों द्वारा जो समस्यायें संज्ञान में लायी जाती हंैं, उनका तत्काल निस्तारण सुनिश्चित किया जाये।

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