UP में शुरू हुआ NRC पर काम, पुलिस ने पहले दिन उठाया ये बड़ा कदम

उत्तर प्रदेश में एनआरसी लागू किए जाने की सुगबुगाहट के बीच अवैध घुसपैठियों की धरपकड़ के लिए अभियान तेज हो गया है।

Update: 2023-07-13 12:50 GMT

लखनऊ: उत्तर प्रदेश में एनआरसी लागू किए जाने की सुगबुगाहट के बीच अवैध घुसपैठियों की धरपकड़ के लिए अभियान तेज हो गया है। डीजीपी ऑफिस से मिले निर्देश के बाद राजधानी लखनऊ के साथ-साथ अन्य जिलों के बाहरी इलाकों में रहने वाले लोगों से पुलिस ने पूछताछ शुरू कर दी है।

लखनऊ में भी पुलिस ने एक बड़ा अभियान चलाया। लखनऊ के बाहरी इलाकों के झुग्गियों में रहने वाले लोगों पर पुलिस ने बड़ी कार्रवाई की। सर्च ऑपरेशन चलाते हुए लखनऊ पुलिस ने बिना आईडी वालों को पकड़ा है और जिनके पास आईडी है उनसे भी पूछताछ की गई कि आखिर कैसे उन्होंने ये आईडी बनवाई है।

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झुग्गियों में चलाया गया तलाशी अभियान

लखनऊ में पुलिस की इस कार्रवाई के दौरान महिलाओं की भी आईडी देखी गई और पुलिस के साथ महिला कॉन्स्टेबल्स ने झुग्गियों के अंदर जाकर पड़ताल की।

इस धरपकड़ अभियान में पुलिस की हिरासत में आए झुग्गीवालों का कहना है कि उनके आईडी कहीं और रखे हैं, जल्दी ही मंगवाकर वो पुलिस को दिखा देंगे।

सर्च ऑपरेशन के दौरान कुछ महिलाएं ऐसी मिलीं जिनके पास कोई आईडी नहीं थी लेकिन पुलिस ने नर्मी दिखाते हुए उन महिलाओं को जल्दी से अपनी आईडी बनाने की चेतावनी देते हुए छोड़ दिया।

लखनऊ के बाहरी इलाकों में पुलिस की कार्रवाई का असर ये है कि जिन झुग्गियों में चार से पांच सौ लोग रहते थे अब सिमट कर पचास तक पहुंच गए हैं और कई झुग्गियां खाली दिखने लगी हैं।

सीएम ने पहले ही दे दिया था एनआरसी का संकेत

बीते दिनों एक अखबार से बातचीत के दौरान सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने असम की तर्ज पर उत्तर प्रदेश में भी एनआरसी लागू करने की जरूरत बताई थी।

उसके बाद से लगातार एनआरसी को लेकर सुगबुगाहट मची हुई थी। इसी बीच पुलिस मुख्यालय से अवैध विदेशियों के खिलाफ अभियान चलाने को लेकर एक सर्कुलर जारी किया गया।

जिसमें प्रदेश के सभी जिलों के बाहरी छोर पर स्थित रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड, रोड के किनारे व उसके आसपास नई बस्तियों की पहचान किये जाने की बात कही गई है।

विडियो रिकार्डिंग कराने का निर्देश

पुलिस मुख्यालय ने आशंका जताई है कि इन जगहों पर बांग्लादेशी व अन्य विदेशी नागरिक अवैध रूप से शरण लेते हैं। ऐसे में निर्देश दिए गए हैं कि सतर्कता के साथ सभी का वेरिफिकेशन किया जाए और इस कार्य की वीडियो रिकॉर्डिंग कराई जाएगी।

जांच में अगर संबंधित व्यक्ति अपना पता अन्य राज्यों, जिलों में बताता है तो वहां से भी उसका वेरिफिकेशन कराया जाए।

पुलिस अधिकारियों को यह भी जांचने को कहा गया है कि कहीं किसी विदेशी नागरिक ने भारत में अपने प्रवास को नियमित करने के लिए कोई फर्जी दस्तावेज तो नहीं लगाए हैं।

इसके अलावा जो जिन लोगों की जांच की जाए उनके राशन कार्ड, वोटर कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, शस्त्र लाइसेंस, पासपोर्ट व आधार कार्ड की गहराई से छानबीन की जाए। अगर इन्हें बनवाने में कोई फर्जीवाड़ा किया गया है तो तुरंत जांच के बाद उन्हें रद करवाया जाए।

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क्या है नेशनल सिटिजन रजिस्टर

नए नेशनल सिटिजन रजिस्टर में उन सभी भारतीय नागरिकों के नाम, पते और फोटो हैं जो असम के निवासी है। यह पहला मौका है, जब सूबे में अवैध रूप से रहने वाले लोगों के बारे में जानकारी मिल सकेगी।

देश में लागू नागरिकता कानून से थोड़ा अलग रूप में राज्य में असम अकॉर्ड, 1985 लागू है। इसके मुताबिक 24 मार्च, 1971 की आधी रात तक सूबे में प्रवेश करने वाले लोगों को भारतीय नागरिक माना जाएगा।

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