45 मिनट में की 76 वर्षीय रोगी की NON INVASIVE SURGERY, बना विश्व रिकॉर्ड
76 वर्षीया रोगी हाइपरटेंशन और हाइपोथाइरॉयसिम के अलावा सीओपीडी (फेफड़ों की बुरी स्थिति), दोनों घुटनों में गंभीर ओस्टियोआर्थराइटिस की समस्या से भी पीड़ित थीं। उन्हें सांस लेने में तकलीफ और छाती में दर्द के कारण कई बार हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था।
नोएडा: सेक्टर-12 स्थित मेट्रो हॉस्पिटल्स ऐंड हार्ट इंस्टीट्यूट का दावा है कि उसने 45 मिनट में नॉन इनवेसिव सर्जरी कर विश्व रिकॉर्ड बनाया है। आमतौर पर इस सर्जरी में 4 से 5 घंटे का समय लगता है। यह सर्जरी 76 वर्षीय एक ऐसी महिला की हुई जो पिछले 15 साल से हाइपरटेंशनऔर पिछले 10 साल से हाइपोथाइरॉयसिम से पीड़ित थी।
गंभीर थी स्थिति
-सर्जरी में रोगी के हृदय में नॉन सर्जिकल प्रक्रिया से ट्रांसकेथेटर एओर्टिक वॉल्व रिप्लेसमेंट (टीएवीआर) व रोगी की मुख्य आर्टेरी में स्टेंटिंग के साथ इंजियोप्लास्टी भी की गई।
-रोगी 76 वर्षीय रमा धमानी हाइपरटेंशन और हाइपोथाइरॉयसिम के अलावा सीओपीडी (फेफड़ों की बुरी स्थिति), दोनों घुटनों में गंभीर ओस्टियोआर्थराइटिस की समस्या से भी पीड़ित थीं।
-उन्हें सांस लेने में तकलीफ और छाती में दर्द के साथ हार्ट अटैक के चलते कई बार हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था।
-उनकी ईको कार्डियोग्राफी में गंभीर और केलसीफिक एओर्टिक वॉल्व स्टेनोसिस का पता चला।
-उनकी क्रोनोरी एंजियोग्राफी से पता चला कि उनकी मुख्य आर्टेरी गंभीर रूप से ब्लॉक है।
-ऐसी हालत में न तो रोगी सर्जरी के लिए फिट थी और ना ही उनके परिवार वाले रोगी की ओपन हार्ट सर्जरी कराना चाहते थे।
सर्जरी के लिए तैयार नहीं
-जब डॉक्टर उन्हें केथ लैब लेकर जा रहे थे तो रोगी के परिवार ने डॉक्टरों को स्पष्ट रूप से कहा कि अगर प्रक्रिया के दौरान किसी तरह की आपातकालीन सर्जरी की जरूरत भी पड़ी तो वह इसके लिए भी तैयार नहीं हैं।
-प्रक्रिया में रोगी को लोकल एनेस्थीसिया दिया गया। शुरूआत में मुख्य आर्टेरी की स्टेंटिंग के साथ एंजियोप्लॉस्टी की गई। इसके बाद 26 एम एम के आकार की खुद ही फैलने वाली प्री क्रिम्लड वॉल्व लगाई गई।
-प्रक्रिया के बाद एंजियोग्राफी और ईको से वाल्व के लीक और उसके कसाव को चेक किया गया। रोगी को 3 दिन बाद छुट्टी दे दी गई।
वादा हुआ पूरा
-हॉस्पिटल के चेयरमैन डॉ. पुरूषोतम लाल ने कहा कि उन्होंने 1992 में ही इस दिन का वादा कर लिया था।
-उनका दावा है कि नई दिल्ली में कार्डियोलोजिकल सोसायटी ऑफ इंडिया के वार्षिकोत्सव के दौरान उन्होंने कहा था कि एक दिन हम बिना सर्जरी के एओर्टिक वॉल्व रिप्लेसमेंट करेगें।
-12 जुलाई 2004 में उन्होंने अपनी टीम के साथ दुनिया में पहली बार कोर वॉल्व के साथ ट्रांसकेथेटर एओर्टिक वॉल्व रिप्लेसमेंट किया और उसकी रिसर्च से जुड़े पेपर भी प्रकाशित किए।
-अब 24 साल बाद उन्होंने बिना सर्जरी के नॉन इनवेसिव सर्जरी कर अपना रिकॉर्ड बना लिया। इस सर्जरी में चीरा नहीं लगाया जाता।
-इस सर्जरी में 18 लाख रुपए का खर्च आया।
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