UP Politics: बीजेपी ने ओपी राजभर को दिया रिटर्न गिफ्ट, Y श्रेणी सुरक्षा मिली

UP Politics: ओम प्रकाश राजभर को योगी सरकार की तरफ से ' Y ' श्रेणी की सुरक्षा दी गई है । शासन के आदेश पर गाजीपुर पुलिस ने दी सुरक्षा ।

Written By :  Rahul Singh Rajpoot
Update: 2022-07-22 04:26 GMT

Om Prakash Rajbhar। (Social Media)

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UP Politics: एनडीए की राष्ट्रपति उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू की ऐतिहासिक जीत के बाद यूपी की बीजेपी सरकार ने सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर  (Om Prakash Rajbhar) को वाई श्रेणी की सुरक्षा (Y category security) की प्रदान की है। योगी सरकार ने 21 जुलाई को जारी आदेश में गाज़ीपुर पुलिस (Ghazipur Police) से कहा है कि तत्काल ओम प्रकाश राजभर को वाई श्रेणी की सुरक्षा मुहैया कराई जाए. अब राजभर 16 पुलिसकर्मियों के सुरक्षा घेरे में रहेंगे। राष्ट्रपति चुनाव में ओपी राजभर समेत सभी 6 विधायकों ने अखिलेश यादव से अलग होकर एनडीए की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू को वोट किया था। जिसके बाद अब उन्हें योगी सरकार ने उन्हें रिटर्न में सुरक्षा का गिफ्ट दे दिया है।

अखिलेश से दूरी, बीजेपी से नजदीकी

ओम प्रकाश राजभर की अब सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव से दूरियां बढ़ गई हैं। हालांकि वह अभी भी गठबंधन के साथ होने की बात करते हैं लेकिन मौजूदा स्थिति और उनके बयानों को देखकर यह साफ है कि अब वह समाजवादी पार्टी के गठबंधन के सहयोगी के तौर पर नहीं हैं। उनकी नजदीकियां एक बार फिर से बीजेपी से बढ़ गई है। राष्ट्रपति चुनाव में द्रौपदी मुर्मू को खुला समर्थन कर वह अब बीजेपी के और भी करीब पहुंच गए हैं. जिसका असर ये हुआ सरकार ने उनकी सुरक्षा बढ़ा दी गई है। राष्ट्रपति चुनाव से ऐन वक्त पहले गृह मंत्री अमित शाह से राजभर की मुलाकात के बाद अब यह कयास लगाए जा रहे हैं कि वह जल्द ही कैबिनेट में शामिल हो सकते हैं या फिर बीजेपी उन्हें कोई और गिफ्ट दे सकती है। राजभर को भी एक भरोसेमंद सहयोगी की जरूरत है हालांकि वह मायावती के साथ भी जाने की बात कह चुके हैं लेकिन मायावती सत्ता से दूर हैं, बीजेपी सत्ता पर काबिज ऐसे में उनका झुकाव बीजेपी की तरफ बढ़ता दिखाई दे रहा है।

गौरतलब है कि ओमप्रकाश राजभर 2022 का विधानसभा चुनाव अखिलेश यादव के साथ मिलकर लड़े थे। सपा और सुभासपा गठबंधन से पूर्वांचल में बीजेपी को भारी नुकसान हुआ था और कई जिलों में बीजेपी का खाता नहीं खुला। राजभर की पार्टी के 6 विधायक हैं जबकि सपा का भी इसका मिला। लेकिन चुनाव बाद अखिलेश और राजभर की दोस्ती में दरार आ गई और एक बार फिर से अब बीजेपी राजभर के करीब जाते दिखाई दे रहे हैं ।

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