UP Politics: संजीव बालियान के समर्थन में आए ओपी राजभर, बोले- यूपी का चार भागों में हो बंटवारा
UP Politics: बलिया स्थित पार्टी कार्यालय में मीडिया से बातचीत करते हुए ओपी राजभर ने कहा भी प्रदेश को चार भागों में बांटने की मांग उठती रही है। उत्तर प्रदेश बडा़ प्रदेश है। हम इसके चार भागों में बांटने के पक्षधर हैं।
UP Politics: उत्तर प्रदेश में इन दिनों प्रदेश के बंटवारे को लेकर यानी कि पश्चिमी यूपी को अलग प्रदेश बनाने की मांग पर सियासत तेज हो गई है। दरअसल, भारतीय जनता पार्टी के सांसद संजीव बालियान ने पश्चिमी यूपी को अलग प्रदेश बनाने की वकालत की। संजीव बालियान की उस मांग का आज मंगलवार को सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर ने समर्थन किया। बलिया स्थित पार्टी कार्यालय में मीडिया से बातचीत करते हुए ओपी राजभर ने कहा भी प्रदेश को चार भागों में बांटने की मांग उठती रही है। उत्तर प्रदेश बडा़ प्रदेश है। हम इसके चार भागों में बांटने के पक्षधर हैं।
यूपी को चार भागों में बांट देना चाहिए: ओपी राजभर
ओम प्रकाश राजभर ने कहा, ये तो लंबे समय से डिमांड चल रही है। जैसे हम लोग पूर्वांचल की मांग करते हैं। कोई बुंदेलखंड की मांग करता है। कोई हरित प्रदेश की मांग करता है। अलग-अलग लोगों की अलग-अलग डिमांड है। वो उनकी सोच है, उनका विचार है प्रदेश बड़ा है तो प्रदेश में बंटवारे के हम भी पक्ष में हैं। बड़ा प्रदेश है, इसको चार भागों में बांट देना चाहिए।
पश्चिमी यूपी राज्य बना तो यह मिनी पाकिस्तान हो जाएगा: संगीत सोम
बता दें कि इससे पहले बीजेपी सांसद संजीव बालियान ने कहा था, पश्चिमी यूपी की आबादी आठ करोड़ है और हाई कोर्ट यहां से 750 किलोमीटर दूर है। ऐसे में पश्चिमी उत्तर प्रदेश को अलग प्रदेश बनाना चाहिए और मेरठ को इसकी राजधानी बनाया जाना चाहिए। हालांकि संजीव बालियान के बयान को लेकर मिलीजुली प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है, कुछ लोग समर्थन कर रहे हैं, तो कुछ लोग विरोध रहे रहे हैं। इसी कड़ी में बीजेपी के फायर ब्रांड नेता और पूर्व विधायक संगीत सोम ने उनकी इस मांग का विरोध किया है। संगीत सोम ने कहा अगर पश्चिमी यूपी राज्य बना तो यह मिनी पाकिस्तान हो जाएगा।
मायावती ने उठाई थी प्रदेश को चार भागों में बांटने की मांग
बता दें कि ये कोई पहला मौका नहीं है जब उत्तर प्रदेश को चार भागों में बांटने की बात की जा रही है। इससे पहले पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने अपने शासनकाल में यूपी को चार हिस्सों में बांटने का प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजा था। हालांकि उस समय तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने कई सवाल उठाते हुए मायावती को प्रस्ताव को वापस कर दिया था।