जिससे हो रही पंखुड़ी की शादी, उसकी पहली पत्नी आई सामने, पति पर लगाये ये आरोप
कांग्रेस और सपा के एक गठजोड़ ने प्रदेश के राजनितिक महौल में एक बार फिर हलचल पैदा कर दी है। यह हलचल सपा के पूर्व राष्ट्रीय प्रवक्ता अनिल यादव और सपा की पूर्व फायर ब्रांड अब कांग्रेस मीडिया सलाहकार पंखुड़ी पाठक के बीच एक दिसंबर को एक होने वाले गठजोड़ के कारण पैदा हुई।
नोएडा: कांग्रेस और सपा के एक गठजोड़ ने प्रदेश के राजनितिक महौल में एक बार फिर हलचल पैदा कर दी है। यह हलचल सपा के पूर्व राष्ट्रीय प्रवक्ता अनिल यादव और सपा की पूर्व फायर ब्रांड अब कांग्रेस मीडिया सलाहकार पंखुड़ी पाठक के बीच एक दिसंबर को एक होने वाले गठजोड़ के कारण पैदा हुई।
दोनों दिल्ली में परिणय बंधन में बंधने जा रहे है। शुक्रवार को सपा नेता की पत्नी मीडिया के सामने आई। उन्होने अपने वकील की मौजूदगी में पति (सपा नेता) पर संगीन आरोप लगाए।
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मारपीट और अभद्रता करने का आरोप
प्रेस वार्ता के दौरान पीड़िता के वकील विजय कुमार पांडे ने बताया कि सपा नेता और पीड़िता दोनों की शादी हिंदू रिती रिवाज के साथ सन 2013 में हुई। 18 मई 2015 को दोनों से एक पुत्र भी है। पुत्र होने के कुछ माह तक सब कुछ ठीक चलता रहा। 2016 में अचानक इनके पति का व्यवहार बदला और पीड़िता के साथ मारपीट व अभद्रता करने लगे।
इसकी शिकायत पीड़िता ने कई बार अपने सास व ससुर से की। उन्होंने भी बेटे का पक्ष लेते हुए कहा कि उसका औदा बढ़ गया है। तुमने शादी में सिर्फ डेढ़ करोड़ रुपए खर्च किए और अब वह 10 करोड़ का आदमी है।
इसके बाद उसे पति व देवर ने एक साल तक कमरे में बंद रखा। उसके साथ बंधक जैसा व्यवहार किया। उस पर 24 घंटे की निगरानी की जाती रही। इस दौरान उसने बताया कि वह पूर्व सपा नेता अनिल यादव वर्तमान में कांग्रेस में मीडिया सलाहकार पंखुड़ी पाठक (पूर्व सपा प्रवक्ता) के साथ विदेश घूमने गया था।
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जबरन तलाक के पेपर पर कराया साइन
वहां उसने मेरे साथ एक विडियो बना ली। इस कारण मैं फंस गया हूं और अब मुझे तुमसे छुटकारा चाहिए। बार बार बच्चे की हत्या का डर देकर 2018 में जबरन उसने कड़कड़डूमा कोर्ट में आपसी समझौते से तलाक फाइल कर दिया।
इस दौरान मेरे बेटे को सास ससुर अपनी निगरानी में रखते थे। लौटने के बाद ही बेटा मुझे सौंपा जाता था। यही नहीं इस बीच देवर ने मेरे साथ कई बार जबरन शारीरिक संबंध भी बनाए।
यही नहीं बार बार जान से मारने की धमकी देता था। आरोप लगाया कि तलाक होने की पूरी प्रक्रिया के दौरान उसे बंधक बनाकर रखा गया। इसके बाद घर से बाहर निकालकर मायके भेज दिया गया।
बहराल इन आरोपो ने राजनितिक परिवेश में चर्चाओं का महौल गर्म कर दिया है। आरोप प्रत्यारोप का खेल भी शुरू हो चुका है। बता दे सपा नेता सिर्फ शहर के ही दिग्गज राजनितिक नहीं बल्कि प्रदेश में उनका बाहुल्य है।
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अनिल यादव ने दी सफाई
वहीं इस मामले में अनिल यादव का कहना है कि मेरे ऊपर लगाये गये सभी आरोप बेबुनियाद है। यह सिर्फ प्रॉपर्टी हथियाने के लिए किया जा रहा है। आपसी सहमति से दोनों का तलाक हुआ था। तीन वर्ष से पूर्व पत्नी से अलग रह रहा हूं। मुझे बदनाम करने की कोशिश की जा रही है। इसके लिए कानूनी कार्रवाई करूंगा।