Up Election 2022: न्याय यात्रा के जरिए दलितों में सेंधमारी करने में जुटी रालोद

Up Election 2022: राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रशांत कनौजिया ने भाजपा और आरएसएस को आरक्षण विरोधी बताया

Report :  Sandeep Tayal
Published By :  Ragini Sinha
Update: 2021-09-18 17:45 GMT

Up Election 2022: न्याय यात्रा के जरिये दलितों में सेंधमारी करने में जुटी रालोद

Up Election 2022: उत्तर प्रदेश में 2022 में होने वाले विधानसभा चुनावों में दलित वोट बैंक में सेंधमारी करने का जिम्मा अब राष्ट्रीय लोक दल ने एससी एसटी प्रकोष्ठ को सौंप दिया है। RLD, SC/ST प्रकोष्ठ के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रशांत कनौजिया ने कहा कि दलितों पिछड़ों और महिलाओं को सामाजिक न्याय दिलाने के लिए और सामाजिक न्याय की स्थापना के लिए रालोद न्याय यात्रा शुरू करेगी और 9 अक्टूबर को काशीराम की विरासत को बचाने का काम करेगी। उन्होंने बुलंदशहर में पत्रकारों से वार्ता के दौरान कहा कि दलित किसी की बपौती नहीं है। बसपा का दलितों पर कोई अधिकार नहीं है , दलित, शोषितों को न्याय मिलना चाहिए। देश में जातिगत जनगणना होनी चाहिए। उन्होंने भाजपा व आर एसएस पर जातिगत जनगणना न कराकर दलितों के अधिकारों को खत्म करने का प्रयास का आरोप भी लगाया है।

बिहार चुनाव के दौरान मोहन भागवत ने आरक्षण को लेकर बयान दिया

बुलन्दशहर आये राष्ट्रीय लोकदल के एससी एसटी प्रकोष्ठ के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रशांत कनौजिया ने न्याय यात्रा के बहाने सरकार पर हमला बोला और कहा कि यूपी के योगी के राज में उत्तर प्रदेश दलितों , वंचितों, शोषितों, पिछड़ों को न्याय नही मिल रहा है। बल्कि आशा राम बापू, गुरमीत राम रहीम और चिन्मयानंद, कुलदीप सैंगर को पनाह देती है। उन्होंने कहा कि बेटियों की सुरक्षा मुश्किल हो चली है, क्योंकि मोदी योगी सरकार के पास न बेटी है और न ही खेती। उन्होंने निजीकरण पर भाजपा और आरएसएस को आरक्षण विरोधी बताया। उन्होंने कहा कि बिहार चुनाव के दौरान मोहन भागवत ने आरक्षण को लेकर बयान दिया था, चुनाव में भाजपा की बुरी हालत हुई। इसलिए अब भाजपा आरक्षण पर बयान देने के बजाय निजीकरण करने में लगी हुई है। कांशीराम की पार्टी दलितों की पार्टी थी, अब बहुजन समाज पार्टी सतीश चन्द मिश्रा की पार्टी होती जा रही है। यूपी में दलितों पर अत्याचार हो रहा है। बसपा औऱ भाजपा ब्राह्मण व प्रबुद्ध सम्मेलन करवा रही है।

मायावती और बसपा पर जमकर निशाना साधा

प्रशांत कनौजिया ने कहा जिन भाजपा नेताओं ने कभी गमले में पानी तक नही डाला वह नेता किसानों से कृषि कानूनों पर समझौते पर बात करने के लिए आते हैं। उन्होंने कहा कि सरकार को इस बार मतदाता पहला डोज 2022 और दूसरा डोज 2024 में देगा। उन्होंने मायावती और बसपा पर जमकर निशाना साधा और कहा कि यूपी में जब दलितों पर अत्याचार होते हैं, तो बसपा सुप्रीमो वहां नहीं पहुंचती। हाथरस, बिजनौर ,अलीगढ़, गोरखपुर कांड में आखिर मायावती दलितों के साथ क्यों खड़ी दिखाई नहीं दी। उन्होंने कहा कि कृषि बिल को लेकर चल रहा है किसानों का आंदोलन का असर 2022 के चुनाव में जरूर दिखाई देगा। उन्होंने सरकार से दलितों के हित में जातिगत जनगणना कराने और आरक्षण को खत्म करने की नीतियों को खत्म करने व देश के उद्योगों का निजी करण बंद करने की बात कही तथा दावा किया कि आगामी चुनाव में किसान,दलित, पीड़ित, शोषित रालोद का समर्थन करेंगे।


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