Bulandshahr News : 2002 में हुए फर्जी एनकाउंटर में फंसी पुलिस, दरोगा सहित 3 को जेल, SHO फरार

Bulandshahr News : बुलंदशहर में वर्ष 2002 में NH 91 पर सिकंद्राबाद कोतवाली क्षेत्र में हुए फर्जी एनकाउंटर मामले में आरोपी पुलिसकर्मी बुरी तरह फंस गये है।

Report :  Sandeep Tayal
Published By :  Vidushi Mishra
Update:2021-09-25 22:47 IST

Bulandshahr Crime News : 19 साल पहले वर्ष 2002 में NH 91 पर सिकंद्राबाद कोतवाली क्षेत्र में हुए फर्जी एनकाउंटर मामले में आरोपी पुलिसकर्मी बुरी तरह फंस गये है। न्यायालय ने जहां कोर्ट में पेश हुए उपनिरीक्षक संजीव कुमार को जेल भेज दिया वही न्यायलय से जारी गैर जमानती वारंट के बाद 3 कांस्टेबलों को भी जेल भेज दिया गया है। हालांकि उस समय के सिकंद्राबाद थाने के एसएचओ व सीओ पड़ से वीआरएस ले चुके रणधीर सिंह फरार है।

ये था पूरा मामला

3 अगस्त 2002 की सुबह सिकंद्राबाद में फर्जी पुलिस मुठभेड़ में मारे गये बीटेक के छात्र प्रदीप कुमार के पिता यशपाल सिंह ने बताया कि 3 अगस्त 2002 को उस समय के सिकन्द्रबाद थाने के थाना प्रभारी निरीक्षक रणधीर सिंह ने रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि वह देर रात को बुलंदशहर देहात कोतवाली बॉर्डर से टीम के साथ गश्त करते हुए वापस सिकंदराबाद की ओर लौट रहे थे । गांव आढ़ा मोड़ के निकट पहुंचे तो बिलसूरी की ओर से फायरिंग की आवाज सुनायी पड़ी।


जिस पर वह हमराही पुलिसकर्मी कांस्टेबल जितेंद्र सिंह, मनोज, श्रीपाल जीप चालक , सतेंद्र, संजीव कुमार, तोताराम और रघुराज के साथ मौके पर पहुंचे। जहां एक रोडवेज बस से यात्रियों के चीखने की आवाज आ रही थी। इसी दौरान बस से तीन बदमाश निकलकर आढ़ा गांव की ओर भागने लगे।

पुलिस के रोकने पर जब नही रुके तो बदमाशों ने पुलिस पर फायरिंग करनी शुरू कर दी। पुलिस की जवाबी फायरिंग में एक युवक की मौत हो गई। जिसकी शिनाख्त पुलिस ने प्रदीप कुमार(22) पुत्र यशपाल सिंह निवासी गांव सहपानी थाना सिकंदराबाद के रूप में हुई । पुलिस ने मृतक को लुटेरा बताया। थाना प्रभारी नीरिक्षक रणधीर ने धारा 307 व 25 आर्म्स एक्ट के तहत प्रदीप सहित 3 लोगो के खिलाफ सिकंद्राबाद कोतवाली में मामला।दर्ज किया था।

जाम लगाने पर किया था मामला दर्ज

छात्र प्रदीप को लुटेरा बताकर एनकाउन्टर में हत्या करने का आरोप लगाते हुए ग्रामीणों व परिजनों ने हाईवे पर जाम लगा प्रदर्शन किया था, परिजनों ने पुलिसकर्मियों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज करने की मांग की थी, मगर 4 अगस्त 2002 को थाना प्रभारी नीरिक्षक रणधीर ने जाम लगने पर मार्ग अवरुद्ध करने व सरकारी कार्य मे बाधा उत्पन्न करने के आरोप में यशपाल सहित 10 लोगो के खिलाफ मामला दर्ज कर डाला था।


CBCID ने भी कर दी थी क्लोज़र रिपोर्ट दाखिल

यशपाल सिंह ने बताया कि काफी जद्दोजहद के बाद सिकंद्राबाद के SHO रणधीर सहित 8 पुलिसकर्मियों के खिलाफ प्रदीप की हत्या का मामला दर्ज कराया जा सका। बाद में मामले की जांच होने पर सीबीसीआईडी ने भी एफआर लगा क्लोजर रिपोर्ट दाखिल कर दी थी। लेकिन उसी दौरान कोर्ट में प्रोटेस्ट पिटिशन दायर की।

जिसका संज्ञान लेते हुए कोर्ट ने एफआर निरस्त कर दी और मामले में सभी पुलिसकर्मियों के खिलाफ वाद दायर कर जांच पड़ताल के निर्देश दिए। साथ ही बाद में आरोपियों के खिलाफ पहले वारेंट जारी किए गए थे। न्यायालय ने मामले में अप्रैल 2019 को पूर्व थाना प्रभारी निरीक्षक सिकंदराबाद रणधीर सिंह (सेवानिवृत्त क्षेत्राधिकारी), पूर्व सिपाही संजीव कुमार (वर्तमान उपनिरीक्षक), सिपाही मनोज कुमार और जितेंद्र सिंह की गिरफ्तारी के लिए एनबीडब्ल्यू जारी किए थे।

एनबीडब्ल्यू जारी होने पर अब वर्तमान में उपनिरीक्षक हो चुके पूर्व आरोपी सिपाही संजीव कुमार ने गत 20 सितंबर को न्यायालय पहुंच कर आत्मसमर्पण किया। जबकि, एक आरोपी कांस्टेबल मनोज कुमार जिसकी वर्तमान में तैनाती सेल टैक्स विभाग मथुरा में है को 22 सितंबर को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया।

वहीं, शनिवार को पुलिस ने एक अन्य आरोपी सिपाही जितेंद्र सिंह को भी गिरफ्तार कर लिया है। लेकिन, अभी तक मुख्य आरोपी पूर्व थाना प्रभारी नीरिक्षक रणधीर सिंह ने अभी तक न तो सरेंडर किया है और पुलिस न ही उनकी गिरफ्तार कर सकी है।

4 पुलिसकर्मियों ने कोर्ट में किया था सरेंडर

यशपाल सिंह ने बताया गया कि छात्र प्रदीप हत्याकांड में मामले में वर्ष 2018 में आरोपी कांस्टेबल तोताराम, रघुराज और जीप चालक कांस्टेबल श्रीपाल ने एनबीडब्ल्यू जारी होने पर न्यायालय के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया। जबकि, आरोपी कांस्टेबल सतेंद्र ने वर्ष 2019 में सरेंडर किया। हालांकि, वर्तमान में ये सभी आरोपी जमानत पर चल रहे हैं।

फरार रणधीर की तलाश में जुटी है पुलिस

एसएसपी संतोष कुमार सिंह का कहना है कि न्यायालय ने प्रदीप एनकाउंटर मामले में आरोपी पुलिसकर्मियों के खिलाफ एनबीडब्लयू जारी किए थे। जिनमें से उपनिरीक्षक संजीव कुमार न्यायालय में हाजिर हो चुके हैं। जबकि, सिपाही जितेंद्र और मनोज को गिरफ्तार किया गया है। आरोपी रणधीर सिंह फरार है, शीघ्र फरार आरोपी को भी गिरफ्तार कर लिया जाएगा।

बेटे के हत्यारों को सजा दिलाने की 19 साल से कानूनी लड़ाई है जारी

फर्जी पुलिस मुठभेड़ में मारे गए छात्र प्रदीप कुमार के पिता यशपाल सिंह ने बताया कि बेटे को न्याय दिलाने के लिए 19 साल तक कानूनी लंबी लड़ाई लड़ी है दबंग पुलिस कर्मियों के खिलाफ लड़ाई लड़ने के दौरान बहुत सारी परेशानियों का सामना करना पड़ा आज भी उन्हें जान का खतरा सताता है।

यशपाल सिंह बताते हैं कि कानूनी लड़ाई लड़ने के लिए लोअर कोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक जाना पड़ा मगर उन्हें भारतीय न्यायालय पर आज भी पूरा भरोसा है। 19 साल तक लंबी लड़ाई लड़ने के लिए अपनी काफी जमीन भी बेच चुके हैं।

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