UP Election 2022: सपा-रालोद गठबंधन के लिए यह सीट काफी अहम, लालू के दामाद राहुल को बनाया प्रत्याशी, घेरेबंदी में जुटी भाजपा

UP Election 2022: भाजपा की ओर से इस सीट पर लक्ष्मी राज को चुनाव मैदान में उतारा गया है। भाजपा की ओर से 2017 में सीट पर विमला सोलंकी ने जीत हासिल की थी मगर भाजपा ने इस बार प्रत्याशी बदलते हुए लक्ष्मी राज को चुनाव मैदान में उतारा है।

Written By :  Anshuman Tiwari
Published By :  Divyanshu Rao
Update: 2022-01-19 14:41 GMT

UP Election 2022

UP Election 2022: उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव में इस बार एक सीट ऐसी भी है जो बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और राजद मुखिया लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) के कुनबे के लिए भी काफी महत्वपूर्ण मानी जा रही है। यह सीट है बुलंदशहर (bulandshahr vidhan sabha) जिले की सिकंदराबाद सीट (sikandrabad assembly constituency) जहां से इस बार किस्मत आजमाने के लिए लालू के दामाद राहुल यादव (Rahul Yadav) चुनाव मैदान में उतरे हैं। सपा-रालोद गठबंधन के संयुक्त प्रत्याशी के रूप में राहुल ने बुधवार को सीट से नामांकन दाखिल किया। भाजपा (BJP) ने भी इस सीट पर अपने पत्ते खोल दिए हैं।

भाजपा की ओर से इस सीट पर लक्ष्मी राज को चुनाव मैदान में उतारा गया है। भाजपा की ओर से 2017 में सीट पर विमला सोलंकी ने जीत हासिल की थी मगर भाजपा ने इस बार प्रत्याशी बदलते हुए लक्ष्मी राज को चुनाव मैदान में उतारा है। माना जा रहा है कि राहुल के चुनाव प्रचार के लिए लालू और तेजस्वी यादव भी क्षेत्र का दौरा कर सकते हैं। भाजपा इस सीट पर लालू के दामाद की घेरेबंदी में जुटी हुई है।

लालू परिवार और पिता की पैरवी काम आई

सपा-रालोद गठबंधन के संयुक्त प्रत्याशी राहुल की शादी लालू प्रसाद की चौथी बेटी रागिनी के साथ हुई है। राहुल का ताल्लुक एक सियासी परिवार से है और उनके पिता जितेंद्र यादव मौजूदा समय में सपा के एमएलसी हैं। सिकंदराबाद सीट से टिकट हासिल करने के लिए कि सपा के कई दिग्गजों ने ताकत लगा रखी थी मगर आखिरकार राहुल यादव एक बार फिर सपा का टिकट पाने में कामयाब रहे। माना जा रहा है कि लालू यादव के परिवार की ओर से की जा रही पैरवी और अपने पिता के सियासी रसूख के कारण राहुल टिकट पाने में कामयाब रहे। मुलायम के कुनबे से लालू के परिवार का करीबी रिश्ता है और यह रिश्ता टिकट दिलाने का मजबूत आधार बना।

2017 में तीसरे नंबर पर रहे

वैसे यह पहला मौका नहीं है जब राहुल यादव चुनाव मैदान में उतरे हैं। सपा की ओर से 2017 में भी उन्हें चुनाव मैदान में उतारा गया था मगर उन्हें पराजय का सामना करना पड़ा था। 2017 में भाजपा की विमला सोलंकी ने उन्हें सिकंदराबाद सीट पर चुनाव हराया था। विमला को उस चुनाव में एक लाख चार हजार 956 वोट हासिल हुए थे जबकि राहुल यादव सिर्फ 48 हजार 910 वोट हासिल कर सके थे। 2017 में राहुल तीसरे नंबर पर पिछड़ गए थे और उनसे ज्यादा वोट बसपा प्रत्याशी इमरान अंसारी ने हासिल किए थे। इमरान अंसारी 76,333 वोट हासिल करके दूसरे नंबर पर रहे थे। तीसरे नंबर पर रहने के बावजूद राहुल 2022 के चुनाव में भी सपा का टिकट हासिल करने में कामयाब रहे।

जयंत चौधरी और अखिलेश यादव की तस्वीर (फोटो:सोशल मीडिया)

योगी सरकार पर बोला हमला

नामांकन पत्र दाखिल करने के बाद राहुल ने प्रदेश की योगी सरकार पर जोरदार हमला बोला। उन्होंने प्रदेश सरकार को हर मोर्चे पर नाकाम बताते हुए पापी सरकार तक की संज्ञा दे डाली। उन्होंने कहा कि इस बार के चुनाव में महंगाई, बेरोजगारी और किसानों का मुद्दा सबसे ज्यादा अहम होगा और मतदाता इन्हीं मुद्दों को ध्यान में रखकर मतदान करेंगे। उन्होंने युवाओं का समर्थन मिलने का भरोसा भी जताया। माना जा रहा है कि राहुल के प्रचार के लिए लालू और तेजस्वी यादव भी सिकंदराबाद का दौरा कर सकते हैं।

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