राजधानी के सभी PCS अफसर हड़ताल पर, वकीलों ने की थी पिटाई, छावनी में बदला कलेक्ट्रेट
लखनऊ: राजधानी में शुक्रवार को डीएम कार्यालय में वकीलों और अौर पीसीएस अधिकारियों के बीच हुई मारपीट और झड़प के चलते शनिवार को पूरे कलेक्ट्रेट को छावनी में तब्दील कर दिया गया है। जहां एक ओर पीसीएस अधिकारियों के साथ कलेक्ट्रेट कर्मचारी संघ और लेखपाल संघ आरोपी वकीलों की गिरफ्तारी की मांग कर रहे हैं। वहीं दूसरी ओर सेंट्रल बार एसोसिएशन के पदाधिकारी अधिकारियों के खिलाफ कार्यवाही करने और एक पक्षीय कार्यवाही के विरोध में हड़ताल पर चले गए हैं। माहौल में तनाव इस कदर है कि लेडी सिंघम कही जाने वाली एसएसपी मंजिल सैनी भी हालात को संभाल नहीं पा रही हैं। हालांकि उच्च्ा अधिकारियों के निर्देश पर वह फोर्स के साथ कलेक्ट्रेट परिसर में मौजूद हैं।
अधिकारी-वकील विवाद को बढ़ते हुए देखकर जीएम सत्येंद्र सिंह ने एसएसपी को कलेक्ट्रेट परिसर का सिक्योरिटी मैप बनाने का आदेश दिया है। उन्होंने कहा कि परिसर का सुरक्षा चक्र मजबूत किया जाएगा। एक कंपनी पीएससी तैनात रहेगी।
कलेक्ट्रेट में अंदर सन्नाटा, बाहर गहमागहमी का माहौल
- कलेक्ट्रेट में शुक्रवार को हुए बवाल के बाद 5 कंपनी पीएसी तैनात कर दी गई है।
- कलेक्ट्रेट पूरी तरह छावनी में तब्दील हो गया है।
- उच्च अधिकारियों के सख्त निर्देश के बाद एसएसपी मंजिल सैनी, एसपी क्राइम और कई थानों की फोर्स के साथ वहां मौजूद हैं।
- किसी भी व्यक्ति को कलेक्ट्रेट के अंदर पूरी छानबीन के बाद ही प्रवेश दिया जा रहा है।
- सीसीटीवी कैमरों से पूरे इलाके पर नजर रखी जा रही है।
- हड़ताल के चलते काम- काज पूरी तरह ठप्प है।
- कलेक्ट्रेट में अंदर एकदम सन्नाटा है और बाहर गहमागहमी का माहौल है।
-इतना ही नहीं पांचों तहसील के कर्मचारी वकीलों पर कार्यवाही की मांग को लेकर हड़ताल पर हैं।
- डीएम सत्येंद्र सिहं ने बताया कि एहतियातन फोर्स लगाई गई है और वकीलों से वार्ता चल रही है।
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वकीलों ने लगाया था कर्मचारी पर रिश्वत मांगने का आरोप, एसीएम और एडीएम को दिया था धक्का
- सेंट्रल बार एसोसिएशन के महासचिव ब्रजेश कुमार यादव ने बताया कि शुक्रवार को लखनऊ बार के उपाध्यक्ष 'मध्य' अनुराग त्रिवेदी एसडीएम सदर के कार्यालय में एक चालान जमा करने गए थे।
- वहां अमित कुमार नामक कर्मचारी उनसेे अभद्रता करने लगे।
- वकीलों को आरोप है कि अमित कुमार ने चालान जमा करने के लिए रिश्वत की मांग की।
- जबकि अमित कुमार का कहना है कि वकील अनुराग त्रिवेदी एक फाइल आगे बढ़ाने का दबाव बना रहे थे।
- जब अमित ने मना किया तो अनुराग त्रिवेदी ने उन्हें और पेशकार नरेंद्र को पीट दिया।
- बीच बचाव करने पहुंचे एसीएम तृतीय अनिल कुमार मिश्रा और एडीएम वेस्ट जयशंकर दुबे से भी वकीलों ने मारपीट की।
- आरोप है कि वकीलों ने उनका सीयूजी मोबाइल छीन लिया।
-इतना ही नहीं बल्कि एडीएम जयशंकर दुबे, निधि श्रीवास्तव सहित अन्य अधिकारियों व कर्मचारियों से धक्का-मुक्की व बदसलूकी की गई।
- एसडीएम कार्यालय में तोड़फोड़ की गई और दस्तावेज भी फाड़ दिए गए।
- एसीएम तृतीय की तहरीर पर वकीलों के खिलाफ केस दर्ज हुआ तो वकीलों ने भी अधिकारियों के खिलाफ क्रास एफआईआर करवा दी।
- इसके बाद मामले ने जबरदस्त तूल पकड़ लिया था।
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अधिकारियों पर दर्ज हुआ लूट का मुकदमा, देर रात स्पंज किया गया
- शुक्रवार को बवाल के बाद दोनों पक्षो ने एक दूसरे पर एफआईआर दर्ज करवा दी थी।
- कैसरबाग कोतवाली में एसीएम तृृतीय अनिल मिश्रा ने अधिवक्ता अनुराग त्रिवेदी, कुलदीप वर्मा और 10 अज्ञात पर धारा 395, 397, 332, 353 व लोक संपत्ति क्षति निवारण अधिनियम के तहत केस दर्ज करवाया।
- इसके बाद अधिवक्ताओं ने क्रास एफआईआर दर्ज करवाई, जिसमें एडीएम वेस्ट जयशंकर दुबे, एडीएम वित्त एवं राजस्व निधि श्रीवास्तव और एसीएम तृतीय अनिल मिश्रा सहित 15 कर्मचारियों पर पीटने और लूटपाट का मुकदमा दर्ज करवाया।
- इसके बाद सारे अधिकारी डीएम कैंप आफिस पहुंचकर सामूहिक गिरफ्तारी देने लगे।
- इस पर डीएम सत्येंद्र सिह के आदेश पर देर रात अधिकारियों के खिलाफ दर्ज मुकदमा स्पंज कर दिया गया।
- इतना ही नहीं देर रात कलेक्ट्रेट चौकी इंचार्ज अमरनाथ को सस्पेंड कर दिया गया।
- डीएम ने पूरी घटना की मजिस्ट्रेटी जांच के आदेश दिए हैं और एडीएम ट्रांस गोमती अशोक कुमार को जांच अधिकारी नियुक्त किया है।
पीसीएस यूनियन ने बुलाई थी आपता बैठक, मंजिल सैनी भी हो गईं थी फेल
-इस पूरे घटनाक्रम को लेकर PCS यूनियन अध्यक्ष उमेश प्रताप सिंह ने आपातकालीन बैठक बुलाई।
-यूनियन के कार्यकर्ताओं का कहना था कि अधिकारियों के खिलाफ केस वापस न होने पर प्रदेश के सारे पीसीएस अधिकारी आंदोलन करेंगे।
- इसके बाद राजधानी के पीसीएस अफसर डीएम आवास पहुंच कर हंगामा करने लगे।
- इतना सब होने तक एसएसपी मौके पर नहीं पहुंची।
- डीएम आवास पर बवाल की सूचना पर वहां आईं और सीधे बातचीत से बचती रहीं।
-इसके बाद पीड़ित PCS अफसरों को डीएम ने बातचीत के लिए बुलाया और एसएसपी को केस स्पंज करवाने का आदेश दिया।