लोग यही कहेंगे कि भिखारी था मर गया, परिवार पर टूटी आफत
घटना की सूचना पाकर मौके पर पहुंची कोतवाली पुलिस ने शव को कब्जे में लिया तथा पंचायत नामा बड़े जाने की कार्रवाई चल रही थी।
औरैया। कहते हैं गरीबी एक ऐसी चीज है जिससे कोई भी जीत नही सकता और पेट की आग किसी से कुछ भी करा सकती है। ऐसा ही एक मामला बुधवार को शहर के रोडवेज बस स्टैंड के सामने देखने को मिला। जिसमें भीख मांग कर अपने तीन बच्चों व पत्नी का भरण पोषण करने वाले व्यक्ति की मौत हो गई | मौत की जानकारी जैसे ही उसके परिजनों को मिली तो उन में कोहराम मच गया और पत्नी ने रोते हुए अपनी पीड़ा बताई और कहा कि अब उसके तीन मासूम बच्चों का भरण पोषण कैसे हो सकेगा।
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लॉकडाउन में जीना हुआ मुश्किल
कोतवाली अजीतमल क्षेत्र के ग्राम चेनू का पुरवा निवासी लल्ला सिंह पुत्र जैसीराम उम्र 45 वर्ष कई वर्षों से अपने परिवार का भीख मांग कर भरण पोषण करता था। मगर लॉकडाउन में उसे लोगों से ज्यादा मदद नहीं मिल सकी और शायद इसीलिए भूख ने उसकी जान ले ली। लल्ला सिंह की मौत की खबर जैसे ही उसकी पत्नी अंजलि को हुई तो वह रोते बिलखते हुए पहुंच गई।
मृतक लल्ला सिंह की पत्नी अंजलि ने जानकारी देते हुए बताया कि वह कई वर्षों से अपने गांव चेनू का पुरवा से सुबह निकल आता था और शहर में भीख मांग कर अपने परिवार के लिए भोजन आदि की व्यवस्था करता था। रोज की भांति वह बुधवार की सुबह भी घर से निकला।
शव को कब्जे में लिया
दोपहर में उसके पास किसी की सूचना आई कि उसके पति की हालत खराब है और वह रोडवेज के समीप है। इसलिए वह दौड़ती हुई वहां पहुंच गई। वहां पहुंचकर जैसे ही उसने अपने पति को मरा पाया तो वह चीखने चिल्लाने लगी। अंजलि ने बताया कि उसके 2 पुत्र व एक पुत्री है। 2 पुत्र दीपक 15 वर्ष और आकाश 13 वर्ष का है तथा पुत्री अवनी 8 वर्ष की है। रोते हुये कहा कि अब किसके सहारे इन बच्चों का भरण पोषण करेंगी।
घटना की सूचना पाकर मौके पर पहुंची कोतवाली पुलिस ने शव को कब्जे में लिया तथा पंचायत नामा बड़े जाने की कार्रवाई चल रही थी।
रिपोर्टर- प्रवेश चतुर्वेदी,औरैया
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